अब तक की सबसे भीषण गर्मी से जूझ रहा फ्रांस, सरकार ने पानी पर लगाई रोक, जनता कर रही त्राहिमाम
पेरिस, 08 अगस्तः पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से जूझ रही है। इसका असर हर ओर दिख रहा है। रेगिस्तान में बाढ़ आ रही है तो वहीं भीषण ठंडे इलाके भी प्रचंड गर्मी से जूझ रहे हैं। यूरोपीय देशों में लगातार बढ़ते तापमान ने अलग समस्या पैदा कर दी है। फ्रांस इस साल चौथे हीट वेब का सामना कर रहा है। भीषण गर्मी के मद्देनजर फ्रांस के करीब 27 विभागों को 'ऑरेंज अलर्ट' पर रहने का निर्देश दिया गया है।
40 डिग्री तक पहुंच सकता है तापमान
सप्ताह की शुरुआत में उत्तर में गर्म हवा से रविवार को दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रों में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, दक्षिण के कुछ इलाकों में तापमान 40 डिग्री तक पहुंचने के आसार हैं। कई गांवों में पीने के पानी का संकट है। नदी-नाले सूख चुके हैं। वे सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे पानी के ट्रकों पर निर्भर हैं। इसके बाद प्रधान मंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने सूखे की स्थिति से निपटने के लिए एक संकट दल का गठन किया है।
परमाणु रिएक्टर हुए बंद
फ्रांस को अपनी अधिकांश ऊर्जा करीब 70 प्रतिशत ऊर्जा परमाणु ऊर्जा से प्राप्त होती है लेकिन अत्यधिक गर्मी की वजह से यहां परमाणु रिएक्टरों का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। भीषण गर्मी की वजह से यहां की नदियां इतनी गर्म हो चुकी हैं कि पानी से पाइप फट जाने का खतरा रहता है। ऐसे में फ्रांस अपने 57 रिएक्टरों में से मात्र 26 को चला पा रहा है।
बिजली उत्पादन में कटौती
इस तीव्र जल स्थिति ने राज्य द्वारा संचालित परमाणु ऑपरेटर ईडीएफ को परमाणु ऊर्जा के लिए पानी की आपूर्ति में कटौती करने के लिए मजबूर कर दिया है। पिछले हफ्ते, ईडीएफ ने गरौन नदी पर उच्च तापमान के कारण दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस के एक संयंत्र में अपने बिजली उत्पादन में कटौती करनी पड़ी। वहीं समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रोन नदी के किनारे रिएक्टरों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है।
1 सेमी से कम हुई बारिश
राष्ट्रीय मौसम एजेंसी मेटियो फ्रांस ने चेतावनी दी है कि कम से अगस्त महीने के मध्य तक स्थिति ठीक नहीं होने वाली है। ऐसा कहा जा रहा है कि फ्रांस अब तक के सबसे खराब सूखे के संकट का सामना कर रहा है। इससे पहले जुलाई में पूरे फ्रांस में औसतन 1 सेमी से भी कम बारिश हुई थी। कृषि मंत्रालय ने कहा है कि हीटवेव ने मकई जैसी आवश्यक खाद्य फसलों पर भी भारी असर डाला है, जिनकी फसल इस साल 2021 की तुलना में 18.5 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है।
फ्रांस में और बढ़ेगा खाद्य संकट
इससे फ्रांस में खाद्य संकट और बढ़ने की संभावना है, जो पहले से ही रूस और यूक्रेन से सामान्य से कम अनाज निर्यात के कारण उच्च खाद्य कीमतों से जूझ रहा है। आने वाले महीनों में दूध की आपूर्ति में भी भारी कमी देखने को मिलेगी क्योंकि नेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मर्स यूनियन ने कहा है कि सूखे के कारण चारे की कमी हुई है। इस बीच, फ्रांस ने जल संरक्षण के लिए लगभग सभी मुख्य भूमि पर जल प्रतिबंध लगा दिया है। कुल मिलाकर फ्रांस में जनता गर्मी और जल संकट से त्राहिमाम कर रही है और सरकार इससे निपटने के लिए बहुत कुछ नहीं कर पा रही है।
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