Maldives Crisis: यामीन सरकार ने इंडियन मिलिट्री को मालदीव से दूर रहने के लिए कहा
माले। मालदीव के डिफेंस मिनिस्टर ने भारत को अपने देश से दूर रहने के लिए कहा है। डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि उन्हें लगता है कि मालदीव में इंडियन मिलिट्री की दखलंदाजी नहीं होगी। मालदीव में भारत की मदद को लेकर सरकार ने अपने देश की विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला है। मालदीव के डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि अगर इंडियन मिलिट्री मालदीव में दखल देने की कोशिश करती है, तो हमारी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा होगा। मालदीव में सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक बंदियों को रिहा करने के आदेश के बाद से खफा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अपने देश में इमरजेंसी लागू कर दी है।
मालदीव ने चेताया
राजधानी माले में पिछले करीब 2 सप्ताह से तनाव है और सरकार मीडिया और विपक्षी पार्टियों के सदस्यों पर कार्रवाई कर, उन्हें हिरासत में ले रही है। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद समेत विपक्षी पार्टियां चाह रही है कि वर्तमान हालात को देखते हुए मालदीव में इंडियन मिलिट्री को दखल देना चाहिए। वहीं, क्रूर हो चुकी सरकार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि दोनों देशों के लिए बेहतर होगा कि इंडियन मिलिट्री मालदीव से दूर ही रहें।
भारत का दखल गैर-जिम्मेदाराना होगा- मालदीव
मालदीव डिफेंस मिनिस्टर के मुताबिक, अगर इंडियन मिलिट्री दखल देने की कोशिश करती है तो इससे सदियों से चले आ रहे दोनों देशों के बीच रिश्तों को नुकसान होगा। मालदीव सरकार के अनुसार, अगर इंडियन मिलिट्री ऐसा कोई कदम उठाती है, तो यह एक गैर-जिम्मेदाराना हरकत होगी। वहीं, दूसरी मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की इस हरकत से दुनिया भर में आलोचना हो रही है और उन्हें इमरजेंसी हटाने के लिए इंटरनेशनल कम्युनिटी दबाव डाल रही है।
मालदीव में क्रूर होती सरकार
मालदीव में अब परिस्थितियां बिगड़ती जा रही है। सैना ने बुधवार को संसद पर कब्जा कर लिया और सासंदों को घसीट कर बाहर फेंका जा रहा है। सरकार मीडिया और नागरिकों क्रूर तरीकों से पेश आ रही है। वहीं, चीन ने स्पष्ट किया है कि अगर भारत मालदीव में दखल देने की कोशिश करता है, तो वो भी चुप नहीं बैठेंगे। हालांकि, मालदीव में सैन्य दखल को लेकर भारत की तरफ से अभी तक कोई इच्छा जाहिर नहीं की है।