चीन के स्पेसक्राफ्ट चांगे-4 ने चांद पर कायम किया नया रिकॉर्ड, आलू से निकले बीज
बीजिंग। चीन ने रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट चांगे-4 के जरिए अपना जो स्पेस मिशन शुरू किया है, उसने एक नया कीर्तिमान कायम किया है। चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से बताया गया है कि चांगे-4 अपने साथ जो बीज लेकर गया था उसमें से अंकुर निकल आए हैं। चांद पर सह पहला मौका जब इस तरह की जैविकीय घटना हुई है। इसे अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। चांगे-4 चीन का वह रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट है जो चांद के अनदेखे हिस्से पर उतरा है। तीन जनवरी को इसने चांद पर लैंडिंग की थी और 11 जनवरी को इसकी ओर से पहली फोटोग्राफ भेजे जाने की खबरें आई थीं।
चांद पर बनेगी इंसानी बस्ती
बीबीसी एक रिपोर्ट के मुताबिक चांगे-4 कीड़े, पौधे, आलू के बीज और अराबिडोप्सिस नाम का एक छोटा पौधा लेकर चांगे-4 चांद पर गया है। अभी तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर तो पौधों के पनपने की खबरें आई थीं। चांद पर यह पहला मौका है। इस घटना से यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि अंतरिक्ष विज्ञानी स्पेसी में अपना खुद का भोजन उगा सकते हैं। उन्हें जमीन पर रि-सप्लाई के लिए आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस प्रयोग के चीफ डायरेक्टर और चोंगक्विंग यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसीडेंट प्रोफेसर लियु हानलोंग ने चीनी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ से बातचीत में कहा, हमारा प्रयोग चांद पर एक जैव पर्यावास का बेस बनाने की जानकारी जुटाने और कुछ वक्त बाद चांद पर इंसानी घरों को बनाने में मदद कर सकता है।
क्यों चुना गया आलू को
शी गेन्गसिन, जो इस प्रयोग के चीफ डिजाइनर हैं, कहते हैं, हम मिनी बायोस्फीयर में तापमान को एक डिग्री से 30 डिग्री के बीच रखने का प्रयास करेंगे और पूरी तरह से नमी और पोषण का स्तर सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। इस प्रयोग में आलुओं और अराबिडोप्सिस को ही इसलिए चुना गया है क्योंकि वे जल्दी-जल्दी बढ़ते हैं और उनके विकास पर नज़र रखना भी आसान होता है। प्रोफेसर लियु ने यह भी कहा कि भविष्य के अंतरिक्षयात्रियों के लिए आलू खाने का एक प्रमुख स्त्रोत बन सकता है। चांगे-4 के लैंडिंग करते ही चीन ने वह कारनाम कर दिखाया था जो अभी तक अमेरिका जैसे देश भी नहीं कर सके। किसी स्पेसक्राफ्ट ने चांद के एकदम अंधेरे हिस्से में पहली बार सफल लैंडिंग की है। यह अभी तक का पहला प्रयास था और पहली लैंडिंग है जो चांद के एक ऐसे हिस्से में हुई जिसके बारे में कोई भी नहीं जानता है।