क्रैश क्रंच में फंसा चीन-पाकिस्तान कोरिडोर, CPEC का काम हुआ ठप
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि 52 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कोरिडोर (सीपेक) में कई सड़क परियोजनाओं को दिक्कतों का सामाना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी न्यूजपेपर डॉन के मुताबिक, 5 बिलियन डॉलर का चेक बाउंस होने की वजह से पिछले कई दिनों से ठेकेदारों ने सीपीईसी की कई परियोजनाओं पर काम करना बंद कर दिया है।
सीपेक प्रभावित परियोजनाओं में हाकाला-डेरा इस्माइल खान, सीपीईसी का पश्चिमी मार्ग और कराची-लाहौर मोटरवे के सभी वर्ग शामिल हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गुजरने वाला सीपेक प्रोजेक्ट पश्चिमी चीन में कश्गार को पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है, जो 3,000 किलोमीटर तक फैला हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, न केवल सीपेक परियोजनाओं बल्कि कंस्ट्रक्शन से संबंधित स्थानीय उद्योग इंजीनियरों, मजदूरों और कई बड़े कर्मचारियों को भी इसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
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एनएचए के प्रवक्ता जमान ने कहा कि मामला सरकार के साथ उठाया गया है और जल्द ही हल हो जाएगा। ठेकेदारों द्वारा काम को निलंबित करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि परियोजनाओं पर काम प्रभावित नहीं हुआ और अधिकांश परियोजनाएं दिसंबर तक पूरी की जाएंगी।
सीपेक के जरीए चीन के जिनझियांग प्रात से पाकिस्तान के बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट के जरिए वर्ल्ड क्लास हाइवे और रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। सीपेक प्रोजेक्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरेगा, जो कि एक विवादित क्षेत्र है। भारत पीओके को अपना हिस्सा मानता है, इसलिए इस जगह पर किसी प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होना नई दिल्ली और बीजिंग के बीच विवाद खड़ा करेगा।
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