लिंपियाधुरा, लिपुलेख, कालापानी पर नेपाल ने फिर जताया हक, पीएम देउबा बोले- ये तीनों क्षेत्र देश के अभिन्न अंग
नई दिल्ली, 28 मई। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने कहा कि उनकी सरकार अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए तैयार है। लिंपियाधुरा और लिपुलेख और कालापानी के इलाके नेपाली हैं। अंतर्राष्ट्रीय सीमा का मुद्दा संवेदनशील है। पीएम देउबा ने कहा कि हम समझते हैं कि इसे कूटनीतिक माध्यमों से बातचीत और बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार अपने देश के क्षेत्रों की रक्षा के लिए तैयार है। लिंपियाधुरा और लिपुलेख और कालापानी के क्षेत्रों पर नेपाली प्रधानमंत्री ने फिर से अपना हक जताते उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सीमा का मुद्दे संवेदनशील बताया। नेपाल की संसद में बोलते हुए पीएम देउबा ने कहा कि उनकी सरकार को अपने क्षेत्र की पक्की समझ है। नेपाली पीएम ने संसद में कहा 'सीमा का मुद्दा संवेदनशील है और हम समझते हैं कि इसे कूटनीतिक माध्यमों से बातचीत और बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।'
पीएम देउबा ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा राष्ट्र हित को सर्वोपरि माना है। वहीं नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद को कूटनीति और स्थापित तंत्र के जरिए सुलझाने की बात कही।
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इससे पहले जब नेपाल ने अपने देश का एक नया नक्शा जारी किया तो भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव की स्थिति देखी गई। नेपाल के नए नक्शे में वर्तमान में भारत के कब्जे वाली कुछ विवादित भूमि शामिल क गई थी। वहीं 2019 में भारत ने अपने नक्शे में कालापानी के क्षेत्र के दिखाया। जिसके बाद नेपाल की ओर से तत्कालीन पीएम केपी शर्मा ओली आपत्ति जताई थी।