राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद सीरिया पर अमेरिका ने दागी मिसाइलें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन सीरियन मिलिट्री बेस पर दिए मिसाइल अटैक्स के ऑर्डर्स जहां से कुछ दिनों पहले सीरिया में किया गया था केमिकल अटैक।
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को सीरिया के मिलिट्री बेस पर मिसाइल हमलों के आदेश दिए हैं। ये वही मिलिट्री बेस हैं जहां से कुछ दिनों पहले सीरिया पर केमिकल अटैक हुआ था। वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक ट्रंप ने इन हमलों के आदेश सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ अमेरिका के 'राष्ट्रीय सुरक्षा हितों' के लिए दिया है।
अब झेलना पड़ सकता है रूस का विद्रोह
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिकी सेना की ओर से करीब एक दर्जन मिसाइलों को असद की सेना के नियंत्रण वाले मिलिट्री एयरबेस पर फायर किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि हमला मंगलवार को विद्रोहियों के गढ़ में हुए केमिकल अटैक का जवाब देने के लिए हुआ है। हमलों के दौरान अमेरिकी सेना ने 59 टॉमहॉक मिसाइलें दागी हैं। इन मिसाइलों को यूएस नेवी ने की वॉरशिप यूएसएस पोर्टर और यूएसएस रॉस से ईस्टर्न मेडीटेरियन सी से लॉन्च किया गया है। इनका निशाना सीरिया की एयरस्ट्रिप, एयरक्राफ्ट्स और फ्यूल स्टेशंस बने हैं जो कि श्ाायरात एयर बेस पर मौजूद हैं।जनवरी में अपना ऑफिस संभालने के बाद अभी तक का यह ट्रंप का सबसे बड़ी कार्रवाई है और यह आदेश तब आया है जब ट्रंप की विदेश नीति को लेकर कई आलोचनाएं की गई हैं। सीरिया में छह वर्ष पुराने सिविल वॉर में अब अमेरिका के सामने रूस ओर ईरान का विद्रोह झेलने का खतरा बढ़ गया है। दोनों ही असद की सेना के सबसे बड़े समर्थक हैं।
ट्रंप ने दिए थे हमले के संकेत
इससे पहले बुधवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में जॉर्डन के राजा किंग अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद ट्रंप ने सीरिया में हुए हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। ट्रंप ने कहा था कि हमला भयानक और मानवता के लिए दुखद है। सीरिया की सेना ने रासायनिक हथियारों के प्रयोग से साफ इंकार किया था। ट्रंप ने कहा कि सीरिया के इदलिब क्षेत्र में रासायनिक हमला भयानक है। सीरिया को लेकर नई नीति के सवाल पर ट्रंप ने कहा था कि 'आप देखेंगे' और इसके साथ ही उन्होंने सीरिया पर अपनी नई नीति से जुड़ा संकेत दे दिया था। वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मटीस ने भी इस हमले को घृणित करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की वकालत की थी। होनी चाहिए। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया में संदिग्ध रासायनिक हमले के लिये सीरियन राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना को दोषी ठहराया है। गौरतलब है कि हमले में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। जबकि 400 लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।