तेल, गैस और गेहूं... रूस के तीन हथियार के आगे घुटने पर अमेरिका, पुतिन के ऑफर से भड़के बाइडेन
यूक्रेन युद्ध और खराब मौसम की वजह से इस साल गेहूं की पैदावार में रिकॉर्ड नुकसान हुआ है और खराब मौसम उत्तरी अमेरिका, यूरोप, भारत और दक्षिण अमेरिका में उत्पादन की संभावनाओं को कम कर रहा है।
मॉस्को, मई 27: यूक्रेन युद्ध ने पूरी दुनिया को खाद्य संकट के दलदल में फंसा दिया है और यूनाइटेड नेशंस में सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, अब दुनिया के पास कुछ ही हफ्तों का गेहूं बचा हुआ है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुकिन ने अमेरिका को एक ऑफर दिया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि, अगर अमेरिका रूस के खिलाफ लगाए गये 'कुछ' प्रतिबंधों का हटा ले, तो रूस खाद्य संकट खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम उठाएगा।
रूस ने कैसे कंट्रोल किया गेहूं?
यूक्रेन युद्ध और खराब मौसम की वजह से इस साल गेहूं की पैदावार में रिकॉर्ड नुकसान हुआ है और खराब मौसम उत्तरी अमेरिका, यूरोप, भारत और दक्षिण अमेरिका में उत्पादन की संभावनाओं को कम कर रहा है। वहीं, पूरी दुनिया में रूस और यूक्रेन ही सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन करते हैं, लेकिन रूस ने यूक्रेन के बंदरगाव वाले शहरों पर कब्जा कर लिया है। रूसी सैनिक बंदरगाह वाले शहर ओडेसा और मारियुपोल पर पूरी तरह से कंट्रोल कर चुके हैं और रूस की नौसेना ने काला सागर पर कंट्रोल कर रखा है, लिहाजा यूक्रेनी बंदरगाह होते हुए अब गेहूं की सप्लाई नहीं हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले हफ्ते रूस, यूक्रेन, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के अधिकारियों के साथ यूक्रेनी अनाज निर्यात की बहाली पर बातचीत करने के लिए "गहन संपर्क" किया था। वहीं, अमेरिका अब आरोप लगा रहा है, कि रूस पूरी दुनिया को ब्लैकमेल कर रहा है।
तेल, ऊर्जा और अनाज... रूस के तीन हथियार
देखा जाए, तो यूक्रेन युद्ध के बाद तेल, गैस और अब गेहूं... इन तीन सामानों ने रूस के किसी भी मिसाइल से ज्यादा सटीक निशाना किया है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने जितने भी प्रतिबंध रूस पर लगाए हैं, उनसे बचने के लिए रूस अपने इन्हीं तीन ढालों का इस्तेमाल कर रहा है। अभी तक यूरोपीय देश और अमेरिका ये प्लान बना रहे थे, कि आखिर रूस से तेल और गैस की आपूर्ति को कैसे प्रतिबंधित किया जाए, लेकिन इस हफ्ते पूरी दुनिया का ध्यान खाद्य संकट पर है। यूएन महासचिल एंटोनियो गुटेरेस कहते हैं कि, 'मैं इस वक्त यूक्रेन के निर्यात को मुक्त करने के प्रयासों की जांच कर रहा हूं, लेकिन पहले रूस की गेहूं की स्थिति को भी देखना होगा'। रूस पिछले कई महीनों से लगातार गेहूं जमा करता जा रहा था, जिसके बारे में अब दुनिया को पता चला है। वहीं, पिछले कुछ हफ्तों में इतनी ज्यादा गर्मी पड़ी है, कि गेहूं को काफी नुकसान हुआ है।
रूस ने क्या दिया था ऑफर?
दरअसल, रूस ने अमेरिका को ऑफर दिया था, अगर उसपर लगाए गये प्रतिबंधों में कुछ प्रतिबंधों को अमेरिका हटा ले, तो वो उन बंदरगाहों से गेहूं निर्यात करने की इजाजत दे देगा, जहां उसका कंट्रोल है। लेकिन, अमेरिका ने रूस का ये ऑफर ठुकरा दिया है। और कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि, अमेरिका ने ना सिर्फ ऑफर ठुकराया है, बल्कि रूस के साथ बातचीत करने में शामिल होने का एक अहम मौका भी गंवा दिया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर अमेरिका रूस की शर्तों को मान लेता, तो पूरी दुनिया में एक सकारात्मक संदेश जाता, वहीं रूस को बातचीत की टेबल पर भी इंगेज का जा सकता था, लेकिन अमेरिका ने ऐसा नहीं किया। वहीं, अमेरिका ने रूस के ऊपर वैश्विक खाद्य संकट पैदा करने का आरोप मढ़ दिया है। अमेरिका ने कहा है कि, क्रेमलिन ने शिपमेंट को रोककर वैश्विक खाद्य संकट को बढ़ावा दिया है।
अमेरिका करेगा पैकेज का ऐलान
इस बीच सीएनएन ने अज्ञात सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया कि अमेरिका अगले हफ्ते यूक्रेन के लिए सहायता के नए पैकेज की घोषणा कर सकता है, जिसमें लंबी दूरी की रॉकेट प्रणाली और अन्य उन्नत हथियार शामिल होंगे। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी तेल की एक रिकॉर्ड मात्रा टैंकरों समुद्री जहाजों के जरिए भारत या चीन की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि अन्य राष्ट्र यूक्रेन में युद्ध के कारण आयात को प्रतिबंधित करते हैं। ऐसे में आशंका इस बात की भी है, कहीं इन जहाजों को निशाना ना बनाया जाए।
पूरी दुनिया में गेहूं पैदावार कम
स्थिति देखें, तो दुनिया के कई हिस्से में गेहूं का उत्पादन कम होने की आशंका जताई गई है। फ़्रांस के एक बड़े हिस्से में फ़सलें सामान्य तापमान से अधिक और शुष्क परिस्थितियों से प्रभावित होती हैं। वहीं, जर्मनी और पोलैंड में भी सूखा है। भारत ने गर्म मौसम के कारण अपने गेहूं की फसल के अनुमान में 4.4 प्रतिशत की कमी की आशंका जताई है और भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब भारत, सरकार से सरकार के बीच ही गेहूं का निर्यात करेगा। वहीं, यूएसडीए ने चीन की गेहूं की फसल 135 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल की तुलना में एक प्रतिशत कम है। इस वसंत ऋतु के अच्छे मौसम ने खराब बुवाई के मौसम में पिछली गिरावट के बाद पैदावार बनाए रखने में मदद की, लेकिन गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा और सामान्य से अधिक मात्रा में फ़ीड की गुणवत्ता होगी।
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