उत्तर कोरिया में ट्रेन से दागी गई मिसाइलें, किम जोंग उन की सीक्रेट विध्वंसक शक्ति से दुनिया की बढ़ी टेंशन
माना जा रहा है कि अमेरिका से बातचीत से पहले किम जोंग उन जो बाइडेन पर काफी ज्यादा दबाव बनाना चाह रहे हैं। आशंका है कि नॉर्थ कोरिया अब पनडुब्बी से मिसाइलों को लॉन्च कर सकता है।
प्योंगयांग, सितंबर 16: उत्तर कोरिया ने गुरुवार को दावा किया है कि उसने पहली बार एक ट्रेन से बैलिस्टिक मिसाइलों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। नॉर्थ कोरिया के इस दावे के बाद पूरी दुनिया में हलचल बढ़ गई है। इस महीने ये तीसरी बार है, जब नॉर्थ कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है। बैलिस्टिक मिसाइल की परीक्षण करने के साथ ही किम जोंग उन की बहर ने पूरी दुनिया को चेतावनी भी दी है।
ट्रेन से मिसाइलों का परीक्षण
नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि ट्रेन से बैलिस्टिक मिसाइल को कामयाबी के साथ लॉन्च किया गया है और इसके जरिए नॉर्थ कोरिया अपनी ताकत की जांच कर रहा है और अपनी सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। बुधवार के प्रक्षेपण ने उत्तर कोरिया को उसके परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर लंबे वक्त से अमेरिका के साथ चली आ रही बातचीत को बड़ा झटका है और अब पूरी आशंका है कि एक बार फिर से अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच का तनाव काफी ज्यादा बढ़ सकता है। प्योंगयांग की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि मिसाइलों को "रेलवे से चलने वाली मिसाइल रेजिमेंट" की एक ड्रिल के दौरान लॉन्च किया गया है। जिसने देश के मध्य क्षेत्र में पहाड़ी इलाके में चलती रेल के जरिए लॉन्च किया गया है। नॉर्थ कोरिया की तरफ से दावा किया गया है कि बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 800 किलोमीटर है उसने 800 किलोमीटर दूर एक समुद्री लक्ष्य को सटीकता से भेदा है।
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रेल आकार की मिसाइल लॉन्चर
माना जा रहा है कि एक रेल-आधारित बैलिस्टिक प्रणाली के जरिए बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण के जरिए नॉर्थ कोरिया अपनी रक्षा क्षमता में विविधता ला रहा है जिसमें अब विभिन्न वाहन और जमीनी लॉन्च पैड शामिल हैं । इसके साथ ही आशंका जताई जा रही है कि अब नॉर्थ कोरिया पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नॉर्थ कोरिया काफी कम कीमत पर ज्यादा से ज्यादा मिसाइलों को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना पर काम कर रहा है।
पहली बार ऐसी टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन
नॉर्थ कोरिया की सेना ने रेलवे मिसाइल रेजिमेंट के जरिए बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च किया है और ये पहली बार है जब इस तरह की टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन नॉर्थ कोरिया की तरफ से किया गया है। नॉर्थ कोरिया के इस परीक्षण को लेकर साउथ कोरिया ने चिंता जताई है और कहा है कि उसकी सेना नॉर्थ कोरिया के द्वारा लगातार किए जा रहे हैं मोबाइल लॉन्च उपकरण को लेकर आंकलन कर रही है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता कर्नल किम जुन-रक ने कहा कि ''दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सेनाएं उत्तर कोरिया के प्रक्षेपणों की जांच कर रही है।''
जापान-साउथ कोरिया को टेंशन
इससे पहले दक्षिण कोरियाई और जापानी सेनाओं ने कहा था कि उत्तर कोरिया की दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें जापान के स्पेशल इकोनॉमिक जोन के अंदर लेकिन उसके क्षेत्रीय जल के बाहर गिरी थीं। आखिरी बार उत्तर कोरियाई मिसाइल जापानी क्षेत्र के अंदर अक्टूबर 2019 में गिरी थी। उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी पाक जोंग चोन, जिन्हें देश के मिसाइल विकास में कार्यक्रम को लेकर सबसे प्रभावशाली चेहरा माना जाता है, उन्होंने कहा कि बुधवार का परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है, जिसका डिजाइन उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के "रणनीतिक और सामरिक डिजाइन और इरादे" के अनुरूप किए गए हैं। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने जनवरी में अपनी पार्टी की मीटिंग के दौरान कहा था कि वो अमेरिकी प्रतिबंधों की परवाह किए बगैर परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगें और लंबी दूरी की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों, परमाणु-संचालित पनडुब्बियों सहित खुफिया सैटेलाइटों का परीक्षण करेंगे।
कैसे किया गया मिसाइल लॉन्च?
रिपोर्ट के मुताबिक इस ड्रिल के जरिए पहली बार रेलवे मोबाइल सिस्टम को एक्शन के लिए तैनात किया गया था और इससे नये रेजिमेंट की तैयारी को भी परखा गया है। बैलिस्टिक मिसाइल को रेलवे से लॉन्च कर नॉर्थ कोरिया ने देखा है कि युद्ध की परिस्थिति में क्या वो अपने दुश्मनों पर आक्रामक वार कर सकता है। इसके साथ ही नॉर्थ कोरिया ने इस परीक्षण के जरिए अपनी सेना का फायरपावर मिशन को भी जांचने की कोशिश की है। बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर को एक मॉडिफाइड बक्से के आकार में सेट किया गया था और लॉन्च आर्म मिसाइल से कनेक्टेड था। छत खुलने के बाद इस मिसाइल को लॉन्च किया गया। माना जा रहा है कि नॉर्थ कोरिया बार बार मिसाइलों का परीक्षण इसलिए कर रहा है कि अमेरिका से बातचीत से पहले वो जो बाइडेन पर काफी प्रेशर बना सके।
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