किम से बातें सकारात्मक नहीं हुई तो मीटिंग बीच में ही छोड़ देंगे ट्रंप
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक नहीं हुई तो वो इसे छोड़ कर बाहर निकल आएंगे.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव की स्थिति बनाए रखी जानी चाहिए.
आबे इस वक्त बातचीत के
अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक नहीं हुई तो वो इसे छोड़ कर बाहर निकल आएंगे.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव की स्थिति बनाए रखी जानी चाहिए.
आबे इस वक्त बातचीत के लिए ट्रंप के फ़्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो रिसॉर्ट में हैं.
इससे पहले, ट्रंप ने पुष्टि की कि सीआईए के निदेशक माइक पोम्पियो ने किम से मुलाकात के लिए उत्तर कोरिया की गुप्त यात्रा की थी.
उन्होंने कहा कि पोम्पियो ने किम जोंग उन के साथ अच्छे संबंध बनाए और बिना किसी समस्या के इस बैठक का आयोजन किया गया.
ट्रंप के जून या इससे पहले किम जोंग से मुलाकात करने की संभावना है. हालांकि यह बैठक कहां होगी और इससे जुड़ी अन्य बातों पर अभी काम चल रहा है.
अमरीका की किम जोंग उन से सीधी बात
अमरीका-उत्तर कोरिया सीक्रेट मीटिंग
वार्ता को लेकर क्या कहा गया?
राष्ट्रपति ट्रंप ने किम के साथ बैठक के बारे में कहा कि अगर उन्हें लगेगा कि यह बैठक सफल नहीं होने वाली तो वे इसमें शामिल ही नहीं होंगे. और अगर बैठक होती है और सकारात्मक दिशा में आगे नहीं बढ़ती है तो वे इसे बीच में ही छोड़ देंगे.
साथ ही उन्होंने कहा, "उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण तक अधिकतम दबाव की उनकी नीति बरकरार रहेगी."
उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने पहले कहा है, निरस्त्रीकरण को पूरी तरह से लागू करने, इसका प्रमाण देने और अपरिवर्तनीय तरीके से इसे अपना लेने पर उत्तर कोरिया के लिए आगे अच्छा भविष्य मौजूद है. यह उनके लिए और दुनिया के लिए अच्छा दिन होगा."
और क्या चर्चा हुई?
जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप से 1970 और 1980 के दशक में उत्तर कोरिया के द्वारा अपहृत जापानी नागरिकों की रिहाई में मदद करने का आग्रह किया.
उत्तर कोरिया ने 13 जापानी नागरिकों के अपहरण की बात स्वीकार की थी ताकि वो उनकी मदद से अपने गुप्तचरों को प्रशिक्षित कर सके.
हालांकि जापान का मानना है कि अग़वा किए गए लोगों की संख्या इससे अधिक है. इस मुद्दे के कारण दोनों देशों के बीच दशकों से संबंध में खटास बनी हुई है.
तीन अमरीकी नागरिकों को भी उत्तर कोरिया में पकड़ा गया था.
ट्रंप ने कहा कि अमरीका अग़वा जापानी नागरिकों की वापसी की पुरज़ोर कोशिश करेगा.
उन्होंने कहा, "इसी प्रकार हम अमरीकी नागरिकों की वापसी के लिए भी लगातार प्रयास कर रहे हैं."
माइक पोम्पियो की बैठक में क्या हुआ?
अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए निदेशक माइक पोम्पियो गुपचुप तरीके से उत्तर कोरिया के दौरे पर गए, उनकी किम जोंग उन से सीक्रेट मुलाकात हुई.
अमरीकी मीडिया ने उच्चस्तरीय सरकारी सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि पोम्पियो ईस्टर के मौके पर (31 मार्च और 1 अप्रैल) उत्तर कोरिया के गुप्त दौरे पर गए थे.
पोम्पियो के दौरे का मक़सद अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सीधी बातचीत का रास्ता साफ़ करना था. इससे अधिक बातचीत के विषय में और कोई जानकारी नहीं है.
कब और कहां हो सकती है वार्ता?
पिछले महीने, डोनल्ड ट्रंप ने खुद ही अप्रत्याशित रूप से घोषणा की थी कि उन्होंने उत्तर कोरिया की सीधी बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
इससे पहले, किसी अमरीकी राष्ट्रपति की उत्तर कोरिया के शासक से कभी आधिकारिक मुलाकात नहीं हुई है.
ट्रंप ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि यह बातचीत जून या इससे कुछ पहले हो सकती है.
उत्तर कोरिया पर मानवाधिकारों के उल्लंघन और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को न मानने के आरोप लगते रहे हैं.
परमाणु कार्यक्रम की वजह से भी उत्तर कोरिया विश्व बिरादरी में अलग-थलग स्थिति में है.
उत्तर कोरिया ने अब तक छह परमाणु परीक्षण किए हैं और उसने लंबी दूरी की ऐसी मिसाइल का भी परीक्षण किया जो अमरीका तक पहुंच सकता है.
हालांकि, शीतकालीन ओलंपिक खेलों के कारण बातचीत का अच्छा अवसर मिला और तब से केवल कुछ हफ़्तों में ही दक्षिण कोरिया के साथ ही चीन के कई प्रतिनिधिमंडलों ने उत्तर कोरिया का दौरा किया.