भारत के रूस से मिसाइल और ईरान से तेल खरीद जारी रखने पर भड़का अमेरिका
वॉशिंगटन। अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकियों के बावजूद भी रूस से S-400 मिसाइलों की डील पक्की कर दी और अब अगले महीने से ईरान से अपने तेल आयात को जारी रखने को लेकर भारत योजना बना रहा है। इस बीच अमेरिका ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ईरान और रूस की कार्रवाई पर भारत उनकी मदद नहीं कर रहा है। अमेरिका ने कहा कि वे पूरे ध्यान से इस पर नजर बनाए हुए हैं। इसी साल ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुई न्यूक्लियर डील को यह कहते हुए खत्म कर दिया था कि रूहानी सरकार इन हथियारों का इस्तेमाल गतिविधियों में इस्तेमाल कर रही है। अमेरिका 4 नवंबर से ईरान पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है, जिसके मुताबिक सभी देशों को ईरान से ऑयल आयात में कटौती करनी होगी। वही, अमेरिका अपने काट्सा कानून का हवाला देकर दुनिया के देशों को रूस से हथियार नही खरीदने का दबाव डाल चुका है।
हालांकि, इसी सप्ताह सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि भारत की दो कंपनियां ईरान से अपने ऑयल आयत को जारी रखेगी। वही, ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने भी स्पष्ट कर दिया है कि 4 नवंबर से प्रतिंबध लागू हो जाएंगे और यह ईरान समेत उन देशों पर लागू होंगे जो इस देश से अपने ऑयल आयात को जारी रखेंगे। व्हाइट हाउस स्पोक्सवुमन हैदर नाउर्ट ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी सहयोगी देशों को भी इस प्रतिबंध के बारे में बता दिया गया है।
पिछले महीने भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता हुई थी, जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईरान से तेल और रूस से हथियार खरीद को जारी रखने को लेकर अपने समकक्ष पोंपियो और मैटिस से बात की थी, लेकिन इस मुद्दे पर शायद वे अमेरिकी-भारत के बीच सहमति नहीं बन पाई।
ईरान से तेल आयात को लेकर नाउर्ट ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत ऐसा करता है तो हम देखेंगे। नाउर्ट ने कहा कि हमने भारत द्वारा रूस से S-400 मिसाइलें और ईरान से ऑयल खरीद को लेकर सुना है जो बिल्कुल भी सही नहीं है और भारत हमारी मदद नहीं कर रहा है।