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म्यांमार की सबसे बड़ी नेता आंग सान को जेल में रखने का बंदोबस्त पूरा, सेना ने तय किया चार्जशीट

इसी साल एक फरवरी को देश की सरकार का तख्तापलट करने के बाद सेना ने आंग सान सू की को हिरासत में लिया था और उसके बाद से उन्हें हिरासत में ही रखा गया है।

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नाएप्यीडॉ, नवंबर 16: म्यांमार में सेना ने देश की सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की को जेल में रखने का पूरा बंदोबस्त कर दिया है। म्यांमार की सेना, जिसे जुंटा कहा जाता है, उसने देश की नेता आंग सान सू की पर 2020 के चुनावों के दौरान चुनावी धोखाधड़ी का आरोप तय कर दिया है और उनके खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। जिसके बाद माना जा रहा है कि, उन्हें कई सालों की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। इससे पहले आंग सान सू की की पार्टी के एक नेता को 20 साल तक जेल में रहने की सजा पिछले हफ्ते ही सुनाई गई है।

आंग सान सू की पर आरोप तय

आंग सान सू की पर आरोप तय

म्यांमार की नेता आंग सान सू की पर "चुनावी धोखाधड़ी और कानूनविहीन कार्रवाइयों" का आरोप तय किया गया है। म्यांमार के सरकारी अखबार ग्लोबल न्यू लाइट ने अदालत की कार्यवाही को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन इसकी जानकारी दी है कि, उनके ऊपर आरोप तय कर दिए गये हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट और चुनाव आयोग के अध्यक्ष सहित पंद्रह अन्य अधिकारियों को भी इन्हीं आरोपों में आरोपी बनाया गया है। आपको बता दें कि, फरवरी में सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार में उथल-पुथल की स्थिति है, और इसके खिलाफ इसी साल फरवरी महीने से देश में प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें हजार से ज्यादा लोग अभी तक मारे जा चुके हैं और सौ के करीब पुलिसवालों की भी मौत हो चुकी है।

76 साल की हैं आंग सान सू की

76 साल की हैं आंग सान सू की

तख्तापलट के बाद सेना ने आंग सान सू की को हिरासत में लिया था और उसके बाद से उन्हें हिरासत में ही रखा गया है। उनके खिलाफ अवैध रूप से वॉकी टॉकी आयात करने, देशद्रोह और भ्रष्टाचार सहित कई आरोप तय किए गये हैं और दोषी पाए जाने पर दशकों तक जेल का सामना करना पड़ता है। सेना उनके खिलाफ पहले से ही चुनाव से पहले कोरोनोवायरस प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ाकर प्रचार करने के लिए मुकदना चला रही है। आपको बता दें कि, चुनाव में आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी (एनएलडी) पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था, जिसको सेना ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर बर्खास्त कर दिया है और देश में सैन्य शासन की घोषणा कर दी है। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने कहा कि, 2020 के चुनाव काफी हद तक स्वतंत्र और निष्पक्ष थे।

बड़े नेताओं को जेल की सजा

बड़े नेताओं को जेल की सजा

म्यांमार की सेना जुंटा ने आंग सान सू की पार्टी एनएलडी को भंग करने की धमकी दी है और पिछले महीने सू ची के करीबी और उच्च पदस्थ नेता विन हेटिन को देशद्रोह के आरोप में 20 साल की जेल की सजा सुनाई है। एक स्थानीय ऑब्जर्वर ग्रुप के अनुसार, तख्तापलट के बाद से म्यांमार सरकार के सुरक्षा बलों द्वारा 1,250 से अधिक लोग मारे गए हैं और 10,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नोबेल पुरस्कार विजेता हैं आंग सान सू की

नोबेल पुरस्कार विजेता हैं आंग सान सू की

सैनिक तानाशाही के चंगुल से मुक्त कराकर म्यांमार में लोकतंत्र का बीज बोने वाली आंग सान सू को उनके संघर्ष के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आंग सान सू ने म्यांमार को राजनीतिक विकल्प देने के लिए नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की स्थापना की थी और म्यांमार की जनता ने आंग सान सू की पार्टी पर भरोसा जताते हुए उन्हें पूर्ण बहुमत से जिताया। म्यांमार लगातार सैन्य शासन से गुजरने वाला देश रहा है। जहां 1988 में म्यांमार की नेता आंग सान सू ने क्रांति का बीज बोया था।

1990 में पार्टी की स्थापना

1990 में पार्टी की स्थापना

1990 में म्यांमार में चुनाव हुए जिसमें आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी को बहुमत भी मिला मगर सेना ने चुनावी नतीजों को मानने से इनकार करते हुए आंग सान सू को कई सालों तक नजरबंद रखा। अगले 22 सालों तक म्यांमार में सेना का ही शासन चला। लेकिन, आखिरकार आंस सान सू का संघर्ष कामयाब हो ही गया। साल 2010 में म्यांमार को आखिरका सैनिक शासन से मुक्ति मिल गई और म्यांमार में लोकतंत्र स्थापित हो गया। लेकिन, इस साल एक फरवरी को एक बार फिर से म्यांमार की सत्ता को सेना ने पलट दिया और देश में सैन्य शासन की स्थापना कर दी है।

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English summary
Myanmar's military junta has framed charges against the country's top leader Aung San Suu Kyi for election rigging and disobeying laws.
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