इजरायल-फिलिस्तीन में फिर भड़की लड़ाई, जानिए आग भड़काने वाला 'इस्लामिक जिहाद' संगठन क्या है?
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच एक बार फिर से तनाव भड़क गया है और इस बार इस तनाव के केन्द्र में 'इ्स्लामिक जिहाद' संगठन है।
Israel Strike on Palestine: इजरायल ने पिछले एक साल में फिलीस्तीन पर भीषण हमला किया है और फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, कि गुरुवार को जेनिन के वेस्ट बैंक शहर में इजराइली सेना ने नौ फ़िलिस्तीनियों को मार डाला और कई अन्य को घायल कर दिया है। जिसके बाद फिलिस्तीन ने इजरायल के साथ सिक्योरिटी कॉर्डिनेशन को सस्पेंड कर दिया है।
फिलिस्तीन पर भीषण हमला
रिपोर्ट के मुताबिक, जेनिन पर हुए हमले के कुछ घंटों बाद और फिलिस्तीनी मारा गया है, जिसके बाद अब तक मरने वालों की संख्या 10 हो गई है। जिसे इज़राइल पुलिस ने यरूशलेम के पास "हिंसक गड़बड़ी" कहा है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों की संख्या गुरुवार को वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के लिए एक साल में सबसे ज्यादा घातक दिन है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल इजराइली सेना द्वारा मारे गए फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। सीएनएन के मुताबिक, इजरायली हमले में, कुछ उग्रवादी, इजरायल पर हमला करने वाला शख्स, और कुछ नागरिक मारे गये हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, कि जेनिन शरणार्थी शिविर पर एक इजरायली हमले के दौरान एक बुजुर्ग महिला सहित नौ फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है।
हमले को लेकर क्या बोला इजरायल?
इजरायली सुरक्षा बलों ने कहा है, कि वे जेनिन में गुरुवार को "इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन से संबंधित आतंकवादी दस्ते" को पकड़ने के लिए काम कर रहे थे और इजरायली अधिकारियों ने एक बयान में कहा है, कि उन्होंने तीन "आतंकवादियों" को मार गिराया है। इजरायली डिफेंस फोर्स ने एक बयान में कहा है, कि "इस्लामी जिहाद आतंकवादी आईडीएफ, इजरायली सैनिकों और इजरायली नागरिकों पर हमला करने की एक बड़ी योजना बना रहे थे, लेकिन हमला करने से पहले ही इजरायल ने उन्हें निशाना बना डाला।" वहीं, फिलिस्तीनी रेड क्रीसेंट (पीआरसी) ने कहा कि इजरायली बलों ने शुरू में मेडिकल टीम को जेनिन शिविर में प्रवेश करने से रोक दिया था, जिससे घायल व्यक्तियों तक पहुंचना मुश्किल हो गया, जिनमें से चार की हालत गंभीर थी।
क्या है 'इस्लामिक जिहाद' संगठन?
अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोहा संस्थान के इब्राहिम फरहत ने अल जज़ीरा को बताया कि, "इस्लामिक जिहाद को खास तौर पर शांति प्रक्रिया को भंग करने वाला माना जा रहा है और ये शांति प्रक्रिया का विरोध भी करता है और इजरायल के साथ किसी भी तरह की बातचीत का विरोध करता है। वहीं, यह हमास की तरह ही इजरायल के 'कब्जे' के खिलाफ सशस्त्र विरोध चलाता है'। उन्होंने कहा कि, 'इस्लामिक जिहाद को ईरान का काफी करीबी सहयोगी है और ईरान के साथ काफी अच्छे संबंध होने की वजह से ही इजरायल और भी घातक हमले कर रहा है'।
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कहां से मिलती है ट्रेनिंग और फंडिंग?
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक जिहाद को प्रशिक्षण, विशेषज्ञता और धन की आपूर्ति ईरान करता है, लेकिन ये समूह अपने ज्यादातर हथियारों का निर्माण स्थानीय तौर पर ही करता है। हालांकि, इसका बेस गाजा में है, लेकिन, इस्लामिक जिहाद का लेबनान और सीरिया में भी नेतृत्व है, जहां यह ईरानी अधिकारियों के साथ इसके घनिष्ठ संबंध हैं। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के प्रमुख ने पिछले साल अगस्त में कहा था, कि इजरायल के खिलाफ लड़ाई में फिलिस्तीनी "अकेले नहीं" हैं। मेजर-जनरल होसैन सलामी ने कहा था कि, "हम अंत तक इस रास्ते पर आपके साथ हैं, और फिलीस्तीन और फिलिस्तीनियों को बताएं, कि वे अकेले नहीं हैं।"
फिलिस्तीन ने इजरायली हमले पर क्या कहा?
इजराइल सीमा पुलिस ने कहा है, कि "वे शहर में "हिंसक गड़बड़ी" का जवाब दे रहे थे और "एक आतंकवादी, जिसने हमारी सेना पर कम दूरी से रॉकेट दागे थे, उसे बेअसर कर दिया गया।" वहीं, फिलिस्तीनी प्राधिकरण के प्रधानमंत्री मुहम्मद शतायेह ने संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से "सुरक्षा प्रदान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने ... और बच्चों, युवाओं और महिलाओं के रक्तपात को रोकने" का आह्वान किया है। फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने यह भी घोषणा की है, कि वह इजरायल के साथ सिक्योरिटी कॉर्डिनेशन को खत्म कर देगा।
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