पाकिस्तान में फिर जगा तहरीक-ए-लब्बैक का जिन, लाहौर में सड़कें ब्लॉक, हिंसा शुरू
लाहौर। पाकिस्तान में पिछले साल नवंबर माह में एक मौलवी के कहने पर करीब दो सप्ताह तक कई बड़े शहरों पर हिंसा हुई थी, ऐसा ही माहौल एक बार फिर से तैयार किया जा रहा है। मौलवी खादिम रिजवी और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थक पिछले करीब एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। मौलवी रिजवी के समर्थकों ने शुक्रवार को देश के दूसरे सबसे बड़े शहर लाहौर के सभी एंट्री और एग्जीट मार्ग को बंद कर दिया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, खुद रिजवी लाहौर की सड़कों को ब्लॉक करने के लिए अपने समर्थकों से घरों से बाहर से निकलने के लिए कह रहा है। मौलवी रिजवी और उनके समर्थक सरकार से फैजाबाद समझौता के 11 मुद्दें लागू करने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, शहर कई हिस्सों में हिंसा भी देखने को मिल रही है।
ताजा
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
रिजवी
के
अनुयायियों
ने
लाहौर
में
ट्राफिक
इंटरसेक्सन
को
ब्लॉक
कर
दिया
है,
जिसमें
थोकार
नियाज
बेग
भी
शामिल
है।
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
टीएलपी
अनुयायियों
ने
लाहौर-साहिलवाल
बाईपास
पर
चचिवाती
बाईपास
और
व्यू
होटल
के
नजदीक
लाहौर-मुल्तान
मोटरवे
पर
रुकावटें
खड़ी
कीं।
टीएलपी
की
अध्यक्ष
पीर
अफजल
कादरी
का
कहना
है,
"11-बिंदु
फैजाबाद
समझौता,
जिसमें
गिरफ्तार
कार्यकर्ताओं
की
रिहाई
और
उनके
खिलाफ
मामला
वापस
लेने
के
प्रावधान
शामिल
हैं।
अगर
यह
लागू
नहीं
होता
है
तो
पूरे
मुल्क
में
उनके
अनुयायी
अगले
शुक्रवार
को
देश
की
सड़कों
पर
होंगे।"
मौलवी रिजवी के प्रदर्शनकारियों ने फैजाबाद समझौतें को लागू करने की मांग की है। रिजवी और उनके अनुयायी शुक्रवार को विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनके मानना है कि फैजाबाद में विरोध के दौरान (नवंबर 2017) पिछले महीने एक सेना ने समझौता किया था, जिसका कार्यान्वयन नहीं हो रहा है। रिजवी ने आरोप लगाया है कि सरकार की भी इसे लागू करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
पिछले महीने पाकिस्तानी सेना और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने रिजवी को 'कथित तौर पर अप्रासंगिक' बताया और युवाओं को उकसाने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर को तहरीक-ए-लब्बैक नाम के संगठन ने तमाम समर्थकों के साथ ईशा निंदा के आरोप में पाकिस्तान के कानून मंत्री के खिलाफ फैजाबाद में धरना-प्रदर्शन किया था। जिसकी वजह से तीन हफ्ते तक बंद की वजह से पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हामिद को इस्तीफा तक देना पड़ा था। इस प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान के कई शहरों में तोड़ फोड़ और पुलिसकर्मियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और आईएसआई को फटकार भी लगाई थी।