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जानलेवा बन गई है सच्ची पत्रकारिता, 2022 में 30 प्रतिशत ज्यादा मारे गये जर्नलिस्ट

पत्रकारों के लिए चीन, मेक्सिको और पाकिस्तान काफी खतरनाक बन गया है और यूक्रेन युद्ध में भी दर्जन भर पत्रकार मारे गये हैं।

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Journalist Killed in 2022: साल 2022 में 2021 के मुकाबले पत्रकारों की मौत में भारी इजाफा हुआ है और शुक्रवार को जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण, हूतियों के हमले और मेक्सिको में आपराधिक समूहों की बढ़ती हिंसक वारदातों ने पत्रकारिता को काफी ज्यादा मुश्किल बना दिया है और साल 2022 में अपना काम करते हुए 2021 की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा पत्रकारों की मौत हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, पूरी दुनिया में पत्रकारों पर हमलों के मामले में बढ़ोतरी हुई है।

पत्रकारिता नहीं रहा आसान

पत्रकारिता नहीं रहा आसान

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स का कहना है कि, दुनिया भर में इस साल अब तक 67 पत्रकार और मीडियाकर्मियों की जान ली गई है, जबकि पिछले साल 47 पत्रकार मारे गये थे। ब्रसेल्स स्थित समूह ने 375 पत्रकारों की भी गिनती की है, जो वर्तमान में चीन, म्यांमार और तुर्की में अपने काम की वजह से कैद कर लिए गये हैं। पिछले साल की रिपोर्ट में 365 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था और जेल भेज दिया गया था। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने पत्रकारों पर होने वाले हमले और सरकारी दमन की निंदा की है और देश की सरकारों से अपील की है, कि वो पत्रकारों की सुरक्षा और फ्री एंड फेयर जर्नलिज्म को बढ़ावा दें। संगठन ने पत्रकारों के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर ठोस कार्रवाई करने का आह्वान किया है।

पत्रकारों पर हो रहे हमले

पत्रकारों पर हो रहे हमले

IFJ के महासचिव एंथनी बेलांगर ने एक बयान में कहा कि, 'पत्रकार अगर अपने काम में फेल होते हैं, तो फिर उनकी विफलता उन लोगों को बढ़ावा देगी, जो सूचना के प्रवाह को दबाने की कोशिश करते हैं और ऐसे लोग बिना किसी दबाव के होंगे, जो नागरिकों के प्रति अपने अधिकारों की परवाह नहीं करते हैं।' एंथनी बेलांगर ने कहा कि, "यह सुनिश्चित करना जरूरी है, कि शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल पत्रकारों के खिलाफ नहीं हो पाए और लोगों तक निर्बाध तरीके से सूचनाएं पहुंचे और ऐसे लोग जिम्मेदार ठहराए जाएं, तो नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्य को लेकर सचेत नहीं होते हैं।" आईएफजे के मुताबिक, इस साल किसी भी अन्य देश की तुलना में यूक्रेन में युद्ध को कवर करने वाले सबसे ज्यादा मीडियाकर्मी मारे गये हैं। यूक्रेन युद्ध को कवर करने वाले 12 मीडियाकर्मियों की मौत हुई है।

मेक्सिको-पाकिस्तान में भी भारी खतरा

मेक्सिको-पाकिस्तान में भी भारी खतरा

IFJ ने कहा कि, "मेक्सिको में आपराधिक संगठनों के आतंक के शासन और हैती में कानून और व्यवस्था के टूटने की वजह से भी भारी संख्या में पत्रकारों की हत्या की गई है।" आपको बता दें कि, साल 2022 मेक्सिको में पत्रकारों के लिए अब तक का सबसे घातक देश रहा है, जिसे अब युद्ध क्षेत्र के बाहर पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश माना जाता है। इसके साथ ही पाकिस्तान भी पत्रकारों के लिए काफी खतरनाक देशों की लिस्ट में शामिल है और इस साल आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान में 5 पत्रकारों की हत्या कर दी गई है। पाकिस्तान के अलावा कोलंबिया और फिलीपींस भी पत्रकारों के लिए असुरक्षित देश साबित हुआ है। अलजजीरा की जर्नलिस्ट शिरीन अबू अकलेह भी इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष को कवर करते वक्त मारी गईं थीं और इजरायल ने माना कि, अलजजीरा के पत्रकार की मौत उनसे सैनिकों से गलती से गोली चलने की वजह से हुई।

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English summary
Jurnalists killed in 2022: The year 2022 has been very dangerous for journalists and 30 percent more journalists have been killed as compared to 2021.
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