
ISIS में शामिल हैं भारत में जन्मे 66 आतंकवादी, संभालते हैं बड़ी जिम्मेदारियां, यूएस रिपोर्ट में दावा
वॉशिंगटन, दिसंबर 18: विश्व के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में भारतीय मूल के 66 आतंकवादी हैं। आतंकवाद पर अमेरिकी विदेश विभाग ने जो ताजा रिपोर्ट पेश की है, उसने भारत के लिए नई टेंशन बढ़ा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, इस साल नवंबर तक विश्व के सबसे कुख्यात और खतरनाक इस्लामिक आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में भारतीय मूल के 66 आतंकवादी मौजूद हैं, जो बड़ी बड़ी जिम्मेदारियां संभालते हैं।
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आईएसआईएस में भारतीय मूल के 66 आतंकी
वैश्विक आतंकवाद को लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने जो लेटेस्ट रिपोर्ट पेश की है, उसमें बताया गया है कि, आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, एनआईए समेंत भारतीय आतंकवाद विरोधी बलों ने काफी अच्छा काम किया है और यूएस विदेश विभाग ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की तारीफ की है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को जारी 2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म में कहा कि, भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2309 को लागू करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सहयोग करता है और हवाई अड्डों पर कार्गो स्क्रीनिंग के लिए डुएल स्क्रीन एक्स-रे को सख्ती से लागू कर रहा है। आपको बता दें कि, यूएनएससीआर 2309 सरकारों को हवाई यात्रा करते समय नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए कहता है।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई
अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि, साल 2020 में किसी भी विदेशी आतंकवादी को भारत नहीं लाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आईएसआईएस से संबंधित 34 आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच की है और सितंबर में केरल और पश्चिम बंगाल से अल-कायदा के 10 गुर्गों सहित 160 लोगों को गिरफ्तार किया है।" कोलकाता पुलिस आतंकवाद विरोधी विशेष कार्य बल ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के दूसरे-इन-कमांड अब्दुल करीम को भी बोधगया में 2013 की बमबारी में शामिल होने के संदेह में गिरफ्तार किया था।

आतंकवाद पर भारत-अमेरिका सहयोग
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका-भारत सहयोग पर प्रकाश डालते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि, संयुक्त राज्य अमेरिका भारत सरकार के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी का निर्माण जारी रखे हुए है, जिसमें सितंबर में 17वें आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह और तीसरे पदनाम संवाद जैसे द्विपक्षीय जुड़ाव शामिल हैं इसके साथ ही इसी साल अक्टूबर में दोनों देशों के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता भी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, ''भारत आतंकवाद की जांच से संबंधित जानकारी के लिए अमेरिकी रिक्वेस्ट का समय पर जवाब देता है और अमेरिका से जानकारी मिलने के बाद संभावित खतरों को 'शांत' करने के लिए फौरन कदम उठाता है।

आतंकवाद पर लगा है लगाम
अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि, ''पिछले दो सालों में दोनों सहयोगी देशों के आपसी प्रयास से आतंकवादी घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लगाया गया है और आतंकवादियों की 'यात्रा' के मद्देनजर और संभावित खतरों के खिलाफ अमेरिका को काफी सहयोग किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के अधिकारी आतंकवादियों की भर्ती के लिए होने वाले इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर चिंतित रहते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, "2020 में मीडिया और एनआईए की ओर से ऑनलाइन आतंकवादी कट्टरपंथ के संदिग्ध मामलों की कई रिपोर्टें आईं, खासकर दक्षिणी भारतीय राज्यों में।" इसके साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत 2020 में कई क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों में नेतृत्व की भूमिकाओं में सक्रिय रहा है, जहां इसने बहुपक्षीय आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा दिया है।

आतंकवाद के खिलाफ कई देशों के साथ भारत
रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत ने श्रीलंका और मालदीव के साथ आतंकवाद पर खुफिया जानकारी साझा की है, जबकि रूस के साथ उसके लंबे समय से रक्षा संबंध आतंकवाद से निपटने के मुद्दों तक भी फैले हुए हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, भारतीय एजेंसियों के बीच सूचना के आदान प्रदान में देरी बरती जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है, "कई भारतीय राज्यों ने कानून प्रवर्तन के लिए आतंकवाद की जानकारी प्रसारित करने के लिए राज्य स्तरीय एमएसी की स्थापना की है।" इसमें कहा गया है कि, भारतीय सुरक्षा बल गश्त करने और व्यापक समुद्री और भूमि सीमाओं को सुरक्षित करने की सीमित क्षमता का प्रदर्शन करते हैं।
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