जापानी सांसदों के सबसे बड़े ‘गणेश ग्रुप’ से मिले पीएम मोदी, भारत आने का दिया न्योता, क्या है गणेश ग्रुप, जानें
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी प्रसिद्ध गणेश ग्रुप का हिस्सा हैं और इस ग्रुप का भारत से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन, इसका नाम भगवान गणेश के नाम पर रखा गया है।
टोक्यो, मई 24: क्वाड शिखर सम्मेलन में शिरकत करने जापान गये भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान के तीन पूर्व प्रधानमंत्रियो से मुलाकात की है। पीएम मोदी जापान के पूर्व मुख्यमंत्री योशिहिदे सुगा, सिंजो आबे और योशिरो मोरी से मुलाकात की है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और उनके सांसदों के 'गणेश ग्रुप' को भारत आने का न्योता दिया है।
पूर्व प्रधानमंत्रियों से मुलाकात
क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए टोक्यो गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन पूर्व जापानी प्रधानमंत्रियों, योशीहिदे सुगा, शिंजो आबे और योशिरो मोरी से मुलाकात की। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिन्होंने जापान के अपने पूर्व समकक्षों के साथ गर्मजोशी से मुलाकात की, इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री सुगा को इस साल भारत में होने वाले गणेशोत्सव उत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
क्या है जापान का गणेश ग्रुप?
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी प्रसिद्ध गणेश ग्रुप का हिस्सा हैं और इस ग्रुप का भारत से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन, इसका नाम भगवान गणेश के नाम पर रखा गया है, जो विघ्नहर्ता हैं, यानि जो तमाम कष्टों को दूर करते हैं। योशिहिदे सुगा सितंबर 2020 से सितंबर 2021 तक जापान के प्रधानमंत्री थे और उन्होंने कोविड कंट्रोल नहीं कर पाने के लिए अपनी जिम्मेदारी मानते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया था। वहीं, गणेश ग्रुप का निर्माण योशिहिदे सुगा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के 15 सांसदों ने मिलकर किया हुआ है और ग्रुप का नाम हिंदू विश्वास पर रखा है। खुद योशिहिदे सुगा भी इस ग्रुप का हिस्सा हैं।
भारत आने का दिया न्योता
एएनआई ने अधिकारियों के हवाले से कहा है कि, "जापान के पूर्व पीएम योशीहिदे सुगा गणेश समूह के सांसदों के समूह से संबंधित हैं। पीएम मोदी ने इसके लिए उनकी सराहना की। पीएम मोदी ने सांसदों के गणेश समूह को भारत आने और इस साल गणेशोत्सव के दौरान उत्सवों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया।" दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करते हुए कहा कि, पीएम मोदी ने भारत-जापान साझेदारी, विशेष रूप से लोगों से लोगों के संबंधों को गहरा करने में योशीहिदे सुगा के योगदान की सराहना की।"
गणेश ग्रुप के सांसदों की खास बातें
गणेश ग्रुप के सांसदों में तीन चीजें समान हैं। पहली बात, कि वे पहली पीढ़ी के सांसद हैं, यानि सभी सांसद युवा हैं और उन्होंने निचले सदन में चार या उससे कम का कार्यकाल पूरा किया है और वे किसी भी गुट से संबंधित नहीं हैं। जापान के पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ, खासकर शिंजो आबे के साथ पीएम मोदी की विशेष रूप से घनिष्ठ मित्रता रही है, जो सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले जापानी प्रधानमंत्री थे। शिंजो आबे दिसंबर 2012 से सितंबर 2016 तक जापान के प्रधानमंत्री थे।
शिंजो आबे के साथ पीएम मोदी की दोस्ती
दिसंबर 2015 में शिंजो आबे की भारत यात्रा के दौरान, दोनों नेताओं ने नई दिल्ली में शिखर वार्ता की थी और उसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की यात्रा की, जहां दोनों नेताओं ने गंगा आरती देखी थी। वहीं, शिंजो आबे के शासनकाल में अक्टूबर 2018 में जब पीएम मोदी ने जापान का दौरा किया तो जापान में उनका भव्य स्वागत किया गया था। टोक्यो में बैठक के अलावा शिंजो आबे ने पीएम मोदी की मेजबानी माउंट फ़ूजी के पास अपने गृह स्थान पर की थी, पहली बार उन्होंने किसी विदेशी नेता को अपने निजी लॉज में आमंत्रित किया था। जबकि 2000-2001 में जापान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले योशिरो मोरी और मोदी का कार्यकाल कभी मेल नहीं खाता है। दोनों नेताओं की पहली मुकालात साल 2016 में हुई थी।
क्यों बनाया गया गणेश ग्रुप?
निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, जब जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे ने अगस्त 2021 में अपने आश्चर्यजनक इस्तीफे की घोषणा की थी, तो 14 एलडीपी सांसदों के एक समूह ने एलडीपी के राष्ट्रपति चुनाव के लिए सुगा को अपना अटूट समर्थन दिया था। ये सभी 14 युवा एलडीपी सांसद एक गुट के नहीं थे और उनके माता-पिता या दादा-दादी भी राजनीति से ताल्लुक नहीं रखते थे। यह तब था जब एक जापानी सांसद, मनाबू सकाई ने 14 सांसदों के मिलकर ग्रुप का नाम भगवान "गणेश" के नाम पर रखा था, क्योंकि हिंदू भगवान को बाधाओं के विनाशक के रूप में पूजा जाता है।
लोगों की सहायता करता है गणेश ग्रुप
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, 2015 में गठित गणेश ग्रुप जापान की सबसे प्रमुख सहायता समूह बन चुकी है। और इस समूह के पास सदस्यों की औपचारिक सूची नहीं है, लेकिन सदस्यता के "प्रमाणपत्र" के रूप में गणेश की छोटी मूर्ति की जाती है। निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान के एक सांसद ने जब भारत की यात्रा की थी, तो उन्होंने यहां से भगवान गणेश की काफी तस्वीरें खरीदी थीं और फिर ग्रुप से जुड़ने वाले लोगों को कोई सर्टिफिकेट नहीं, बल्कि भगवान गणेश की तस्वीर दी जाती है।
क्वाड समिट में भारत ने दिखाया दम, जानिए इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण बात