लिंडा, रांडा या माया, ऐसे कई नामों पर इन सभी देशों में है प्रतिबंध ? जानिए कारण
नई दिल्ली, 27 दिसंबर: बच्चों के नाम रखने को लेकर कई देश अभी भी बहुत ही सख्त हैं। कुछ देशों में नामों की ऐसी लिस्ट है, जिसे रखना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। कुछ वर्ष पहले एक विदेशी अखबार ने करीब 50 नामों की पूरी लिस्ट लगाई थी, जिसे सऊदी अरब में रखना गुनाह समझा जाता है। हालांकि, कुछ देशों ने अब इस मसले पर थोड़ी ढिलाई भी देनी शुरू की है, लेकिन कई देश इस नियम को को लेकर बहुत ही सख्त हैं। ऐसे देशों में मुस्लिम और ईसाई बहुल देशों की फेहरिस्त काफी लंभी है। यहां पर किस देश में बच्चों के नाम रखने क्या नियम है, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
बेटी का पसंद का नाम रखने के लिए 4 साल का संघर्ष
इकोनॉमिस्ट डॉट कॉम के मुताबिक अब्देलमदजीद लबादी एक अरबी नाम है, जो अल्जीरिया में रहते हैं। लेकिन, उन्हें अपनी बेटी को अरबी नाम देने के लिए कम से कम चार वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा। वह बेटी को ऐसा नाम देना चाहते थे, जिससे उनकी हज्जाम जाति की पहचान जाहिर हो। लेकिन, अल्जीरिया में अल्पसंख्यकों पर नियंत्रण रखने के लिए सिर्फ 300 हज्जाम नाम ही मंजूर किए गए थे। लबादी को उनमें से कोई भी पसंद नहीं आ रहा था। पिछले साल जुलाई में अदालत से मुकदमा जीतने के बाद वह अपनी बेटी को औपचारिक तौर पर तनीला नाम दे पाए हैं। यानी चार साल तक उनकी बिटिया का कोई नाम नहीं था।
बहुसंख्यकों के नामों पर जोर
ऐसी पाबंदियां मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीकी देशों में भी देखी जाती हैं, जहां बहुसंख्यक जातियों या धर्म की ओर से कुछ खास तरह के नाम रखने को ही प्रोत्साहन मिलता है। जैसे कि तुर्की ने कुर्द नामों और गैर-तुर्की उपनामों पर प्रतिबंध लगा रखा है। ईरान ने क्रांति के बाद पश्चिमी नामों को रखने पर प्रतिबंध लगा दिया और इस्लाम से पूर्व के फारसी नामों पर भी रोक लगा दी। इसी तरह से इजरायल ने यूरोप और मुस्लिम देशों से आए यहूदी अप्रवासियों को हिब्रू नाम दिए। अल्जीरिया में इस बात पर जोर दिया गया कि नाम से अल्जीरियाई महससू हो। इसी तरह मोरक्को ने भी नाम में स्थानीयता पर सख्त जोर दिया।
सऊदी अरब में कुछ नाम रखना है गुनाह
मेलऑनलाइन ने कुछ वर्ष पूर्व करीब 50 नामों की एक पूरी लिस्ट प्रकाशित की थी, जिनपर सऊदी अरब ने बच्चों का नाम रखने पर पाबंदी लगाई थी। वहां के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने इसकी वजह विदेशी नाम होने के साथ-साथ ईश्वरीय निंदा, देश के धार्मिक भावना के खिलाफ, संस्कृति-विरोधी और गैर-वाजिब जैसे कारण बताए थे। लेकिन,कुछ राजनयिक और राजनीतिक कारणों से भी प्रतिबंधित किए गए थे। गल्फ न्यूज ने तब कहा था कि नामों पर प्रतिबंध की मुख्य तौर पर तीन श्रेणियां रखी गई हैं- धार्मिक भावना-विरोधी, राजसी नाम और गैर-अरबी या गैर-इस्लामी मूल के नाम। लेकिन, इस श्रेणी में कुछ ऐसे नाम नहीं शामिल किए गए, जिन्हें बैन करने का कारण अस्पष्ट था।
सऊदी अरब में प्रतिबंधित नामों की सूची
- मलाक (फरिश्ता)
- अब्दुल आती
- अब्दुल नासिर
- अब्दुल मुसलेह
- नबी (पैगम्बर)
- नाबिय्या (फीमेल प्रॉफेट)
- आमिर (प्रिंस)
- सुमुव (हाईनेस)
- अल ममलाका (साम्राज्य)
- मलिका (रानी)
- ममलाका (साम्राज्य)
- तबारक (मुबारक)
- नारदीन
- माया
- लिंडा
- रांडा
- बासमाला (ईश्वर के नाम का उच्चारण)
- तालीन
- अरम
- नारीज
- रीतल
- एलिस
- सैंडी
- राम (भगवान का नाम)
- मलीन
- ईलैन
- इनर
- मलिकटिना
- लारीन
- किबरियाल
- लॉरेन
- बिन्यामिन (बेंजामिन का अरबी- इजरायरल के पूर्व पीएम का नाम)
- नरीस
- यारा
- सिताव
- लॉलैंड
- तिलज
- बाराह
- अब्दुल नबी
- अब्दुल रसूल
- जिब्रील
- अब्दुल मुरीन
- अबरार
- ईमान
- बयान
- बासील
- वायरीलम
इन मुल्कों में भी हैं कुछ नाम प्रतिबंधित
दुनिया में और कई देश हैं, जिन्होंने अपने यहां बच्चों को कुछ नाम देने पर रोक लगा रखी है। उदाहरण के लिए द वीक के मुताबिक न्यूजीलैंड में '4रीयल', 'माफिया नो फीयर' और 'एनल' नाम आधिकारिक तौर पर खारिज की लिस्ट में शामिल हैं। जर्मनी में बच्चों के पहले नाम से लिंग का पता चलना चाहिए और ऐसे नाम नहीं रखे जा सकते, जिससे बच्चे पर बुरा असर पड़े। जैसे कि ओसामा बिन लादेन। पुर्तगाल में 80 पन्नों का दस्तावेज है कि क्या नाम रखने हैं और क्या नहीं। लंबे समय तक, वहां सिर्फ बाइबिल या ईसाई नामों की ही अनुमति थी। डेनमार्क में 7,000 नामों को पहले से मंजूरी मिली हुई है, लेकिन 'एनस' ,मंकी और प्लूटो उसमें शामिल नहीं है। नॉर्वे में नाम संबंधी कानून 18वीं सदी की शुरुआत से मौजूद हैं, एक महिला ने उल्लंघन किया तो उसे जेल जाना पड़ा। जापान में भी 'अनुचित' नामों पर रोक लगा दी जाती है। इसी तरह मलेशियाई माता-पिता अपने बच्चों के नाम जानवरों, कीड़े-मकोड़ों, फलों, सब्जियों या रंगों के नाम पर नहीं रख सकते। आईसलैंड सिर्फ उन्हीं नामों को प्रोत्साहन देता है, जो वहां के ग्रामर और उच्चारण में फिट बैठता है।(तस्वीरें- प्रतीकात्मक)