कोविड-19 पर ऑस्ट्रेलियन अखबार ने की पीएम मोदी की आलोचना, भारत ने कहा-दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट
ऑस्ट्रेलिया स्थित भारतीय उच्चायोग ने द ऑस्ट्रेलियन अखबार की उस रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण बताया है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की गई है।
नई दिल्ली/कैनबरा, अप्रैल 27: भारत में कोरोना वायरस के दूसरे लहर के दौरान मची तबाही को लेकर ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सख्त आलोचना की है, जिसको लेकर भारत की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई है। भारतीय उच्चायोग ने अखबार के संपादक को लिखी चिट्ठी में रिपोर्ट को आधारहीन, निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण बताया है। ऑस्ट्रेलियन अखबार की रिपोर्ट पर भारत की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है। ऑस्ट्रेलियन अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने विशेषज्ञों की बात नहीं मानी और खुद सरकार की तरफ से कोरोना नियमों का उल्लंघन किया गया है।
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ऑस्ट्रेलियन अखबार की आलोचना
दरअसल, भारत में कोरोना के दूसरे लहर ने हजारों लोगों की जिंदगी छीन ली है। भारत के अस्पताल ऑक्सीजन क्राइसिस से जूझ रहे हैं और भारत के सैकड़ों अस्पतालों के पास मरीजों का इलाज करने के लिए संसाधन नहीं बचा है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने अपने लेख का हेडलाइन में लिखा है कि 'भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत को लॉकडाउन से बाहर निकालकर सर्वनाश की तरफ धकेल दिया है।' इस लेख में ऑस्ट्रेलियन अखबार ने भारतीय प्रधानमंत्री की जमकर आलोचना की है और कहा है कि कोरोना संक्रमण के इस लहर के पीछे चुनावी रैलियां, कुंभ मेला जैसे आयोजन है, जिसपर सख्ती बरतने में सरकार नाकाम रही। ऑस्ट्रेलियन अखबार ने लिखा है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने एक्सपर्ट्स की सलाह को नजर अंदाज किया है, जिसकी वजह से भारत की ये दुर्गति हुई है।
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भारत की प्रतिक्रिया
ऑस्ट्रेलियन अखबार में छपी रिपोर्ट में भारतीय पीएम नरेन्द्र मोदी की सख्त शब्दों में आलोचना की गई है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया स्थिति भारतीय उच्चायोग ने अखबार की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय उच्चायोग ने द ऑस्ट्रेलियन अखबार के एडिटर इन चीफ क्रिस्टोफर डोरे को चिट्ठी लिखी है और रिपोर्ट को दुर्भवनापूर्ण करार दिया है। भारतीय उच्चायोग ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गये कदमों का जिक्र किया है और कहा है कि भारत सरकार ने कैसे पूरी दुनिया को वैक्सीन सप्लाई की है। भारतीय उच्चायोग ने अपनी चिट्ठी में अखबार पर मोदी सरकार के कामकाज को कम करने के आंकने का आरोप लगाया है। इस चिट्ठी में भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि पिछले साल से ही भारत सरकार ने महामारी रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं साथ ही पूरी दुनिया को कोरोना महामारी से निजात मिले, इसके लिए भारत सरकार ने 82 से ज्यादा देशों में वैक्सीन की सप्लाई की है।
'सरकार ने बचाई सैकड़ों जिंदगियां'
ऑस्ट्रेलियन अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने कोरोवा वायरस के दूसरे लहर के आने से पहले कई ऐसे रिपोर्ट्स को नहीं माना, जिसमें चेतावनी दी गई थी। जिसकी वजह से भारत का ये हाल हो रहा है। जिसपर भारतीय उच्चायोग ने जवाब देते हुए कहा है कि भारत सरकार ने समय पर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिसकी वजह से सैकड़ों जिंदगियां बचाई गई हैं और पूरी दुनिया में भारत सरकार के प्रयासों की तारीफ हो रही है। भारतीय उच्चायोग ने भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी का भी जिक्र किया है। लेकिन, ट्विटर पर भारतीय प्रधानमंत्री की पश्चिम बंगाल में बड़ी बड़ी रैलियों का आयोजन करने के लिए आलोचना की जा रही है। वहीं, भारत के कई ट्विटर यूजर्स ने ऑस्ट्रेलियन अखबार की रिपोर्ट को 'सच' कहा है।