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नरम कोयले से कार की बैट्री बनाने में कामयाबी मिली

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वॉशिंगटन, 15 अक्टूबर। उत्तरी यूरोप के दलदली मैदानों में नरम कोयला प्रचुर मात्रा में मिलता है. एस्टोनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस कोयले से सोडियम आयन बैट्री बनाई जा सकती है, जिन्हें कारों में इस्तेमाल किया जा सकता है.

Provided by Deutsche Welle

सोडियम आयन बैट्री में लीथियम, कोबाल्ट या निकल नहीं होता. बैट्री बनाने की यह नई तकनीक है जो लीथियम बैट्री के विकल्प के तौर पर उभर रही है.

एस्टोनिया की तारतू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने नरम कोयले से सोडियम आयन बैट्री बनाने का तरीका खोजा है. इस तरीके से लागत कम होती है. हालांकि यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है.

यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग की अध्यक्ष एन लुस्ट बताती हैं, "नरम कोयला बहुत सस्ता कच्चा माल है. सच कहूं तो इसकी कीमत कुछ भी नहीं है."

कैसे बनाई बैट्री?

नरम कोयले से सोडियम आयन बैट्री बनाने के लिए उसे एक भट्टी में उच्च तापमान पर 2-3 घंटे जलाया जाता है. यूनिवर्सिटी को उम्मीद है कि सरकार इस तकनीक का परीक्षण करने के लिए जरूरी एक छोटी फैक्ट्री बनाने के वास्ते धन उपलब्ध कराएगी.

स्कॉटलैंड में शराब बनाने वाले जौ को सुखाने के लिए नरम कोयले की आग का ही इस्तेमाल करते हैं. इससे व्हिस्की में एक अलग स्वाद आता है. उत्तरी यूरोप के कुछ देशों में नरम कोयले को फैक्ट्रियों और घरों में ईंधन के तौर पर और खेतों में खाद के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है.

नरम कोयला निकालने के लिए दलदलों को सुखाया जाता है. इस प्रक्रिया में कार्बन डाई ऑक्साइड निकलती है, जो पर्यावरणविदों के लिए चिंता का विषय है. लेकिन एस्टोनिया के वैज्ञानिकों का कहना है वे डिकंपोज हो चुका नरम कोयला इस्तेमाल कर रहे हैं जो आमतौर पर फेंक दिया जाता है.

कितनी कामयाब होगी सोडियम बैट्री?

इस प्रक्रिया से बनी सोडियम आयन बैट्री व्यवसायिक तौर पर कितनी कामयाबी हासिल कर पाएगी, इस बारे में अभी संदेह बना हुआ है. बैट्री पर किताब लिखने वाले बाजार विशेषज्ञ लुकास बेडनार्स्की कहते हैं कि इस तरह की बैट्री को अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी.

वैसे, कुछ जगहों पर सोडियम आयन बैट्री का प्रयोग शुरू हो गया है. चीन की सीएटीएल ने जुलाई में कारों के लिए सोडियम आयन बैट्री बनाने का ऐलान किया था.

बेडनार्स्की कहते हैं, "मुझे लगता है कि कंपनियां तेजी से सोडियम आयन बैट्रियों को प्रयोग करना चाहेंगी, खासकर चीन में हुए ऐलान के बाद. सोडियम आयन बैट्री की ताकत कम होती है इसलिए संभव है कि उन्हें लीथियम बैट्री के साथ ही प्रयोग किया जाए."

वीके/सीके (रॉयटर्स)

Source: DW

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English summary
energy from bogs estonian scientists use peat to make batteries
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