फ्रांस ने किया विशालकाय सैन्य बजट का ऐलान, एशिया में शुरू हुई महायुद्ध की तैयारी, भारत होगा सेंटर!
फ्रांस भारत का एक प्रमुख सैन्य सहयोगी और पिछले साल फ्रांस ने भी इंडो-पैसिफिक में कदम बढ़ा दिया था और फ्रांस का भी मकसद चीन की आक्रामता को रोकना है।
Macron raises France's military budget: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है, कि आने वाले वर्षों में फ्रांस सैन्य खर्च को एक तिहाई से ज्यादा बढ़ा देगा। फ्रांस के राष्ट्रपति की ये घोषणा उस वक्त आई है, जब एक महीने पहले ही जापान ने भी अपनी खुद की सेना बनाने का ऐलान किया है और उसने करीब 400 अरब डॉलर का बजट नई सेना के निर्माण के लिए जारी किया है। वहीं, अब फ्रांस ने कहा है, कि वो इस सदी के भीषण 'खतरों' से निपटने के लिए अपनी सेना को बदल देगा।
सेना को बदलने का फ्रांस ने किया फैसला
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ये पहला मौका है, जब विश्व की बड़ी शक्तियों ने एक बार फिर से अपनी सेना को एडवांस करने की कोशिश शुरू कर दी है, हालांकि इस बार सबसे बड़ा खतरा चीन है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शीत युद्ध के बाद शांति के खत्म होने की बात को स्वीकार करते हुए कहा, कि साल 2024 से 2030 के बीच तक का फ्रांस का बजट आने वाले संघर्षों की संभावना को देखते हुए अपनी सेना को उस अनुकूल बनाने के लिए होगा। करीब 11 महीने पहले यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से दुनिया के सभी देशों के लिए अपनी सेना को ताकतवर बनाना जरूरी हो गया है। खासकर, तानाशाह देशों के साथ जिन देशों का संघर्ष चल रहा है, उनके लिए अपनी सेना को मजबूत करना अत्यधिक जरूरी हो गया है।
सेना निर्माण पर फ्रांस के राष्ट्रपति क्या बोले?
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, कि "हमारी स्वतंत्रता, हमारी सुरक्षा, हमारी समृद्धि, दुनिया में हमारी जगह" सुनिश्चित करने के लिए हमें सेना पर खर्च करने की आवश्यकता है। इमैनुएल मैक्रों ने इस अवधि के लिए 413 अरब यूरो, यानि 447 अरब डॉलर के रक्षा बजट का ऐलान किया है। इससे पहले फ्रांस ने 2019 से 2025 के लिए 295 अरब डॉलर के सैन्य बजट का ऐलान किया था, जिसका मतलब ये है, कि 2030 तक फ्रांस का सैन्य बजट 2017 के मुकाबले दोगुना हो जाएगा, जब इमैनुएल मैक्रों ने देश की सत्ता संभाली थी। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस में मोंट-डे-मार्सन एयरबेस पर बोलते हुए कहा, "युद्ध के तरीके बदल रहे हैं और इसीलिए फ्रांस को भी अपनी सेना को शताब्दी के सबसे बड़े खतरों से निपटने के लिए अपनी सेना का निर्माण करना होगा।"
परमाणु हथियारों को एडवांस करेगा फ्रांस
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस ने जो बजट का ऐलान किया है, उसका एक बड़ा हिस्सा फ्रांस के परमाणु शस्त्रागार के आधुनिकीकरण के लिए खर्च किया जाएगा। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, कि "परमाणु प्रतिरोध एक ऐसा तत्व है, जो फ़्रांस को यूरोप के अन्य देशों से अलग बनाता है। हम यूक्रेन में युद्ध के विश्लेषण में इसके महत्वपूर्ण महत्व को नए सिरे से देखते हैं"। आपको बता दें कि, इस बजट में फ्रांस, ड्रोन और सैन्य खुफिया क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश करेगा। वहीं, फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा है, कि हाल के संघर्षों ने उस गैप को उजागर किया है, कि सेना को उच्च तीव्रता वाले संघर्ष की रणनीति की ओर मुड़ना चाहिए। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने अपनी सेना के लिए उस वक्त विशालकाय बजट जारी किया है, जब जर्मनी के रामस्टीन एयरबेस पर नाटो के सदस्य यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करने के लिए जुटे थे।
फ्रांस का हथियार भंडार
फ्रांस इस वक्त दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक और यूरोपीय संघ की एकमात्र परमाणु शक्ति है, फ्रांस ने यू्क्रेन युद्ध में अपने काफी कम हथियार भेजे हैं, जिसकी वजह से मित्र देशों की भी तरफ से फ्रांस की आलोचना की गई थी। हालांकि, अब जाकर फ्रांस ने यूक्रेन में हथियारों की आपूर्ति जरूर बढ़ा दी है। फ्रांस की तरफ से यूक्रेन में सीजर ट्रक-माउंटेड हॉवित्जर भेजा जा रहा है, वहीं फ्रांस ने एएमएक्स-10 आरसी विध्वंसक टैंक भेजने का भी वादा किया है। हालांकि, फ्रांसीसी अधिकारियों ने कहा है, कि अफ्रीका में सालों से चल रहे ऑपरेशंस की वजह से फ्रांस के लिए यूक्रेन में फौरन टैंकों की सप्लाई को असंभव बना दिया है। हालांकि, फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के लिए नये मदद का ऐलान नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कहा है, कि फ्रांस को खतरों के नये युग के लिए तैयार रहना होगा।
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पिछले महीने ही जापान ने भी चीन को अपना सबसे बड़ा खतरा बताते हुए अपनी नई सेना के निर्माण के लिए बजट जारी किया है, वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति ने अपनी सेना के लिए नये बजट का ऐलान करते हुए साफ तौर एशिया-प्रशांत क्षेत्र का नाम लिया है। उन्होंने कहा है, कि फ्रांस विदेशी क्षेत्रों में, विशेष रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति पर विशेष ध्यान देगा जहां नए खतरे उभर रहे हैं। उन्होंने कहा, कि "खतरे कई हैं और एक साथ मिश्रित हैं।" फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, कि "यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता के कारण अब कोई शांति नहीं है ... राज्यों की वजह से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में एक नया खेल शुरू हो गया है, जैसा की हमने पिछले कई दशकों से नहीं देखा है।
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