भारत पर नजर रखने के मकसद से चीन ने चली नई चाल, नए रडार सिस्टम से करेगा जासूसी
बीजिंग। चीन ने एक ऐसा मैरीटाइम रडार तैयार कर डाला है जो भारत जितने क्षेत्रफल वाले इलाके में आसानी से नजर रख सकता है। बुधवार को चीनी मीडिया की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। इस रडार सिस्टम के डेवलप होने के बाद से चीनी नेवी आसानी से चीन के समंदर पर तो नजर रख ही सकेगी लेकिन इसके अलावा दुश्मन के जहाज, एयरक्राफ्ट और मिसाइलों पर भी नजर रखी जाएगी। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने इस रडार सिस्टम के प्रोग्राम में शामिल एक वैज्ञानिक के हवाले से इस बात की जानकारी दी है।
देश के टॉप मिलिट्री साइंटिस्ट ने तैयार किया रडार
चीन के इस रडार सिस्टम को ओवर द होराइजन (ओटीएच) रडार प्रोग्राम के तहत डेवलप किया गया है। इस प्रोग्राम से जुड़े वैज्ञानिक ल्यू योंगतान को प्रोग्राम का श्रेय दिया जा रहा है। योंगतान हार्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) से जुड़े हुए हैं। योंगतान ने चीन की रडार टेक्नोलॉजी को अपग्रेड किया और नेवी के लिए एडवांस्ड कॉम्पैक्ट साइज वाला रडार डेवलप किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस रडार के जरिए भारत जितने बड़े क्षेत्रफल वाले इलाके पर आसानी से नजर रखी जा सकती है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ल्यू और देश के टॉप साइंटिस्ट कियान किहू को भी सम्मानित किया गया है।
पुराने रडार सिर्फ 20 प्रतिशत कारगर
मंगलवार को बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ चाइना में इन दोनों वैज्ञानिकों को पुरस्कार के साथ 1.116 मिलियन डॉलर की प्राइज मनी भी दी गई है। कियान को मॉर्डन डिफेंस इंजीनियरिंग की मदद से जमीन के नीचे न्यूक्लियर शेल्टर तैयार करने में किए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया है। ल्यू ने रडार सिस्टम के बारे में बताया है कि ओटीएस की रेंज को इतना बढ़ाया गया है कि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) इसके तहत आसानी से नजर रख सकती है। उन्होंने बताया है कि परंपरागत टेक्नोलॉजी के भरोसे पर सिर्फ चीन की मैरीटाइम सीमा के सिर्फ 20 प्रतिशत हिस्से पर ही नजर रखी जा सकती थी। लेकिन इस नए सिस्टम के बाद अब पूरे हिस्से पर चीन की नजर रह सकेगी।
साउथ चाइनी सी लेकर हिंद और प्रशांत महासागर रेंज में
पानी पर तैरता चीन के इस रडार सिस्टम के बाद नेवी, साउथ चाइना सी, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर पर नजर रखेगी। साथ ही साथ इन क्षेत्रों से जुड़ी कई नाजुक जानकारियां भी जुटाएगी। ऐसा नहीं है कि सिर्फ चीन के पास इस तरह का सिस्टम है। अमेरिका के बड़े डिफेंस कॉन्ट्रैक्टर रेथियॉन को भी साल 2016 में इसी तरह का सिस्टम डेवलप करने का पेंटेंट हासिल हुआ था। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की मानें तो चीन ने न्यूयॉर्क के साइज से पांच गुना ज्यादा आकार वाला एंटेना तैयार कर लिया है। चीनी मिलिट्री का बजट इस समय 175 बिलियन डॉलर का है और इस बजट का मकसद अमेरिकाा के रक्षा क्षेत्र पर बढ़ते प्रभाव को कम करना है। इससे अलग चीन जल्द ही अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर भी उतारने वाला है। दो एयरक्राफ्ट कैरियर पहले से ही चीन तैनात कर चुका है।