क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ICU में पहुंची पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, देश पर कर्ज हुआ 60 खरब रुपये, ढहने के कगार पर पहुंचा

पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, आजादी के 75 सालों के बाद जिस पाकिस्तान ने हिंदुओं से लड़कर आजादी हासिल की थी, ताकि हर एक मुसलमान आजादी के साथ अपना विकास कर सकें, वो फेल हो गया है।

Google Oneindia News

इस्लामाबाद, अगस्त 17: भारत से अलग होकर पाकिस्तान एक नाकामयाब मुल्क बन गया है और आजादी के 75 साल बीतने के बाद अब ये कहने में कोई संकोच नहीं होनी चाहिए। पाकिस्तान अपनी करनी के चलते दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया है और बुरी तरह से आर्थिक संकट में फंसने के लिए तेजी से अग्रसर है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आर्थिक संकट गहरा गया है और देश का कर्ज 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपया के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। लिहाजा, पाकिस्तान असहनीय कर्ज के बोझ तले दब गया है।

कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान

कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने कहा कि, पिछले एक वित्तीय वर्ष में सार्वजनिक ऋण में 9.3 ट्रिलियन रुपये की वृद्धि हुई थी, लेकिन जून 2022 तक यह बढ़कर 49.2 ट्रिलियन रुपये हो गई। वहीं, एक और चिंताजनक ट्रेंड के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बैंक के लेटेस्ट कर्ज बुलेटिन में यह भी दिखाया गया है, कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के आकार के संदर्भ में ऋण का बोझ बढ़ गया है। पाकिस्तानी सेंट्रल बैंक ने सोमवार को ये रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक, पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में इस वित्तीय वर्ष के पहले पांच हफ्तों के दौरान भारी विदेशी ऋण सेवा के कारण 2 अरब डॉलर से अधिक की कमी आई है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश को कर्ज के ढेर में फेंकने के लिए अपनी पूर्ववर्ती सरकारों को दोषी ठहराते हुए कर्ज के बोझ पर अंकुश लगाने का वादा किया था। हालांकि, उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अपने 43 महीने के शासन में अब तक का सबसे अधिक कर्ज लिया और इमरान खान ने अपने शासनकाल में पाकिस्तान को कर्ज के दलदल में और ज्यादा ही धकेला। वहीं, इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद शहबाज शरीफ की सरकार ने देश के कर्ज में 19.15 ट्रिलियन रुपये और जोड़े हैं।

सकल सार्वजनिक ऋण में ऊंची छलांग

सकल सार्वजनिक ऋण में ऊंची छलांग

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, सकल सार्वजनिक ऋण, जो पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 49.2 ट्रिलियन रुपये था, वो पिछले एक वर्ष में 9.3 ट्रिलियन रुपये और ज्यादा हो गया है। पाकिस्तान सरकार का कुल घरेलू ऋण बढ़कर 31 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में पीकेआर 4.8 ट्रिलियन यानि 18 प्रतिशत और ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, साल 2018 में इमरान खान के पदभार संभालने से पहले घरेलू कर्ज 16.4 ट्रिलियन रुपये था, जबकि, इमरान खान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान सरकार का बाहरी कर्ज 35 फीसदी की खतरनाक गति से बढ़कर 16.7 ट्रिलियन रुपये हो गया। सरकार का विदेशी कर्ज भी एक साल के भीतर 35 फीसदी की खतरनाक रफ्तार से बढ़कर 16.7 लाख करोड़ रुपये हो गया। विदेशी कर्ज में शुद्ध रूप से 4.3 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई, जिसका मुख्य कारण डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का बुरी तरह से कमजोर होना और उधार के जरिए विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना था।

बिखड़ने के कगार पर पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था

बिखड़ने के कगार पर पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था

पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, आजादी के 75 सालों के बाद जिस पाकिस्तान ने हिंदुओं से लड़कर आजादी हासिल की थी, ताकि हर एक मुसलमान आजादी के साथ अपना विकास कर सकें और जो दावा किया गया था, कि हिंदुओं के साथ मुसलमान नहीं रह सकते हैं, वो दावे ध्वस्त हो चुके हैं। पाकिस्तान में अब मुट्ठी भर मुसलमान ताकतवर हैं, जो तमाम गरीब और लाचार मुसलमानों को पैरों तले रौंदते रहते हैं। डॉन के मुताबिक, देश बीमार हो चुका है और देश में जमीन का कानून दम तोड़ चुका है। डॉन ने भारत से तुलना करते हुए कहा है, कि जहां नेहरू के नेतृत्व में भारत बड़े पैमाने पर भूमि सुधारों को आगे बढ़ाने में कामयाब रहा, वहीं पाकिस्तान के नेता ऐसा करने में पूरी तरह से विफल रहे। यहां तक कि जुल्फिकार अली भुट्टो के प्रयास भी उनकी अपार लोकप्रियता के बावजूद कम पड़ गए, जिसका अर्थ है कि सामंतवाद पूरे पाकिस्तान में, विशेष रूप से सिंध और पंजाब में एक वास्तविकता बना हुआ है। लेकिन संपत्ति के अधिकारों के बिना भूमि सुधार निरर्थक हैं और पाकिस्तानी सरकार पर सामंतवाद इतना ज्यादा हावी है, कि भूमि सुधार कानून का बनना अब असंभव सा दिखता है।

देश नहीं चला पाए पाकिस्तानी नेता

देश नहीं चला पाए पाकिस्तानी नेता

आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है और देश पर इतना कर्ज है, जिसे वो कभी भी चुका नहीं पाएगा। पकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने के कगार पर है और उसे बार बार चीन, सऊदी अरब और यूएई के सामने कटोरा फैलाना पड़ता है, ताकि देश के पास जरूरी सामान खरीदने के लिए पैसा बचा रहे। पाकिस्तान पहले ही गैर-जरूरी और लग्जरी सामानों के आयात पर पाबंदी लगा चुका है। चीन के कर्ज में पाकिस्तान पूरी तरह से डूब चुका है और पिछले पांच सालों में ही पाकिस्तान ने अलग अलग प्रोजेक्ट्स के नाम पर चीन से 21.5 अरब डॉलर का लोन लिया है, लेकिन वो इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट अधूरे हैं और चीन ने अब लोन देने से पाकिस्तान को मना कर दिया है, जिसके बाद अब पाकिस्तान बीच मंछधार में फंसा हुआ है। वही, संयुक्त अरब अमीरात ने अब लोन देने से मना कर दिया है और पाकिस्तानी संपत्ति को खरीदने के एवज में पैसे देने की बात कही है, यानि, पिछले 75 सालों में पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को चूल्हे में झोंक चुका है। यानि, पाकिस्तान अपनी करनी की बदौलत एक बीमारू मुल्क बन गया, जबकि हर पाकिस्तान नेता जिन्ना के रास्ते पर ही आगे बढ़ने की बात करते हैं।

कभी भी दिवालिया हो सकता है देश

कभी भी दिवालिया हो सकता है देश

पाकिस्तान के बढ़ते आयात ने देश के व्यापार घाटे को काफी बढ़ा दिया है और देश की करेंसी का एक्सचेंज रेट भी बुरी तरह से गिर गया है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (जुलाई-मार्च) की अवधि में कुल व्यापार घाटा बढ़कर 35.52 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 20.8 अरब डॉलर था। यानि कुल मिलाकर, व्यापार घाटा 15 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ गया, जो बाहरी खाते की बिगड़ती स्थिति को दर्शाता है। इतने घाटे के साथ, पाकिस्तान के आने वाले महीनों में भुगतान संतुलन संकट में फंस जाएगा, क्योंकि उसके पास विदेशी कर्ज चुकाने के लिए पैसे ही नहीं रहेंगे। वहीं, अब पाकिस्तान को इसी साल से चीन से लिए हुए कर्ज का सूद चुकाना होगा और पूरी संभावना है, कि पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाएगा, लिहाजा इस साल के अंत तक दुनिया एक नये पाकिस्तान को देख सकती है, जो डिफॉल्टर होने के साथ ही तेजी से दिवालिया होने की तरफ बढ़ जाएगा और चूंकी पाकिस्तान के परमाणु हथियार भी हैं, लिहाजा ये देश पूरी दुनिया को संकट में फंसा देगा।

चीन के बुरे दिन शुरू: विशालकाय BRI प्रोजेक्ट का बजा बैंड, जाने कितने खरब और कौन-कौन से देश डूबेंगे?चीन के बुरे दिन शुरू: विशालकाय BRI प्रोजेक्ट का बजा बैंड, जाने कितने खरब और कौन-कौन से देश डूबेंगे?

Comments
English summary
The economic condition of Pakistan has become very bad and the country has got a debt of 60 trillion Pakistani rupees.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X