पाकिस्तान में भयावह होते हालात, अब बचे सिर्फ 4.60 अरब डॉलर, 17 दिन ही खरीद सकता सामान
पाकिस्तान को पिछले दिनों अरबों डॉलर की सहायता जरूर मिली है, लेकिन वो सहायता कैश मदद नहीं है। बल्कि वो भी कर्ज ही है, जिसे पाकिस्तान में पहुंचने में कई महीनों का वक्त लगेगा।
Pakistan News: पाकिस्तान का आर्थिक संकट अब भयावह स्तर तक पहुंचने वाला है और जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में अब सिर्फ 4.60 अरब डॉलर ही बचे हैं। यानि, अब पाकिस्तान के पास महज अगले एक या ज्यादा से ज्यादा दो हफ्तों तक के लिए ही सामान खरीदने के पैसे बचे हैं और उसके बाद पाकिस्तान अपनी जरूरतों का सामान नहीं खरीद पाएगा। जियो न्यूज ने पाकिस्तान स्टेट बैंक के हवाले से लिखा है, कि पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले हफ्ते 258 मिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है और अब देश के पास 4.60 अरब डॉलर बचे हैं।
पाकिस्तान में भयावह होते हालात
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के कॉमर्शियल बैंकों के पास, स्टेट बैंक के अलावा 5.84 अरब डॉलर के विदेश मुद्रा हैं। जियो के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले 8 हफ्तों के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 3.6 अरब डॉलर की कमी आई है और पिछला हफ्ता ही एकमात्र वो हफ्ता था, जब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। फरवरी 2014 के बाद से ये पहला मौका है, जब पाकिस्तान के पास इतना कम विदेशी मुद्रा बचा है। लिहाजा, एक्सपर्ट्स का कहना है, कि पाकिस्तान को अपने चालू खाता घाटे को कम करने के साथ-साथ विदेशी मुद्रा सुनिश्चित करने के लिए विदेशी सहायता की सख्त जरूरत है, ताकि को अपने कर्ज को चुकाने के साथ साथ आवश्यक सामानों की खरीदारी भी कर सके।
राजनीतिक हालात भी हैं खराब
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सुलगते राजनीतिक संकट के साथ और चरमरा गई है। पाकिस्तानी रुपये में गिरावट और महंगाई दशकों के उच्च स्तर पर है, लेकिन विनाशकारी बाढ़ और वैश्विक ऊर्जा संकट ने देश पर और दबाव डाला है। जियो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि देश अब सिर्फ 17 या 18 दिनों का ही सामान और आयात कर सकता है। वहीं, ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है, कि पाकिस्तान के बंदरदगाह पर सामान भरे हजारों कंटेनर्स जमा हो गये हैं, लेकिन उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अगले एक हफ्ते में पाकिस्तान में जरूरी सामानों की भारी किल्लत शुरू हो सकती है। हालांकि, पाकिस्तानी स्टेट बैंक को उम्मीद है, कि अगले हफ्ते से विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का प्रवाह बढ़ेगा।
IMF ही पाकिस्तान का आखिरी सहारा
एक तरफ पाकिस्तान के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ आईएमएफ के साथ कर्ज को लेकर बात नहीं बन रही है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले हफ्ते ट्वीट करते हुए कहा था, कि दो-एक दिनों में आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान आएगा, जिसके साथ कर्ज के शर्तों को लेकर बातचीत की जाएगी, लेकिन पाकिस्तान में आईएमएफ टीम का कोई पता नहीं है। वहीं, डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ से एक दिन पहले फिर से अनुरोध किया है, कि वो अपने प्रतिनिधियों को जल्द से जल्द पाकिस्तान भेजे। पाकिस्तान ने कहा है, कि वो आईएमएफ की शर्तों को स्वीकार करने के लिए तैयार है और उसने उम्मीद जताई है, कि अगले हफ्ते तक ऋण कार्यक्रम पर बात बन सकती है।
शर्तों को लेकर सख्त IMF
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डॉन को बताया, कि आईएमएफ की कड़ी शर्तों को पूरा करना काफी मुश्किल हो रहा है। फिर भी, सरकार के एक वरिष्ठ सदस्य ने सप्ताह भर के विचार-विमर्श के बाद डॉन को बताया, कि "हमने जिनेवा सम्मेलन के दौरान हुई बातचीत के आधार पर सभी चार क्षेत्रों में अपना काम पूरा कर लिया है।" अधिकारी ने कहा, कि "हम IMF कार्यक्रम के तहत प्रतिबद्ध सुधारों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं और हम प्रस्तावित आईएमएफ मिशन के साथ बातचीत के दौरान सभी फैसलों को लागू करने की योजना बना रहे हैं।" पाकिस्तान के वित्त सचिव हमीद याकूब शेख ने आधिकारिक तौर पर आईएमएफ मिशन प्रमुख को पाकिस्तान आने के लिए लिखा है।
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काफी कमजोर हो चुका रुपया
घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच पाकिस्तानी रुपया तेजी से कमजोर होता जा रहा है और डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के आर्थिक स्वास्थ्य, विशेष रूप से आने वाले हफ्तों में आवश्यक वस्तुओं के आयात बिल का भुगतान करने की क्षमता पर गंभीर असर पड़ने वाला है। पाकिस्तान मुद्रा का एक्सचेंज रेट बुरी तरह से प्रभावित हुई है। वहीं, राजनीतिक अनिश्चितता और चिंताजनक आर्थिक संकेतकों की वजह से पाकिस्तानी शेयर बाजार भी गिरावट की तरफ है और मंगलवार को 3.5 फीसदी गिरकर 38,342.21 अंक पर बंद हुआ। पाकिस्तानी स्टेट बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को पाकिस्तानी रुपया, डॉलर के मुकाबले 228.66 रुपये पर बंद हुआ था। डॉलर की कमी के बीच, इंटरबैंक और खुले बाजारों में इसकी दरों के बीच की खाई काफी चौड़ी हो गई है, जिससे अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है।
जरूरी सामानों की होने वाली है कमी
डॉन से बात करते हुए पाकिस्तान के एक वरिष्ठ बैंकर ने कहा, कि 'विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट से अर्थव्यवस्था को भीषण नुकसान पहुंचा है और कारोबार सेक्टर का भरोसा बुरी तरह से डगमगाया है।' बैंकरों का मानना है, कि देश जल्द ही खाद्य पदार्थों जैसी बुनियादी आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ पेट्रोलियम उत्पादों की कमी में फंस जाएगा। उन्होंने कहा, कि "पिछले साल जून के बाद से पाकिस्तान में विदेशी मदद नहीं पहुंचा है। जून में आखिरी बार चीन ने 2.5 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। वहीं, इंटरबैंक बाजार में एक मुद्रा विशेषज्ञ आतिफ अहमद ने कहा, कि हम कम आयात के बाद भी हर महीने औसतर 2 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देख रहे हैं, लिहाजा आने वाले वक्त में जो हालात होने वाले हैं, उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है।