नॉर्थ कोरिया की मदद, मिलेगी पाक को अमेरिकी प्रतिबंधों की सजा!
वाशिंगटन। चीन और पाकिस्तान को पिछले दिनों नार्थ कोरिया के पांचवें सबसे बड़े परमाणु परीक्षण में मददगार माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि दोनों देशों को कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो दोनों ही देशों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएन) के कुछ मान्य प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है, जिसमें चीन सबसे बड़ा मुद्दा है।
चीन करता है नॉर्थ कोरिया का समर्थन
स्कॉट सिनेडर जो कि काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशंस से जुड़े हैं, उनका कहना है कि अगर चीन के रोल की सही व्याख्या की जाए तो वास्तविकता यही है कि चीन, नॉर्थ कोरिया को साधारण मदद देकर उसका सक्रियता से समर्थन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन के समर्थन से ही नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन को इस बात पर यकीन हो गया है कि चीन उसकी स्थिरता के लिए वोट करेगा और कभी भी उसके लिए कोई खतरा नहीं बनेगा।
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नॉर्थ कोरिया को रोकने में नाकाम चीन
एक वर्ष के अंदर ही नॉर्थ कोरिया ने पिछले शुक्रवार को एक परमाणु परीक्षण किया है। विशेषज्ञों की मानें तो परीक्षण के बाद विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि इसने 5.3 की तीव्रता कह हलचल जमीन के अंदर पैदा कर दी थी।
अंतराष्ट्रीय समुदाय की ओर से इस परीक्षण की ने निंदा की गई थी और इस क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया है कि उसने नॉर्थ कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कुछ नहीं किया है।
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20 परमाणु बम तैयार करने की क्षमता
वहीं लॉस अलामोस नेशनल लेबॉरेट्री के पूर्व प्रमुख साइगेफ्राइड की मानें तो नॉर्थ कोरिया के पास इतना मैटेरियल मौजूद है कि वह इस वर्ष के अंत तक 20 परमाणु बम तैयार कर सकता है और हर वर्ष वह सात बम तैयार करने की क्षमता रखता है।
चीन पर हमेशा से ही नार्थ कोरिया पर दबाव न बना पाने के आरोप लगते रहे हैं। साथ ही उस पर यह भी आरोप है कि उसने यूएन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को भी लागू नहीं किया और सीमा पार पैसा और सामान भेजता रहा।
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नॉर्थ कोरिया का साथी चीन!
साइग्रेफाइड की मानें तो आरोपी शब्द चीन के लिए प्रयोग करना सही नहीं है क्योंकि सुबूतों से चीन का रोल एकदम साफ हो जाता है। वहीं यूनाइटेड स्टेट्स कोरिया इंस्टीट्यूट्स से जुड़े विलियम न्यूकॉम्ब की मानें तो यह साफ है कि नॉर्थ कोरिया से जुड़ी कई संस्थाएं इन दिनों चीन में काम कर रही हैं।
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पाक पर भी लगेंगे अमेरिकी प्रतिबंध
न्यूकॉम्ब के मुताबिक अमेरिका के कानून उन सभी पर प्रतिबंधों की मंजूरी देते हैं तो नॉर्थ कोरिया के साथ जुड़े हैं और व्यापार कर रहे हैं। यहां पर चीन, पाकिस्तान और ईरान की तुलना में बड़ा निशाना है।
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अगर अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने पाकिस्तान को दोषी पाया तो उसे भी अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।