शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में किसी और नेता का भाषण पढ़ डाला? पाकिस्तान में मचा बवाल
इस्लामाबाद, 25 सितंबरः पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए भाषण को लेकर उनके देश में बवाल छिड़ा हुआ है। विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री का भाषण पूर्व पीएम इमरान खान के भाषण का कॉपी-पेस्ट संस्करण था।
पीएम पर लगाया भाषण चुराने का आरोप
पीएम शहबाज शरीफ पर भाषण चुराने का इल्जाम पूर्व विदेश मंत्री और पीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने लगाया है। उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र में खुद का भाषण तक नही दे पाए। पीटीआई नेता ने कहा कि शरीफ ने अपने भाषण में उन मुद्दों को शामिल किया जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पहले ही उजागर कर चुके हैं। शहबाज शरीफ ने कहा, "हो सकता है कि उन्होंने इमरान खान के पहले के भाषण को कॉपी-पेस्ट किया हो।"
इमरान खान का भाषण पढ़ने का आरोप
पीटीआई नेता कुरैशी ने कहा कि शहबाज शरीफ ने कश्मीर, अफगानिस्तान और इस्लामोफोबिया के मुद्दों को उसी तरह संबोधित किया जैसे पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने अपने भाषण के दौरान किया था। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने इमरान खान के पहले के भाषण को कॉपी-पेस्ट किया हो। शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में अपने संबोधन में कहा, "कश्मीरी लोगों पर भारत का अवैध और एकतरफा कब्जा और कश्मीरियों के खिलाफ उसका निर्मम अभियान दोनों देशों के बीच शांति की राह में बाधा डालता है।"
जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाने के लिए हुई तारीफ
वहीं, पीटीआई नेता कुरैशी ने जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाने के लिए शहबाज शरीफ की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के पीछे विकसित देशों के हाथ होने का संकेत देकर अच्छा काम किया। इसके साथ ही कुरैशी ने सवाल उठाया कि शहबाज शरीफ और उनके भाई नवाज शरीफ ने जलवायु परिवर्तन के लिए क्या कदम उठाए हैं? कुरैशी ने सरकार की निंदा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पीटीआई जलवायु परिवर्तन पर सत्ताधारी पार्टी के काम न करने की आलोचना करती है।
बाढ़ संकट का ठहराया जिम्मेदार
शाह महमूद कुरैशी ने मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के दोनों दलों को बाढ़ संकट का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पीपीपी और पीएमएल-एन की पिछली सरकारों ने पिछले चार दशकों में जल भंडारण सुविधाओं का निर्माण किया था और यह दावा किया था कि पाकिस्तान को बाढ़ की त्रासदी का सामना करना नहीं पड़ेगा। जबकि पाकिस्तान को सदी की सबसे भयानक बाढ़ संकट से गुजरना पड़ा। उसके विपरीत इमरान खान के एक करोड़ पेड़ लगाने की परियोजना को वैश्विक सराहना मिली। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई काम किए।