ईरान में इस्लामिक शासन के खिलाफ फिर फूटा गुस्सा, सुप्रीम लीडर के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन
ईरान में सितंबर महीने के मध्य में 22 साल की कुर्द लड़की महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत के बाद से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था, जो अभी तक चल रहा है।
Iran Protest: ईरान में इस्लामिक शासन के खिलाफ एक बार फिर से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और आम नागरिकों पर सरकार की बेरहमी को लेकर कई क्षेत्रों में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ईरान में सितंबर महीने में शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से कई बेगुनाह आम नागरिकों की हत्या की गई है और 19 हजार से ज्यादा आम लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसके खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमेनेई की निंदा कर रहे हैं और उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
अयातुल्ला अली खमेनेई के खिलाफ नारेबाजी
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण पू्र्वी ईरान में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गये हैं। मानवाधिकार समूहों के मुताबिक, कम से कम 100 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है। आपको बता दें कि, ईरान में मध्य सितंबर में 22 साल की कुर्द लड़की महसा अमीनी की मोरल पुलिस ने 'सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने' की वजह से हिरासत में ले लिया था और पुलिस हिरासत में ही उसकी संदिग्ध मौत हो गई। जिसके बाद ही ईरानी लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लाखों लोग सड़कों पर हैं। वहीं, इस प्रदर्शन को छात्रों का समर्थन मिल गया है, लिहाजा इसकी आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही है। ईरान सरकार ने मोरल पुलिस को भंग करने की भी घोषणा की है, लेकिन महिलाओं की मांग अब सिर्फ हिजाब की अनिवार्यता खत्म करने की नहीं रही है, बल्कि अब उनकी मांग इस्लामिक शासन को ही खत्म करने की है, जिसमें महिलाओं के लिए पूर्ण और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग की गई है।
सर्वोच्च नेता के खिलाफ फूटा है गुस्सा
ईरान के प्रदर्शनकारी सर्वोच्च नेता 'खमेनेई की मौत हो' के नारे लगा रहे हैं। ईरान से जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें प्रदर्शनकारियों को सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी ज़ाहेदान में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ भारी नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है। आपको बता दें कि, ईरान का बलूचिस्तान राज काफी ज्यादा गरीब है और यहां करीब 20 लाख बलूच रहते हैं, जिनके बारे में मानवाधिकार समूहों का कहना है, कि उन्होंने दशकों से भेदभाव और दमन का सामना किया है। वहीं, भारी प्रदर्शन की वजह से ईरान की करेंसी में तबाही मच गई है और तीन महीने से ज्यादा समय पहले शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से ईरान की मुद्रा ने अपने मूल्य का एक चौथाई हिस्सा खो दिया है। डॉलर के मुकाबले ईरानी मुद्रा तबाह हो गई है और करीब 3 लाख पर पहुंच गई है, जिसकी वजह से ईरान में मुद्रास्फीति में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
प्रदर्शन से देश की करेंसी तबाह
शुक्रवार को ईरान के केंद्रीय बैंक के नये गवर्नर मोहम्मद रजा फरजिन ने स्टेट टीवी को बताया है, कि रियाल को समर्थन देने के लिए अब बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करेगा। उन्होंने इस बात को माना, कि मौजूदा फॉरेन एक्सचेंज रेट तबाह हो चुका है और अब केन्द्रीय बैंक फ्री बाजार में हस्तक्षेप करेगा। वहीं, सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ईरानी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए प्रदर्शनकारियों की कब्रों पर ईरानी प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई है। ईरान में सौ से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। वहीं, राजधानी तेहरान में बेहेश-ए ज़हरा कब्रिस्तान में हमीदरेज़ा रूही की मृत्यु के बाद से 40 दिन की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए प्रदर्शनकारियों की एक बड़ी भीड़ एकत्र हुई। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान भारी संख्या में सरकार विरोधी प्रदर्शन किए हैं। आपको बता दें कि, रूही को नवंबर में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ईरानी सुरक्षा बलों ने गोली मार दी थी।