गौतम अडानी बने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स, रच दिया इतिहास, अब नंबर-1 की कुर्सी पर नजर
ब्लूमबर्ग ने बताया कि, गौतम अडानी समूह की किचन एसेंशियल फर्म अडानी विल्मर लिमिटेड अब अपने खाद्य संचालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय और विदेशी अधिग्रहण लक्ष्यों की तलाश कर रही है।
नई दिल्ली, सितंबर 16: भारत के अरबपति टाइकून गौतम अडानी अब फोर्ब्स की सूची में बर्नार्ड अरनॉल्ट की जगह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी बन गए हैं और इसके साथ ही उन्होंने इतिहास रचते हुए दुनिया के नक्शे पर भारत का नाम रोशन कर दिया है। अब दुनिया में गौतम अडानी से अमीर सिर्फ एलन मस्क है, जो टेस्ला के सीईओ हैं। निश्चित तौर पर भारत के लिए ये गौरवान्वित करने वाला पल है, क्योंकि आजादी के सात दशक बाद ही सही, लेकिन कोई भारतीय दुनिया का दूसरा सबसे अमीर कारोबारी बन गया है।
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कितनी हो गई अडानी की दौलत
अदानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की कुल संपत्ति अब बढ़कर 155.5 अरब डॉलर यानि करीब 12. 37 लाख करोड़ रुपये हो गये हैं। फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के अनुसार, अडानी की कुल संपत्ति 5.2 अरब डॉलर बढ़ गई है, जो 3.49 फीसदी की बढ़ोतरी है। वह फ्रांसीसी टाइकून बर्नार्ड अरनॉल्ट और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस से काफी आगे निकल गये हैं। टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क अमीरों की सूची में शीर्ष स्थान पर काबिज हैं। वहीं, शीर्ष 10 की सूची में, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी 92.2 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे भारतीय हैं। शीर्ष दस सूची में अन्य अरबपतियों में बिल गेट्स, लैरी एलिसन, वॉरेन बफेट, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन शामिल हैं। गौतम अडानी 30 अगस्त को लुइस विटॉन के बॉस अरनॉल्ट को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे। यह पहला मौका था, जब किसी एशियाई को शीर्ष तीन अरबपतियों में स्थान दिया गया था और अब वो दुनिया के दूसरे सबसे अमीर बन गये हैं।
और पांव पसार रही है अडानी की कंपनी
ब्लूमबर्ग ने बताया कि, गौतम अडानी समूह की किचन एसेंशियल फर्म अडानी विल्मर लिमिटेड अब अपने खाद्य संचालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय और विदेशी अधिग्रहण लक्ष्यों की तलाश कर रही है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक अंगशु मलिक ने ब्लूमबर्ग को बताया कि, कंपनी अपने उपभोक्ता वस्तुओं की पेशकश और पहुंच को बढ़ावा देने के लिए मुख्य खाद्य पदार्थों और वितरण कंपनियों में ब्रांडों का अधिग्रहण करना चाह रही है। अडानी विल्मर ने खरीद के लिए अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश से 500 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। उन्होंने कहा कि, अतिरिक्त धन आंतरिक स्रोतों से जुटाया जाएगा और अप्रैल से शुरू होने वाले अगले साल के लिए प्लान्ड कैपिटल एक्सपेंडिटर 30 अरब रुपये होंगे। फरवरी में 486 मिलियन डॉलर की शुरुआत के बाद से खाद्य कंपनी के शेयर तीन गुना से अधिक हो गए हैं। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अगस्त में अपनी सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल के जरिए एफएमसीजी कारोबार में उतरने की घोषणा के बाद अडानी ग्रुप की तरफ से ये घोषणा की गई है।
फूड इंडस्ट्री पर अडानी-अंबानी की नजर
अडानी और अंबानी के बीच भारत की फूड इंडस्ट्री में वर्चस्व जमाने की जंग चल रही है और दोनों ही कंपनियों ने 400 अरब डॉलर की इस फुड इंडस्ट्री में अपने कदम जमाने के लिए तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। अडानी विल्मर ने हाल ही में कई ब्रांड का अधिग्रहण किया है, जिमसे कोहिनूर कुकिंग ब्रांड, मैकॉर्मिक स्विटरजैंल अहम है। इस अधिग्रहण के जरिए अडानी ग्रुप अब बासमती चावल के क्षेत्र में अग्रणी की सूची में आ गया है। पिछले एक साल में अडानी ग्रुप ने 32 कंपनियों को खरीदा है, जिसकी कुल लागत 17 अरब डॉलर थी। जबकि, रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने ऐलान किया था कि वह एफएमसीजी सेक्टर में प्रवेश करेगी। कंपनी का लक्ष्य है कि ग्राहकों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद पहुंचाए जा सके।
हर हफ्ते कमाए 6000 करोड़
हुरुन इंडिया रिच लिस्ट ने सितंबर 2021 में उल्लेख किया था, कि गौतम अडानी एकमात्र ऐसे भारतीय थे जिन्होंने बाजार मूल्य के हिसाब से एक नहीं, बल्कि पांच 1 लाख करोड़ रुपये की कंपनियां बनाईं। इसी लिस्ट के मुताबिक अडानी ने 2021 में हर सप्ताह लगभग 6000 करोड़ रुपये अपनी संपत्ति में जोड़कर पूरी दुनिया में सबसे अधिक 49 बिलियन डॉलर कमाए। वहीं अगर 2022 की बात की जाए तो अडानी ने 30 अगस्त तक अपनी संपत्ति में 60.9 अरब डॉलर जोड़ लिए थे।
अडानी क्यों निकल गये सबसे आगे?
अडानी समूह ने पिछले कुछ सालों में कोयला से लेकर बंदरगाह और डेटा सेंटर से लेकर सीमेंट, मीडिया और एल्युमिना तक हर चीज में निवेश किया है। अडानी समूह अब भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बंदरगाह और हवाई अड्डे के संचालक, शहर-गैस वितरक और कोयला खनिक के मालिक हैं। जबकि, ऑस्ट्रेलिया में अडानी की कारमाइकल खदान की पर्यावरणविदों द्वारा लगातार आलोचना की जा रही है, कंपनी ने नवंबर में दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय-ऊर्जा उत्पादक बनने के लिए हरित ऊर्जा में 70 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया। हाल ही में अडानी ने स्विस कंपनी होल्सिम ग्रुप की सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड के कारोबार का मालिकाना हक हासिल कर सीमेंट उद्योग में प्रवेश किया। यह बिजनेस डील लगभग 10.5 अरब डॉलर (80,000 करोड़ रुपये) में हुई थी।
मीडिया क्षेत्र में भी अडानी के कदम
इसके अलावा मई 2021 में अडानी ग्रीन ने सॉफ्टबैंक के साथ अपने अक्षय ऊर्जा कारोबार को 3.5 बिलियन डॉलर (26,000 करोड़ रुपये) में खरीदने के लिए एक सौदा किया था। यह सौदा पूरी तरह कैश में हुआ था। यह भारत के रिन्यूएबल सेक्टर के इतिहास में सबसे बड़ी डील है। उनका नवीनतम स्टॉक मार्केट डेब्यू, अदानी विल्मर, सिंगापुर के विल्मर इंटरनेशनल के साथ 50:50 का उद्यम है, जो एशिया की सबसे बड़ी कृषि व्यवसाय कंपनियों में से एक है। हालांकि इस बीच जो सौदा सबसे अधिक चर्चित रहा, वह था अडानी का एनडीटीवी में हिस्सेदारी का अधिग्रहण। पिछले हफ्ते, अदानी समूह ने वीसीपीएल के अधिग्रहण के माध्यम से एनडीटीवी में 29.18% हिस्सेदारी हासिल करने की घोषणा की थी, जिसकी मीडिया समूह की प्रमोटर इकाई आरआरपीआर होल्डिंग में 99.99% हिस्सेदारी है।
जहां कदम, वहीं सोना सोना
अडानी ग्रुप में सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली 7 कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कुछ की वैल्यू पिछले दो वर्षों में 1,000 फीसदी से अधिक हो चुकी हैं। अडानी ग्रीन और अडानी टोटल गैस के शेयर 1,000 फीसदी से अधिक बढ़ गए हैं। यहां तक कि अडानी एंटरप्राइजेज 2020 के बाद से 1,400 फीसदी से अधिक बढ़े हैं। अदानी ट्रांसमिशन ने 1,000 फीसदी से अधिक और अदानी ने छलांग लगाई है वहीं इसी अवधि के दौरान अडानी पोर्ट ने 120 फीसदी की छलांग लगाई। शेयर बाजार इस बात अडानी का भंयकर फैन बन चुका है कि कैसे अडानी ने परिवहन बुनियादी ढांचे से शुरुआत करते हुए धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्सों में पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। कोयला खनन, बिजली उत्पादन और वितरण, सिटी गैस, खाद्य तेल शोधन, चाहे वह फसल हो या कोई डिजिटल डेटा हर चीज का भंडारण, सीमेंट और अब मीडिया अडानी ने हर जगह अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है।