भारत से बेरुखी और पाकिस्तान से मोहब्बत, रूस के बदलते तेवर
मॉस्को। एनएसजी में दुनिया के कई देशों को समर्थन हासिल करने में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मोदी को रूस और पाकिस्तान की करीबियों से शायद थोड़ा परेशान होने की जरूरत है। रूस यूं तो पिछले करीब पांच दशकों से भारत की मजबूत रणनीतिक साझीदार है लेकिन उसकी करीबियां पाक से बढ़ रही है। दोनों देशों के बीच इस वर्ष के अंत में होने वाली ज्चाइंट वॉर एक्सरसाइज इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
200 सैनिक होंगे अभ्यास का हिस्सा
इस वर्ष के अंत में रूस और पाकिस्तान के करीब 200 सैनिक एक वॉर एक्सरसाइज में हिस्सा लेने वाले हैं। पाक मीडिया ने इस बाबत एक खबर दी है।
यह ज्चाइंट एक्सरसाइज इसलिए भी काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि रूस शीत युद्ध के समय से ही पाक का विरोधी था।
यह युद्धाभ्यास दोनों देशों के रिश्तों को एक नया मुकाम दे सकता है। यूक्रेन संकट के बाद से ही रूस और पाकिस्तान के रिश्ते पहले की तुलना में काफी बेहतर हुए हैं।
पढ़ें-अमेरिकी एयरक्राफ्ट को रूसी विमान ने आसमान में रोका
पाक न्यूजपेपर द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रूस में पाक के राजदूत काजी खलीलुल्लाह के हवाले से लिखा है कि यह पहला मौका होगा जब दोनों देशों की सेनाएं आपस में अभ्यास करेंगे। पाक ने रूस से कुछ फाइटर जेट्स खरीदने की भी इच्छा जाहिर की है।
पढ़ें-7 हजार चीनियों की सुरक्षा में 15000 पाक सैनिक
पाक और रूस की 'फ्रेंडशिप 2016'
पाक के राजदूत खलीलुल्लाह ने बताया कि इस एक्सरसाइज का नाम 'फ्रेंडशिप 2016' है। इस युद्धाभ्यास के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा और सैन्य तकनीक क्षेत्र में साझीदारी बढ़ने की उम्मीर है।
पिछले 15 माह में पाक के आर्मी, एयरफोर्स और नेवी चीफ रूस का दौरा कर चुके हैं। पिछले वर्ष अगस्त में पाक ने रूस से एम-35 खरीदने की डील पक्की कर ली है।
पढ़ें-अमेरिका देगा भारत को आसमानी हथियार
अमेरिका के साथ बढ़ी तल्खियां
वहीं अमेरिका के साथ पाक के रिश्ते इन दिनों काफी तल्ख हैं। पिछले दिनों जब अमेरिका ने पाक को एफ-16 फाइटर जेट्स देने से जुड़ी डील पर रोक लगाई तो तल्खियां सामने आ गईं।
इसके बाद पाक को मिलने वाली 300 मिलियन डॉलर की रकम को भी देने से अमेरिका ने मना कर दिया था।