चीन की इकोनॉमिक कॉलोनी बनने के करीब पहुंचा पाकिस्तान, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का बड़ा फैसला
चीन के केंन्द्रीय बैंक ने पिछले दिनों पाकिस्तान को एक चिट्ठी लिखी है और पाकिस्तान को कहा है कि, वो अब चीन के करेंसी में व्यापार और लेनदेन शुरू करे।
इस्लामाबाद/बीजिंग, मई 28: चीन के कर्ज के जाल में पहले से ही फंसे पाकिस्तान को लेकर पिछले कई सालों से कहा जा रहा था, कि आज नहीं तो कल, पाकिस्तान चीन का इकोनॉमिक कॉलोनी बन जाएगा और पाकिस्तान सरकार के कहने पर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को एक ऐसा फैसला करना पड़ रहा है, जो पाकिस्तान को चीन का इकोनॉमिक कॉलोनी बनने के एक कदम करीब और ला देगा।
चीन ने दिया पाकिस्तान को आदेश!
चीन के केंन्द्रीय बैंक ने पिछले दिनों पाकिस्तान को एक चिट्ठी लिखी है और पाकिस्तान को कहा है कि, वो अब चीन के करेंसी में व्यापार और लेनदेन शुरू करे। चीन ने पाकिस्तान सरकार को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें कहा गया है कि, पाकिस्तान, चीनी मुद्रा में व्यापार और लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए आरएमबी कैपिटल सर्कुलेशन सिस्टम स्थापित करे। चिट्ठी में कहा गया है कि, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, चीन के केन्द्रीय बैंक से बात करे और इस बाबत आगे की कार्यवाही शुरू करें। इस चिट्ठी के बाद पाकिस्तान सरकार ने वित्त मंत्रालय और केंद्रीय बैंक से चीनी अधिकारियों के प्रस्ताव की समीक्षा करने और व्यावहारिक कदम उठाने को कहा है। पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी और इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच औपचारिक बातचीत शुरू की जाएगी।
चीन के इस आदेश का मतलब
चीन की करेंसी पिछले कई महीनों से गिर रही है और चीन की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है, लिहाजा चीन ने अपना घर बचाने के लिए पाकिस्तान को 'बलि का बकरा' बनाने का फैसला कर लिया है। चीन के इस आदेश का पाकिस्तान के लिए मतलब है, कि अब पाकिस्तान जो भी इंटरनेशनल लेन देन करेगा, खरीद बिक्री करेगा, उसे वो चीन की करेंसी में आरएमबी में करना होगा। चीन ने इसके पीछे तर्क ये दिया है, कि अगर पाकिस्तान चीन की करेंसी में अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन करता है, तो उसकी करेंसी जो डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रही है, उसका गिरना बंद हो जाएगा और पाकिस्तानी रुपये का जो वैल्यू करीब 300 तक पहुंचने की आशंका है, वो 250 के आसपास रूक जाएगा।
आपदा में अवसर देख रहा चीन
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है और देश को डिफॉल्टर होने से बचाने के लिए शहबाज शरीफ ने पेट्रोल की कीमत में 30 रुपये और बिजली दर में 7 रुपये की बढ़ोतरी की है। आर्थिक विशेषज्ञों ने आशंका जताई है, अगर पाकिस्तान एक बार भी अपने कर्ज का किश्त चुकाने में नाकामयाब रहता है, तो डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का वैल्यू 350-400 को पार कर सकता है और चीन भी इस बात को अच्छी तरह से जानता है, लिहाजा पाकिस्तान के आपदा में चीन अपना अवसर तलाश रहा है। यहां एक चीज और जान लेना जरूरी है, कि चीन पाकिस्तान से सिर्फ ये नहीं कर रहा है, कि चीन-पाकिस्तान व्यापार में ही चीनी करेंसी का इस्तेमाल किया जाए, बल्कि चीन ने ये कहा है, कि पाकिस्तान भविष्य में किसी भी देश के साथ कोई लेन-देन क्यों वा करे, वो लेनदेन चीन की करेंसी में ही होगी।
पाकिस्तान किस तरह इस्तेमाल करेगा चीनी करेंसी?
चीन ने पाकिस्तान को जो प्रस्ताव दिया है, उसके तहत पाकिस्तान को पहले फेज में अपने देश में चीन की करेंसी को लांच करना पड़ेगा। जिससे धीरे धीरे पाकिस्तान के कारोबारियों को चीन की करेंसी का वास्तविक वैल्यू पता चल सके और धीरे धीरे पाकिस्तान के व्यापारी अपने विदेशी लेनदेन में चीनी करेंसी इस्तेमाल करने का अभ्यस्त होने लगे। वहीं, दूसरे फेज में पाकिस्तान अपने हर विदेशी लेनदेन के लिए डॉलर को छोड़कर चीन की करेंसी युआन का इस्तेमाल करे। वहीं, चीन ने कहा है कि, पाकिस्तानी करेंसी को 'चायना फॉरेन एक्सचेंज सिस्टम' के जरिए चीन की करेंसी में कन्वर्ट कर देगा और फिर उस करेंसी के जरिए पाकिस्तान अपना विदेशी लेनदेन करे।
खत्म हो जाएगी पाकिस्तान की वित्तीय आजादी
चीन ने पाकिस्तान सरकार को कहा है कि, वो पाकिस्तानी मुद्रा और चीनी करेंसी में फ्री एक्सचेंज को स्वीकार करे और आरएमबी कैपिटल सर्कुलेशन के जरिए इसका मॉनिटर किया जाएगा। अपने आदेश में चीन ने पाकिस्तान से कहा है कि, इस कार्यक्रम के जरिए पाकिस्तान के सभी निवेशक चीन की करेंसी युआन में ही निवेश करेंगे। यानि, चीन के इस कार्यक्रम के जरिए पाकिस्तान की वित्तीय स्वायत्तता पूरी तरह से चीन के हाथों में चली जाएगी और चीन उसे डॉलर से पूरी तरह काट देगा। आपको बता दें कि, पाकिस्तान इससे पहले साल 2018 में चीन और पाकिस्तान के बीच चीनी करेंसी में ही व्यापार करने के फैसले पर मुहर लगा चुका है।
पाकिस्तान बनेगा चीन की पहली इकोनॉमिक कॉलोनी
बेहद खराब आर्थिक संकट में फंसा पाकिस्तान चीन की बात मानने के लिए बाध्य है और धीरे धीरे चीन पाकिस्तान की पूरी वित्तीय प्रणाली को अपनी मुट्टी में ले लेगा और इस तरह से कहा जा सकता है, कि पाकिस्तान, चीन का पहला इकोनॉमिक कॉलोनी होगा। पाकिस्तान के बाजार में चीन का पूरा कंट्रोल हो जाएगा। यानि, जो पाकिस्तान कुछ साल पहले तक अमेरिका पर निर्भर था, वो पूरी तरह से चीन पर निर्भर हो जाएगा और इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान की स्वायत्तता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
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