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चीन ने पाकिस्तान के एक और आतंकवादी को बचाया, UNSC में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को रोका

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, दोनों चाहते थे कि, अजहर को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित किया जाए और उसकी वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लगाने के साथ साथ उसकी संपत्ति को भी फ्रीज कर दिया जाए...

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न्यूयॉर्क, अगस्त 11: चीन ने पाकिस्तान के साथ भाइचारा निभाते हुए उसके पाले एक और आतंकवादी को ग्लोबल टेरेस्टिट की लिस्ट में जाने से बचा लिया है। जबकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अन्य सभी 14 सदस्य बुधवार को पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक शीर्ष कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए सहमत हो गये थे, लेकिन सिर्फ चीन इस प्रस्ताव के खिलाफ खड़ा हो गया, जिसकी वजह से पाकिस्तानी आतंकवादी के खिलाफ यूएनएससी में बड़ा प्रस्ताव पास नहीं हो पाया। चीन का ये कदम बताता है, कि वो आतंकवादियों का कितना बड़ा हमदर्द है।

भारत और यूएस का था संयुक्त प्रस्ताव

भारत और यूएस का था संयुक्त प्रस्ताव

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, दोनों चाहते थे कि, अजहर को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित किया जाए और उसकी वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लगाने के साथ साथ उसकी संपत्ति को भी फ्रीज कर दिया जाए, जिसको लेकर भारत और अमेरिका की तरफ से पाकिस्तानी आतंकवादी अजहर के खिलाफ यूएनएससी में पेश किया गया था। यूएनएससी में 15 स्थाई और अस्थाई सदस्य होते हैं और किसी भी प्रस्ताव को पास करने के लिए सभी सदस्यों की सहमति की जरूरत होती है, लेकिन चीन, जो स्थाई सदस्य होने के साथ साथ वीटो पॉवर भी रखता है और पाकिस्तान का करीबी है, उसने अब्दुल रऊफ अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया, जिसकी वजह से अब इस पाकिस्तानी आतंकवादी को ग्लोबल टेरेरिस्ट की लिस्ट में शामिल करने में देरी होगी।

चीन ने क्या तर्क दिए हैं?

चीन ने क्या तर्क दिए हैं?

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में चीन के मिशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि, चीन ने देरी इसलिए की है, क्योंकि चीन को "मामले का अध्ययन करने के लिए और समय चाहिए।" चीनी प्रवक्ता के हवाले से रॉयटर्स ने कहा है कि, "समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसार होल्ड करने का प्रावधान है, और लिस्टिंग के अनुरोधों पर समिति के सदस्यों द्वारा इसी तरह के कई होल्ड किए गए हैं।" आपको बता दें कि, अमेरिका साल 2010 में ही आतंकवादी अजहर पर प्रतिबंध लगा चुका है और अमेरिका ने कहा खा, कि ये पाकिस्तानी आतंकवादी भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और उसने भारत में आत्मघाती हमलों को आयोजित कपने में अहम भूमिका निभाई है। आतंकवादी अजहर पर कई आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में शामिल होने का आरोप लगाया गया था, जिसमें 1999 में अफगानिस्तान के कंधार में एक इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण, 2001 में भारतीय संसद पर हमला और 2016 में पठानकोट में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर हमला शामिल था।

भारत ने की चीन की आलोचना

भारत ने की चीन की आलोचना

वहीं, अजहर से पहले चीन एक और पाकिस्तानी आतंकवादी मक्की को भी यूएन की प्रतिबंधित लिस्ट में शामिल होने से बचा चुका है, जिसको लेकर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा था, कि बिना कोई औचित्य बताए आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट में शामिल करने पर रोक लगाने वाले प्रस्ताव को होल्ड करने की प्रथा समाप्त होनी चाहिए। भारत ने आतंकवाद को लेकर चीन के दोहरे रवैये को सदस्य देशों के सामने उठाते हुए कहा कि, दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों के खिलाफ भी जो सबूत आधारिक प्रस्ताव लाए जाते हैं, उन्हें होल्ड पर डाल दिया जाता है, जिसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है।

आतंकवादी मक्की को बचा चुका है चीन

आतंकवादी मक्की को बचा चुका है चीन

आपको बता दें कि, इसी साल जून महीने में संयुक्त राष्ट्र के एक स्थायी सदस्य चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान में मौजूद दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को ब्लैकलिस्ट करने वाले प्रस्ताव को 1267-अलकायदा प्रस्ताव के तहत, जिसके तहत आतंकवादियों को प्रतिबंधित किया जाता है, उसपर होल्ड लगा दिया था। इस प्रस्ताव को भारत और अमेरिका की तरफ से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कायदा प्रतिबंध समिति में संयुक्त तौर पर पेश किया गया था, जिसपर चीन ने वीटो कर दिया था और प्रस्ताव गिर गया था। भारत ने चीन के इस रवैये पर गंभीर सवाल उठाए हैं। (तस्वीर- आतंकवादी मक्की)

कौन है आतंकवादी मक्की

कौन है आतंकवादी मक्की

आपको बता दें कि, अब्दुल रहमान मक्की अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख का साला है, जो 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है। यह पता चला था कि, नई दिल्ली और वाशिंगटन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने का एक संयुक्त प्रस्ताव रखा था लेकिन बीजिंग ने अंतिम समय में इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। इससे पहले भी, चीन, इस्लामाबाद के एक सदाबहार मित्र ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने को लेकर भारत या सहयोगी देशों द्वारा पेश किए गये प्रस्ताव को रोक चुका है।

भारत ने चीन को सुनाई खरी-खोटी

भारत ने चीन को सुनाई खरी-खोटी

भारत ने चीन पर ही निशाना साधते हुए कहा कि यह "बेहद खेदजनक" है कि दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को काली सूची में डालने के वास्तविक व साक्ष्य आधारित प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। चीन द्वारा इस तरह की राजनीति से प्ररेति कार्रवाइयां यूएनएससी प्रतिबंध समितियों के काम करने के तरीकों की संपूर्ण पवित्रता को कमजोर करती हैं। भारत ने कहा कि इस तरह के "दोहरे मानदंड" ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध व्यवस्था की विश्ववसनीयता को सर्वकालिक निम्न स्तर' पर पहुंचा दिया है।

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English summary
China has saved another Pakistani terrorist Abdul Rauf Azhar from being blacklisted in the UNSC.
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