म्यांमार की जनता ने चीन को दिखाया दम, BRI प्रोजेक्ट को दिया बड़ा झटका, बंद होगा पाइपलाइन प्रोजेक्ट!
म्यांमार में चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है। म्यांमार में प्रदर्शनकारियों ने चीन के गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचाया है।
नेपिडॉ, मई 07: म्यांमार में तानाशाही सैन्य शासन को सपोर्ट करने वाले चीन को म्यांमार की जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है और अब नतीजा ये हो रहा है चीनी कंपनियां म्यांमार से अपना बोरिया बिस्तर समेटने का मन बना रही हैं। म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ अब भी भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है और हजार से ज्यादा लोग सैन्य शासन का विरोध करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, चीन के खिलाफ म्यांमार में सबसे ज्यादा गुस्सा है और उसका असर चीन की कंपनियों पर पड़ रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की ऊर्जा कंपनियां अब म्यांमार में अपना पॉवर प्लांट बंद करने का मन बना रही हैं।
चीनी कंपनियों का भारी विरोध
म्यांमार में एक फरवरी को सैन्य शासन लगा था और वहां की सेना ने चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था और उसके बाद से ही लगातार जनता सड़कों पर है। वहीं, लोगों का गुस्सा चीन पर काफी ज्यादा है। लोगों का कहना है कि चीन म्यांमार की तानाशाही सैन्य शासन को मदद कर रहा है और लोगों का गुस्सा चीनी कंपनियों पर फूट रहा है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक म्यांमार के लोगों के भारी विरोध ने चीनी कंपनियों को म्यांमार से निकलने के लिए मजबूर कर दिया है। लोग चीन की सामान को बिल्कुल नहीं खरीद रहे हैं तो चीन की कंपनियों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
म्यांमार-चीन व्यापार
रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार और चीन के बीच हर दिन 16 मिलियन डॉलर का बॉर्डर व्यापार होता है। वहीं, म्यांमार में चीन 800 किलोमीटर लंबे दो गैस और तेल पाइपलाइन बिछा रहा है, जिसका जमकर म्यांमार में विरोध हो रहा है। गैस पाइपलाइंस से जहां 12 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस की सप्लाई हर साल की जानी है, वहीं तेल पाइपलाइन से 22 मिलियन टन तेल हर साल भेजने की प्लानिंग है। इस प्रोजेक्ट को चीन की सरकारी तेल एंड गैस कंपनी बना रही है। हालांकि, इस प्रोजेक्ट का विरोध पहले भी हो रहा था लेकिन 1 फरवरी को म्यांमार में मिलिट्री शासन लगने के बाद पूरी म्यांमार की जनता प्रोजेक्ट के खिलाफ खड़ी हो गई है।
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बीआरई प्रोजेक्ट के लिए अहम है पाइपलाइन
म्यांमार में बिछाई जाने वाली गैस और तेल पाइपलाइन प्रोजेक्ट चीन के महात्वाकांक्षी बीआरआई प्रोजेक्ट के लिए काफी अहम है, जिसको लेकर चीन की सरकार ने म्यांमार की सेना से कहा था कि वो इस पाइपलाइन की कड़ी सुरक्षा करे। चीन ने म्यांमार की सेना को धमकी देते हुए कहा था कि 'अगर पाइपलाइन प्रोजेक्ट को नुकसान होता है तो इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी'। लेकिन, म्यांमार में प्रदर्शनकारियों ने पिछले दिनों इस प्रोजेक्ट को काफी निशाना बनाया है और इसको काफी नुकसान पहुंचाया है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को इस पाइपलाइन प्रोजेक्ट की सुरक्षा में लगे तीन जवानों की प्रदर्शनकारियों ने जान ले ली। चीन ने जहां इस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को फिर से 'काफी ज्यादा अहम' बताया है वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वो इस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को पूरा नहीं होने देंगे।
चीन के खिलाफ भारी गुस्सा
स्वीडन के जर्नलिस्ट बर्टिल लिंटनर के मुताबिक म्यांमार की जनता के बीच चीन को लेकर भारी आक्रोश फैला हुआ है। लोगों का मानना है कि म्यांमार में जो कुछ भी हो रहा है उसके पीछे चीन का हाथ है और चीन ने अब तक म्यांमार में अवैध मिलिट्री शासन की निंदा तक नहीं की है। जर्नलिस्ट बर्टिल लिंटनर ने कहा है कि 'उन्हें कोई शक नहीं है कि आगे भी म्यांमार में चीन के गैस और तेल पाइपलाइन प्रोजेक्ट को निशाना बनाया जाए'। उन्होंने कहा कि 'चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा तब तक जारी रहेगा जब तक चीन म्यांमार के मिलिट्री शासकों को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता है।'