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क्या वैज्ञानिकों ने खोज निकाला 'प्लैनेट 9'? 15 हजार साल में पूरा करता है सूर्य का एक चक्कर, जानें और भी बातें

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नई दिल्ली। कई सालों तक हमारे सौरमंडल में नौ ग्रहों की उपस्थिति को माना जाता रहा था लेकिन बाद में वैज्ञानिकों ने प्लूटो से यह दर्जा छीन लिया। फिलहाल हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह मौजूद हैं। इस बीच वैज्ञानिक अब नौवें ग्रह की तलाश में जुट गए हैं। अपने इस अभियान में खगोलविदों को एक ऐसा विचित्र एक्सोप्लैनेट (बहिर्ग्रह) मिला है जो नौवें ग्रह के खाली स्थान का दावेदार बन सकता है। इस ग्रह के संकेत नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) यूरोपियन स्पेस एजेंसी के हबल टेलीस्कोप की मदद से मिला है।

नेप्च्यून ग्रह से 336 प्रकाशवर्ष दूर है

नेप्च्यून ग्रह से 336 प्रकाशवर्ष दूर है

मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक यह विचित्र और आश्चर्यजनक ग्रह नेप्च्यून ग्रह से 336 प्रकाशवर्ष दूर होने की संभावना है। वैज्ञानिकों ने फिलहाल इसे 'प्लैनेट नाइन' का नाम दिया है। खगोलविदों द्वारा खोजा गया प्लैनेट नाइन एक ऐसा ग्रह है जो हमारे सौर मंडल में सबसे दूर दूर के ज्ञात ग्रह नेपच्यून से भी परे है। हबल टेलीस्कोप के इंस्टाग्राम अकाउंट ने इस ग्रह को लेकर एक पोस्ट शेयर किया है। उसमें नासा ने कहा, यह ग्रह 336 प्रकाश वर्ष दूर स्थित हो सकता है।

पहली बार 2013 में देखा गया

पहली बार 2013 में देखा गया

एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार हमारे सौर मंडल के बाहर एक्सोप्लैनेट ग्रह सौर मंडर के नौवें ग्रह की तरह व्याहार करता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस ग्रह का साइज बृहस्पति ग्रह जितना बड़ा हो सकता है। यह पहली बार है जब खगोलविदों ने इतने विशाल ग्रह के कक्षा की गणना की है जो अपने तारे से इतनी दूर चक्कर लगा रहा है। इसे पहली बार 2013 में चिली के अटाकामा रेगिस्तान में लास कैम्पानास वेधशाला में मैगलन टेलीस्कोप के द्वारा खोजा गया था।

सूर्य का चक्कर पूरा करने में लगाता है 15,000 वर्ष

सूर्य का चक्कर पूरा करने में लगाता है 15,000 वर्ष

रिपोर्ट के मुताबिक इस विचित्र ग्रह की एक खासियत यह भी है कि वह अपने सौर मंडल में दिखाई देने वाली डिस्क से आगे स्थित है। यह डिस्क काइपर बेल्ट की ही तरह है जिसमें छोटे बर्फ के पिंड हैं जैसा हमारे सौरमंडल में नेप्च्यून के आगे है। सूर्य से पृथ्वी की दूरी से 730 गुना अधिक एक्सोप्लैनेट ग्रह अपने दो सितारों से बहुत दूर है। इस ग्रह को अपने सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में 15,000 वर्ष लगते हैं।

नौवें ग्रह के मिलने के संकेत

नौवें ग्रह के मिलने के संकेत

वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि ग्रह की चरम कक्षा बहुत ही झुकी हुई, लम्बी और बाहरी है जो धूल भरे मलबे की डिस्क से घिरा है जो अपने जुड़वां सितारों को घेरे हुए है। मलबे की डिस्क स्वयं असाधारण है, संभवतः ग्रह के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की प्रमुख शोधकर्ता मीजी ने के मुताबिक यह अजीब क्यों है, इसे उजागर करने के लिए, हम सिर्फ अपने सौर मंडल को देख सकते हैं। बता दें कि खोगलविदों को अब तक नौवें ग्रह के स्थितिजन्य साक्ष्य ही मिले हैं।

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English summary
Have scientists discovered Planet 9? circle of the Sun completes in 15 thousand years
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