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रूस में ऑनलाइन सेंसरशिप? गूगल, फेसबुक और ट्विटर पर बढ़ा दबाव, क्रेमलिन से खिलाफत पड़ेगी महंगी

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मॉस्को, 28 मई। दुनिया भर में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदाता कंपनियों की ऑनलाइन फ्रीडम के 'अधिकार' को चुनौती मिलने लगी है। इस कड़ी में रूस में भी गूगल, ट्विटर और फेसबुक पर क्रेमलिन से जारी आदेशों को मानने को लेकर दबाव बढ़ रहा है। इन कंपनियों से रूस के नियामकों द्वारा तय आदेशों को मानने या फिर प्रतिबंधों के जोखिम के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

Vladimir Putin

रूस के इंटरनेट नियाम रोस्कोमजॉर ने हाल ही अपनी उन मांगों को तेज कर दिया है जिसमें इन अमेरिकी कंपनियों से देश के नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑनलाइन कंटेंट को हटाने की मांग तेज कर दी है। इसके साथ ही क्रेमलिन समर्थक उस कंटेंट को फिर से बहाल करने की मांग भी हो रही है जिसे ऑनलाइन कंपनियों ने ब्लॉक कर दिया था।

जारी हुआ नया आदेश
इसी साल जनवरी में रूस में क्रेमलिन के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने अपने संदेशों को पहुंचाने के लिए फेसबुक, ट्विटर और गूगल को उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया था। जिसके बाद से ही इन कंपनियों पर दबाव तेज कर दिया गया है। रूसी नियामक ने कंपनियों को एक सप्ताह का समय दिया है जिसमें कहा गया है कि यदि कंपनियां नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है या उनकी पहुंच पर रोक लगाई जा सकती है।

हालिया गतिरोध इस सप्ताह की शुरुआत में बढ़ा है जब रूसी नियामक रोस्कोमजॉर ने सोमवार को गूगल से हजारों बिना पहचान वाले अवैध कंटेंट को ब्लॉक करने को कहा था अन्यथा कंपनी की सेवाओं की पहुंच कम दी जाएगी। मंगलवार को रूस की एक अदालत ने गूगल पर एक कंटेंट न हटाने के चलते 60 लाख रुबल यानि 81000 डॉलर का जुर्माना लगाया था।

दुनिया भर में बढ़ रहा दबाव
बुधवार को रूस ने फेसबुक और ट्विटर से देश के भीतर 1 जुलाई से सभी रूसी यूजर्स का डेटा रीस्टोर करने या फिर जुर्माने का सामना करने का आदेश दिया है। इसके पहले मार्च में सरकार द्वारा अवैध बताए गए कंटेंट को ट्विटर से न हटाने के बाद अधिकारियों ने ट्विटर पर पोस्ट देखना और उसे भेजने को कठिन बना दिया था। नियामक के अनुसार ट्विटर से आदेशों का पालन करने के लिए 6000 पोस्ट हटाए हैं वहीं अधिकारियों ने फेसबुक को भी ऐसे ही जुर्माने की धमकी दी है।

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रूस का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर क्रैकडाउन दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही उस लहर का हिस्सा है जिसमें इंटरनेट पर नियंत्रण करने की कोशिश की जा रही है। भारत में भी इंटरनेट पर नए रेगुलेशन को लेकर सरकार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बीच ठनी हुई है। नए नियमों के खिलाफ व्हाट्सएप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तो ट्विटर ने बयान जारी किया था। जिसके बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए इन कंपनियों को सीख देने की जगह आदेशों को मानने को कहा था।

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English summary
russia increasing pressure on google facebook and twitter
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