अफगानिस्तान में हद पार कर रहा पाकिस्तान, कई इलाकों में तालिबानी आतंकियों को दिया एयर सपोर्ट
नई दिल्ली, 16 जुलाई: आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान का प्रेम किसी से छिपा नहीं है। हाल ही में अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से वापस जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से तालिबान वहां पर फिर से हाबी हो रहा है। जिनको अब पाकिस्तान का भी साथ मिलना शुरू हो गया। साथ ही उसने अफगान सरकार को धमकी दी है कि अगर वो तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, तो पाकिस्तान की वायुसेना उन्हें करार जवाब देगी। इससे एक बार फिर साफ हो गया कि तालिबानी आतंकवाद के पीछे शुरू से ही पाकिस्तान का हाथ था।
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उप-राष्ट्रपति ने किया दावा
अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के मुताबिक पाकिस्तान ने अब उन्हें आधिकारिक रूप से वार्निंग दी है। साथ ही कहा है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र से तालिबान को हटाने के किसी भी कदम का पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा सामना किया जाएगा। इसके अलावा पाक की वायुसेना कई इलाकों में तालिबानी आतंकियों को नजदीकी हवाई सहायता उपलब्ध करवा रही है। एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अगर किसी को शक है कि पाकिस्तान ने ऐसी वार्निंग नहीं दी है, तो वो सबूत पेश करने के लिए तैयार हैं। स्पिन बोल्डक से 10 किलोमीटर दूर अफगानी विमानों को मिसाइल की चेतावनी भी मिली थी।
116 जिलों पर कब्जा
अफगानिस्तान के स्वतंत्र प्रशासनिक सुधार और सिविल सेवा आयोग के अध्यक्ष अहमद नादर नादरी के मुताबिक तालिबान ने 116 जिलों पर कब्जा कर रखा है। साथ ही 260 सरकारी इमारतों और संपत्तियों को या तो आग लगा दी गई, या फिर उसे पूरी तरह से तबाह कर दिया गया। जिस वजह से 1.3 करोड़ अफगान नागरिक मूलभूत सेवाओं से वंचित हैं। इसके अलावा 50 हजार कर्मचारियों का काम प्रभावित हुआ है। वहीं चमन बॉर्डर पर भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है। फिर भी पाकिस्तान उसे बंद नहीं कर रहा। पाकिस्तान का कहना है कि बहुत से लोग इस बॉर्डर के जरिए सीमा पार करते हैं, ऐसे में अगर इसे बंद किया गया तो दिक्कत हो जाएगी।
भारत से मांगेगा सैन्य मदद
वैसे अफगानिस्तान भी शांति स्थापित करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है। जिस वजह से दोहा में जल्द ही तालिबान और अफगान सरकार के बीच वार्ता होने वाली है। अगर इसमें कोई हल नहीं निकलता, तो अफगानिस्तान भारत से सैन्य सहायता मांग सकता है। वहीं दूसरी ओर भारत भी इस घटना पर नजर बनाए हुए है, जिस वजह से कंधार स्थित दूतावास को बंद कर वहां से भारतीय स्टॉप को बुला लिया गया। अब वीजा से संबंधित सारा काम काबूल स्थित दूतावास से होगा।
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