अमेरिकी कंपनी फाइजर का दावा, वैक्सीन की तीसरी डोज डेल्टा वेरिएंट से देगी मजबूत सुरक्षा
नई दिल्ली, 29 जुलाई। अमेरिका की बायोफार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ काफी मजबूत सुरक्षा दे सकती है। कंपनी की ओर से जो आंकड़े पेश किए गए हैं उसके अनुसार 18-55 साल के लोग जिन्होंने फाइजर की तीसरी डोज ली उनके भीतर डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ एंटिबॉडी दूसरी डोज की तुलना में पांच अधिक थी। जिन लोगों की उम्र 65-85 साल के बीच है, उनके भीतर वैक्सीन की तीसरी डोज लेने के बाद एंटिबॉडी दूसरी खुराक की तुलना में 11 गुना अधिक थी। फाइजर जल्द ही वैक्सीन की आपातकालीन तीसरी खुराक दिए जाने की अनुमति के लिए आवेदन कर सकता है। कंपनी के ग्लोबल रिसर्च के मुखिया मिकेल डोल्सटन ने कहा कि हम जल्द ही तीसरी खुराक की आपात अनुमति के लिए अगले महीने आवेदन करेंगे।
बता दें कि कई देशों में कोरोना के नए डेल्टा वेरिएंट के मामले सामने आए हैं जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई है। इस वेरिएंट के खतरे को देखते हुए इजराइल समेत कई देशों ने लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज देनी शुरू कर दी है। हाई रिस्क ग्रुप में जो लोग हैं और गंभीर बीमारी का सामना कर रहे हैं, ऐसे लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज देना शुरू कर दिया गया है। बता दें कि डेल्टा वेरिएंट तकरीबन 125 देशों में सक्रिय है। जिसमे भारत में तकरीबन 86 फीसदी नए मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं। आईसीएमआर ने भी ब्रेकथ्रू संक्रमण की बात अपनी स्टडी में कही है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक इस बाबत कुछ नहीं कहा है कि क्या कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज आवश्यक है। दरअसल भारत समेत कई देश वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं। भारत की ही बात करें तो मुश्किल से पांच फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग सकी है।