रूस ने 34 फ्रेंच राजनयिकों को देश से किया निष्काषित
रूस ने आज फ्रांस के 34 राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित कर दिया है। बता दें कि पिछले महीने फ्रांस ने भी कई रूसी राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित कर दिया था।
मास्को : यूक्रेन में जंग जारी है। दूसरी तरफ युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच मतभेद बढ़ते ही जा रहे है। यूरोप और अमेरिका रूस पर लगातार प्रतिबंध लगाता जा रहा है। वहीं, रूसी राजनयिकों को भी देश से निकाल रहे हैं। रूस भी इन मामलों में पीछे नहीं है। एएनआई से प्राप्त खबरों के मुताबिक रूस ने आज फ्रांस के 34 राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित कर दिया है।
जंग
के
बाद
से
निष्कासन
का
खेल
रूसी
विदेश
मंत्रालय
के
हवाले
से
एएफपी
ने
यह
खबर
दी
है।
बता
दें
कि
पिछले
महीने
फ्रांस
ने
भी
कई
रूसी
राजनयिकों
को
अपने
देश
से
निष्कासित
कर
दिया
था।
फ्रांस
ने
कहा
था
कि
रूस
के
राजनयिकों
का
अपने
देश
में
रखना
सुरक्षा
हितों
के
खिलाफ
है।
रूसी
राजनयिकों
को
किया
गया
था
निष्कासित
अप्रैल
में
फ्रांस
की
खुफिया
सेवाओं
ने
अपने
क्षेत्र
में
एक
गुप्त
अभियान
का
खुलासा
किया
था।
जिसके
बाद
राजनयिक
कवर
के
तहत
जासूस
के
तौर
पर
काम
करने
के
संदेह
में
फ्रांस
ने
छह
रूसी
राजनयिकों
को
निष्कासित
कर
दिया
था.
विदेश
मंत्रालय
ने
एक
बयान
में
कहा
था,
राजनयिक
कवर
के
तहत
काम
कर
रहे
छह
रूस
एजेंट
जिनकी
गतिविधियां
फ्रांस
के
राष्ट्रीय
हितों
के
विपरित
पाई
गईं,
उन्हें
व्यक्तित्वहीन
घोषित
किया
गया
है।
नाटो
में
शामिल
होना
चाहता
है
फिनलैंड
इससे
एक
दिन
पहले
रूस
ने
फिनलैंड
के
दो
राजनयिकों
को
भी
निष्कासित
करने
का
फैसला
लिया
था।
बता
दें
कि
फिनलैंड
ने
नाटो
में
शामिल
होने
का
अनुरोध
किया
है।
इसके
लिए
फिनलैंड
की
संसद
ने
अनुमोदन
स्वीकार
कर
लिया
है।
बदले
की
कार्रवाई
बताते
चले
कि
रूस
ने
फिनलैंड
और
स्वीडन
को
नाटों
में
न
शामिल
होने
की
धमकी
देता
रहा
है।
फिनलैंड
के
राजनयिकों
को
रूस
से
निकालने
की
कार्रवाई
बदले
के
तौर
पर
की
गई
है।
इससे
पहले
दो
रूसी
राजनयिकों
को
भी
फिनलैंड
ने
निकाल
दिया
था।
आरोप
लगाकर
राजनयिकों
का
हो
रहा
निष्कासन
जब
से
युद्ध
शुरू
हुआ
है
तब
से
लेकर
अब
तक
राजनियकों
को
निकालने
का
खेल
चल
रहा
है।
सबसे
पहले
अमेरिका
ने
संयुक्त
राष्ट्र
में
रूस
के
मिशन
के
12
राजनयिकों
को
निष्कासित
कर
दिया
था।
रूसी
विदेश
मंत्रालय
ने
इस
पर
तीखी
प्रतिक्रिया
व्यक्त
करते
हुए
अमेरिका
के
इस
कदम
को
शत्रुतापूर्ण
कार्रवाई
करार
दिया
था.
इसके
बदले
में
उसने
भी
कार्रवाई
करने
के
संकेत
दिए
थे.
इसके
बाद
कई
यूरोपीय
देशों
ने
रूस
के
राजनयिकों
को
निष्कासित
करना
शुरू
कर
दिया
था.
अप्रैल
में
रूस
ने
भी
यूरोपीय
संघ
के
18
राजनयिकों
को
देश
छोड़ने
को
कहा
था।
जंग
के
बाद
से
बनी
ऐसी
स्थिति
इस
तरह
यूरोप
के
कई
देशों
ने
रूसी
राजनयिकों
पर
जासूसी
का
आरोप
लगाकर
उन्हें
निष्कासित
कर
दिया
है।
नीदरलैंड
ने
17
रूसी
राजनयिकों
को
खुफिया
अधिकारी
करार
देकर
उन्हें
निष्कासित
कर
दिया
है।
दूसरी
तरफ
बेल्जियम
ने
21
रूसी
अधिकारियों
को
निष्कासित
कर
दिया
था।
फिर
चेक
गणराज्य
ने
भी
एक
रूसी
अधिकारी
को
निष्कासित
किया
है।
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