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भीषण तबाही झेलने को मजबूर हो जाएगा अमेरिका! जानें 2053 में क्या होगा

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 2053 तक भीषण गर्मी की चपेट में आ जाएगा। अध्ययन बताता है कि, अमेरिका का आधा इलाका भयंकर गर्मी से झुलसने वाला है। यह सब जलवायु परिवर्तन के असर से होगा।

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न्यूयॉर्क, 16 अगस्त : जलवायु परिवर्तन पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक, 2053 तक अमेरिका भीषण गर्मी की चपेट में होगा जहां तापमान 52 डिग्री तक पहुंच जाएगा। रिपोर्ट बताती है कि, अमेरिका की आधी आबादी भयंकर गर्मी की चपेट में होगी। गर्मी बढ़ने से प्रकृति के कई नियम बदल जाएंगे जिससे इंसानों और धरती पर रहने वाले जीव-जंतुओं पर बुरा असर पडे़गा। अध्ययन के अनुसार अमेरिका की 10 करोड़ आबादी चिलचिलाती गर्मी में रहने को मजबूर हो जाएंगे।

2023 तक अमेरिका में 81 लाख लोग होंगे गर्मी से प्रभावित

2023 तक अमेरिका में 81 लाख लोग होंगे गर्मी से प्रभावित

गैर-लाभकारी फर्स्ट स्ट्रीट फाउंडेशन (Nonprofit First Street Foundation) की ओर से किए गए शोध ने 30 वर्ग मीटर के 'हाइपर-लोकल' पैमाने पर गर्मी के जोखिम का अनुमान लगाने के लिए सार्वजनिक और तीसरे पक्ष के डेटा के साथ निर्मित एक सहकर्मी-समीक्षा मॉडल का उपयोग किया है। जलवायु परिवर्तन से जुड़ी इस रिसर्च के मुताबिक, अमेरिका में साल 2023 तक 81 लाख लोग गर्मी से बुरी तरह से प्रभावित होंगे। अध्ययन के मुताबिक राष्ट्रीय मौसम सेवा द्वारा निर्धारित अत्यधिक श्रेणी की गर्मी, जिसे 'अत्यधिक खतरे' की श्रेणी में रखा जाता है, यह है 52 डिग्री सेंटीग्रेड। सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि,भीषण गर्मी का प्रभाव क्षेत्र 2053 तक इतना बढ़ जाएगा कि यह 10.7 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा। यह अमेरिका में वर्तमान की तुलना में 13 गुना अधिक होगी।

रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाला है

रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाला है

यह रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाला है। अगर रिपोर्ट सही तो उत्तरी टेक्सास, इलिनोइस, लुइसियाना, इंडियाना और विस्कॉन्सिन तक फैले इलाकों में भीषण गर्मी पड़ेगी। हीट इंडेक्स, जिसे स्पष्ट तापमान के रूप में भी जाना जाता है। स्थानीय तापमान में सबसे बड़ा बदलाव मियामी-डेड काउंटी, फ्लोरिडा में हुआ, जो वर्तमान में 103 फारेनहाइट के अपने सबसे गर्म तापमान पर प्रति वर्ष सात दिन देखता है। 2053 तक, यह संख्या 103 डिग्री पर 34 दिनों तक बढ़ने की उम्मीद है।

तापमान बढ़ेगा तो मुश्किलें भी बढेंगी

तापमान बढ़ेगा तो मुश्किलें भी बढेंगी

बता दें कि, जब सापेक्ष आर्द्रता हवा में मौजूद तापमान के साथ मिलती है, तब एक इंसान का शरीर कैसा महसूस करता है, इसके लिए तापमान सूचकांक निकाला जाता है। इसको लेकर शोधकर्ताओं ने एक मॉडल विकसित किया है। इस मॉडल के मुताबिक, 2014 से 2020 के बीच Satellite से मापे गए धरती की सतह का तापमान और वायु के तापमान का परीक्षण किया गया। इस परिक्षण से दोनों के माप के बीच सही संबंधों की जानकारी मिली।

जलवायु परिवर्तन का असर

जलवायु परिवर्तन का असर

उदाहरण के लिए, उत्तरपूर्वी राज्य मेन में तापमान में 10 प्रतिशत की वृद्धि उतनी ही खतरनाक हो सकती है, जितनी टेक्सास के दक्षिण-पश्चिमी राज्य में 10 प्रतिशत की वृद्धि से होगी। वहीं, टेक्सास में कुल तापमान अधिक होगा। वर्तमान को देखें तो स्थानीय तापमान में सबसे बड़ा अनुमानित बदलाव मियामी-डेड काउंटी, फ्लोरिडा में हुआ है जहां का तापमान साल में सात दिनों तक 40 डिग्री तक पहुंच जाता है। अध्ययन के मुताबिक 2053 तक इन क्षेत्रों में 34 दिनों तक इतने ही तापमान रहने की आशंका है। कुल मिलाकर देखा जाए तो आने वाले दिनों में दुनिया के कई देश गर्मी की भीषण चपेट में आ सकते हैं। अमेरिका के कई इलाकों में किए गए नए अध्ययन बेहद ही चौंकाने वाला है।

(Photo Credit: Twitter)

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English summary
An area of intensely warm weather -- a so-called "extreme heat belt" -- with at least one day per year in which the heat index hits 125 Fahrenheit (52C), is expected to cover a US region home to more than 100 million people by the year 2053, according to a new study.
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