डायनासोर के अंत को लेकर बड़ा खुलासा, विलुप्त होने से पहले ही खत्म होने लगे थे
डायनासोर के अंतिम दिनों के अधिकांश वैज्ञानिक आंकड़े उत्तरी अमेरिका से आते हैं। हालांकि कुछ प्रकाशित अध्ययनों से पता चलता है कि विलुप्त होने से पहले डायनासोर की आबादी काफी अच्छी तरह से बढ़ रही थी।
बीजिंग, 21 सितंबर : आज से करोड़ों साल पहले इस धरती पर सबसे विशालकाय जीव डायनासोर का राज हुआ करता था। जब वे झुंड में चलते थे तो धरती पर तूफान मच जाता था। इन महान जीवों का अंत (extinction of dinosaurs) भी काफी दुखदायी रहा। बताया जाता है कि, 6.6 करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी से उल्का पिंड के टकराने की वजह से डायनासोर का अस्तिव समाप्त हो गया था। इन महान जीवों को लेकर वैज्ञानिक आज भी शोध में जुटे हुए हैं। इन सबके बीच एक बेहद चौंकाने वाला अध्ययन सामने आया है। यह अध्ययन चीन में डायनासोर के मिले अंडो के अवशेषों पर किया गया है।
डायनासोर को लेकर कहानियां
अगर आप किताब या इंटरनेट के माध्यम से डायनासोर के बारे में जानेंगे तो आपको इनसे जुड़ी कई जानकारियां प्राप्त होंगी। डायनासोर से जुड़ी कुछ असली कई मनगढ़ंत कहानियां आपको पढ़ने को मिलेंगी। धरती के इन विशालकाय जीवों को लेकर कई हॉलीवुड की फिल्में भी आपने देखी होंगी। आप कल्पना कर सकते हैं कि, आज से करोड़ों वर्षों पहले हमारी धरती पर कितने ताकतवर जीव रहा करते थे। आज वे जीव धरती पर नहीं हैं। उनके जीवाश्म अंडे, हड्डियां हमें धरती के भीतर या किसी घने जंगलों में अभी भी मिलते रहते हैं जो वैज्ञानिकों के लिए एक अध्ययन का विषय है। शोधकर्ता हमें समय-समय पर इन जीवाश्मों की सहायता से हमें डायनासोर से जुड़े तथ्यों के रहस्यों का उजागर करते हैं।
विलुप्त होने से पहले खत्म होने की कगार पर थे डायनासोर
चीन में हाल फिलहाल में डायनासोर के अंडों के अवशेषों पर एक अध्ययन किया गया है। इस चौंकाने वाले स्टडी में यह पता चला है कि, डायनासोर की प्रजातियां विविध नहीं थीं। डायनासोर धरती से खत्म होने से पहले ही विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे। शोधकर्ताओं ने इसके पीछे जलवायु परिवर्तन और ज्वालामुखी विस्फोटों को जिम्मेदार ठहराया है। लगातार होते जलवायु परिवर्तन, भारत में डेक्कन ट्रैप की वजह से बड़े पैमाने पर ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से पृथ्वी का इकोसिस्टम ( Ecosystem-पारिस्थितिकी तंत्र) डायनासोर जैसे महान जीवों के लिए रहने के लायक नहीं बचा था।
कैसे हुआ डायनासोर का अंत?
माना जाता है कि क्रिटेशियस अवधि के अंत में (the end of the Cretacious period) यानी की आज से 145 से 6.6 करोड़ साल पहले एक बड़ा क्षुद्र ग्रह पृथ्वी से टकराया था। धरती पर उस समय प्रलय आ गया था जिसमें उनके एक मात्र जीवित वंशज पक्षियों को छोड़कर सब डायनासोर इतिहास बनकर रह गए। अब इस पर व्यापक बहस भी चल रही है कि,क्या वाकई में खत्म होने से पहले ही डायनासोर विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे।
डायनासोर से जुड़े आंकड़े
डायनासोर के अंतिम दिनों के अधिकांश वैज्ञानिक आंकड़े उत्तरी अमेरिका से आते हैं। हालांकि कुछ प्रकाशित अध्ययनों से पता चलता है कि विलुप्त होने से पहले डायनासोर की आबादी काफी अच्छी तरह से बढ़ रही थी। अन्य विस्तृत शोध के मुताबिक, डायनासोर की संख्या लगातार कम हो रही थी, जिसने उनके सामूहिक विलुप्त होने का मंच तैयार किया।
डायनासोर को लेकर लगातार हो रहा अध्ययन
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं ने मध्य चीन के शनयांग बेसिन से 1,000 से अधिक जीवाश्म डायनासोर के अंडे और उनके छिलके का अध्ययन किया। ये जीवाश्म लगभग 150 मीटर की कुल मोटाई वाले रॉक सीक्वेंस से आए हैं। हाल ही में पीएनएएस पत्रिका में प्रकाशित शोध ने 5,500 से अधिक भूगर्भीय नमूनों का विश्लेषण और कंप्यूटर मॉडलिंग की सहायता से चट्टान की परतों का विस्तृत आयु अनुमान प्राप्त किया।
डायनासोर एक रोचक विषय
बता दें कि, विलुप्त होने के करोड़ो साल बाद भी डायनासोर हम इंसानों के लिए एक रोचक विषय रहा है और आगे भी रहेगा और इनसे जुड़े शोध निरंतर होते रहेंगे और हमें नई-नई जानकारियां प्राप्त होती रहेंगी।
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