कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल पूरा करने वाला पहला देश बना रूस
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। हर देश इसका वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है। इस बीच अच्छी खबर ये आ रही है कि रूस वैक्सीन का क्लिनिकल टेस्ट पूरा करने वाला पहला देश बन गया है। इसके जो परिणाम आए हैं वो काफी प्रभावशाली हैं। सेचेनोव विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर क्लिनिकल रिसर्च ऑन मेडिसीन के प्रमुख और वैक्सीन के मुख्य शोधकर्ता ऐलेना स्मोलिआर्चुक ने रविवार को रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस को बताया कि टीका के लिए मानव परीक्षण विश्वविद्यालय में पूरा हो चुका है और उन्हें जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी।
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स्मोलिआर्चुक के रिपोर्ट में कहा गया है, "शोध पूरा हो चुका है और यह साबित हो गया है कि टीका सुरक्षित है। स्वयंसेवकों को 15 जुलाई और 20 जुलाई को छुट्टी दे दी जाएगी।" हालांकि, इस टीके के व्यावसायिक उत्पादन के चरण में प्रवेश करने के बारे में कोई और जानकारी नहीं है। आपको बता दें कि रूस ने 18 जून को गामाले नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित एक संभावित कोरोना वैक्सीन के दो रूपों के क्लिनिकल टेस्ट की अनुमति दी थी।
रूस पर लगा है रिसर्च चोरी का आरोप
एक तरफ रूस वैक्सीन बनाने की रेस में आगे चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर उस पर रिसर्च चोरी के आरोप भी लग रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने रूस पर आरोप लगाया है कि वह दुनियाभर में फैली महामारी कोरोना वायरस के वैक्सीन के लिए हो रही रिसर्च चुराने की कोशिश कर रहा है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने चेतावनी दी है कि रूस दूसरे देशों की रिसर्च को चोरी कर सकता है। मालूम हो कि रूस कोरोना वैक्सीन बनाने के काफी नजदीक है। उसका दावा है कि अबतक किए गए उसके सारे ट्रायल सही रहे हैं और जल्द ही वह वैक्सीन लॉन्च कर सकता है।
खबरों के मुताबिक, ब्रिटिश नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (NCSC) ने कहा है कि रूस की सरकार या सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े हैकर्स अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में वैक्सीन संबंधी अहम डाटा को निशाना बना सकते हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि रूस ने किन संस्थानों पर हैकिंग की कोशिश की है या अब तक किस तरह का डाटा चोरी हुआ है। इतना कहा जा रहा है कि हैकरों ने वैक्सीन रिसर्च में डाका डालने की कोशिश की। हालांकि रूस ने इन आरोपों से साफ इनकार किया गया है।
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी जारी करेगी ट्रायल का डेटा
ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca ने मिलकर जो वैक्सीन बनाई है, उसका शुरुआती ह्यूमन ट्रायल पूरा हो गया है। फिलहाल ब्राजील में वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है। शुरुआती स्टेज में वैक्सीन कितनी असरदार रही, इसका पता कल चलेगा जब यूनिविर्सिटी ट्रायल का डेटा जारी करेगी।
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