दलाई लामा से मिलने वालों पर तिलमिलाया चीन, दुनिया के नेताओं को चेताया
बीजिंग। तिब्बती धर्म गुरु और शांति के लिए नोबेल से सम्मानित दलाई लामा से मिलने वाले नेताओं और दुनिया के देशों को चीन ने चेतावनी दी है। चीन ने शनिवार को एक बयान में दलाई लामा को अलगाववादी नेता बताते हुए कहा है कि अगर कोई उनसे मिलता है या कोई देश उनकी अगुवाई करता है तो यह एक अपराध माना जाएगा। दलाई लामा तिब्बती लोगों के 14वें धर्म गुरु है। तिब्बत पर चीन के अतिक्रमण करने के बाद दलाई लामा ने भारत में शरण ले ली थी।
चीन ने दलाई लामा पर तिब्बत को अलग करने की साजिश का आरोप लगाया है। चीन के अनुसार, अगर कोई देश उन्हें आमंत्रित करता है तो वह एक प्रमुख अपराध मना जाएगा। दलाई लामा शुक्रवार को इंफाल में थे, जहां उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि कोई भी मुस्लिम या ईसाई आतंकवादी नहीं होता क्योंकि जब वह एक बार कोई व्यक्ति आतंकवाद को अपना लेता है तो वह धार्मिक नहीं रह जाता।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिवेलपमेंट के एग्जिक्यूटिव वाइस मिनिस्टर जैंग यीजॉन्ग ने कहा, 'अगर किसी भी देश या संगठन का कोई भी नेता दलाई लामा से मिलता है तो हमारी नजर में यह चीनी लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अपराध है।' उन्होंने कहा, 'मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि 14वें दलाई लामा धर्म की आड़ में एक राजनीतिक हस्ती हैं।' यीजॉन्ग ने यहां तक कहा कि दलाई लामा वर्ष 1959 में अपनी मातृभूमि को धोखा देकर दूसरे देश भाग गए। गौरतलब है कि दलाई लामा ने भारत में शरण ली हुई है।
चीन में कम्युनिस्ट शासन आने के बाद 1950 में उन्होंने तिब्बत पर कब्जा कर लिया था। उस दौरान कई लोगों ने चीन का विरोध किया था, जिसके बाद वहां की सरकार ने उन्हें दंडित किया था। लंबे संघर्ष के बाद दलाई लामा को तिब्बत छोड़ना पड़ा।
दलाई लामा दुनिया भर के देशों को संकट से निपटने के लिए शांति की बात करते आए हैं। शुक्रवार को दलाई लामा ने इंफाल में अपने भाषण में कहा था दुनिया की हर समस्या को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चीन भी अगर कम्युनिस्ट विचारधारा छोड़ दे संभावनाएं हैं।
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