रणनीतिक इलाकों में मॉडल गांव विकसित कर रहा है चीन, जानिए भारत को कितना है खतरा?
सिलिगुड़ी कॉरिडोर की चौड़ाई सिर्फ 22 किलोमीटर है और चीन का निर्माण कार्य भारत के लिए चिंताजनक है। सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत को उत्तरपूर्वी राज्यों से जोड़ता है।
China Model Village: चीन लगातार भारत को घेरने के लिए सरहदी क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है और अब मिल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन काफी तेजी के साथ उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगते अपने क्षेत्र में मॉडल गांव का विकास कर रहा है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल से लगती सीमा क्षेत्र में अपने इलाके में चीन जिन मॉडल गांवों को निर्माण कर रहा है, वो मध्यम समृद्ध आकार के हैं और जिसमें चुम्बी घाटी भी शामिल है, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर की तरफ है।
चीन कर रहा मॉडल गांवों का निर्माण
सूत्रों ने बताया कि, चीन जिन मॉडल गांवों को विकसित कर रहा है, वो एलएएसी के पास लगती सीमा पर उसके इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से अलग है। चुंबी घाटी पांगड़ा में स्थित है और रिपोर्ट के मुताबिक, यहां पहले एक शियाओकांग गांव स्थापित किया गया था और अब दो समूहों में फैला एक नया गांव बनाया जा रहा है। एक सूत्र ने खुफिया जानकारी और सैटेलाइट इमेजरी का हवाला देते हुए कहा कि, "जहां मुख्य क्लस्टर में वाहनों की मौजूदगी से इसके संभावित कब्जे का पता चलता है, वहीं दूसरे क्लस्टर में भी गाड़ियों की संख्या और गतिविधियों में वृद्धि हुई है और इन गांवों को जल्द ही भर दिया जाएगा।" सूत्र ने बताया कि, नवंबर में बुम ला से लगभग 7 किमी दूर एक मौजूदा गांव के पास जमीन की सफाई की गतिविधियां देखी गई थी।
उत्तराखंड सीमा पर भी गांवों का निर्माण
इसके साथ ही चीन की सेना उत्तराखंड के पास लगती अपनी सीमा के अंदर गांवों का तेजी से विकास कर रहा है। उत्तराखंड की सीमा के पास फिलहाल चीन 2 गांवों का निर्माण कर रहा है, जो चुरूप इलाके में स्थिति है और एलएसी से सिर्फ 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सूत्रों का कहना है कि भारत चीनी निर्माण पर नजर रख रहा है और अगर यह महसूस होता है कि भारत की संप्रभुता से समझौता किया जा रहा है, तो कार्रवाई शुरू की जाएगी। इन क्षेत्रों के अलावा डोकलाम के आस-पास के इलाकों में भी चीन लगातार सड़क विस्तार कर रहा है, जहां दोनों देशों के सैनिकों के बीच गतिरोध हुआ था। इंडिया टूडे ने दावा किया है, कि यूएस स्थित अंतरिक्ष फर्म प्लैनेट लैब्स पीबीसी ने उसे इन इलाकों में किए जा रहे निर्माण कार्य को लेकर तस्वीरें भेजी हैं।
भूटान से लगती सीमा पर भी निर्माण
वहीं, इंडिया टूडे ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है, कि भारत-भूटान-चीन ट्राई-जंक्शन से लगभग 9 किमी दूर, भूटानी क्षेत्र में भी चीन अपनी मौजूदगी का विस्तार करना जारी रखे हुए है और इस गांव का नाम पंगडा गांव है, जिसे 2020 में स्थापित किया गया और 2021 से लगातार विस्तार किया जा रहा है। हाल ही में दक्षिण में विस्तार का एक और सेट देखा गया है। इंडिया टुडे ने दावा किया है, कि विश्लेषण की गई हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है, कि तोरसा जल निकाय पर एक पुल के साथ-साथ नई इमारतों का एक सेट देखा जा सकता है। इस क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी चिंता सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन की गर्दन के रूप में भी जाना जाता है, उसके करीब एक चीनी निर्माण की संभावना है। यह एक संकरा गलियारा है और इसकी चौड़ाई सिर्फ 22 किलोमीटर है और उत्तर-पूर्वी राज्यों को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। हाल की तस्वीरें डोकलाम के दक्षिण में और अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस दिखाती हैं।
इंडियन आर्मी भी कर रही है निर्माण
वहीं, हालिया की रिपोर्टों से पता चलता है, कि भारतीय सेना भी अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाना शुरू कर दिया है और सीमावर्ती इलाकों में काफी तेजी से निर्माण कार्य चल रहे हैं। भारत एक पुल का भी निर्माण कर रहा है। पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में बोलते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था, कि पहले भारत का मानना था, कि सरहदी क्षेत्र में निर्माण कार्य नहीं करने से दुश्मन उस तरह नहीं आएंगे और ये भारत की सबसे बड़ी गलतफहमी थी। लेकिन, अब भारत भी इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर रहा है। (सभी फोटो-फाइल)
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