चीन: कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने पर सरेआम "बेइज्जती"
वुहान, 31 दिसंबर। चीन के सख्त कोरोना वायरस विरोधी उपायों के तहत कम से कम चार संदिग्ध नियम तोड़ने वालों को देश के दक्षिण में एक शहर में सार्वजनिक रूप से बदनाम किया गया. राज्य मीडिया ने बताया कि गुआंग्जी के स्वायत्त क्षेत्र के जिनशी शहर में एक बड़ी भीड़ के सामने आरोपियों का सफेद सुरक्षात्मक सूट में जुलूस निकाला गया.

इन लोगों पर अवैध प्रवासियों को सीमा पार करने में मदद करने का आरोप है. प्रवासी पड़ोस के विएतनाम से हैं. महामारी के प्रकोप के बाद से ही चीन अपनी सीमाओं को लगभग पूरी तरह से बंद कर चुका है. सीमाओं को सील कर चीन बाहर से आने वाले संक्रमणों को रोकना चाहता है.
इस परेड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में चारों आरोपी पीपीई किट पहने हुए नजर आ रहे हैं और हाथ में उनकी तस्वीर वाले प्लेकार्ड थे. इनपर उनके नाम भी लिखे हुए थे. इनके साथ दो-दो सुरक्षाकर्मी भी पीपीई किट पहने चल रहे हैं.
Extraordinary videos circulating of suspected people smugglers being publicly paraded in southern Guangxi province - a practice evocative of times past. The full hazmat suits appear to be common these days for criminal suspects... /1 pic.twitter.com/qtKaMKrkR4
— Bill Birtles (@billbirtles) December 29, 2021
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अभियान की वजह से चीन ने साल 2010 में संदिग्ध अपराधियों को इस तरह सार्वजनिक तौर पर सजा देने के चलन को बंद कर दिया था. लेकिन एक बार फिर इस तरह से सजा की तीखी आलोचना हो रही है.
वीबो पर एक यूजर ने लिख, "इस तरह के लोग इसके ही लायक हैं. क्या होगा अगर वे वायरस को देश के अंदर ले आएं?" यह तस्वीरें माओत्से तुंग के तहत 1966 से 1976 के बीच हुई सांस्कृतिक क्रांति के दौरान आम थीं. उस समय भी इसी तरह से आरोपियों को सार्वजनिक तौर पर बेइज्जत किया जाता था.
चीनी सरकार ने 2010 में अपराधियों की सार्वजनिक बदनामी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन हाल के महीनों में यह प्रथा कोरोना वायरस विरोधी कार्रवाई के मद्देनजर बार-बार सामने आई है.
एए/सीके (एएफपी, डीपीए)
Source: DW