भारत में कोरोना से हो रही मौतों का उड़ाया था मजाक, अब चीन में लगा लाशों का अंबार, सिर पीट रहे लोग
महामारी विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन में कोरोना के मामले दोगुने होने में कुछ ही घंटे लगते हैं, लिहाजा उतनी संख्या में मरीजों का कोरोना टेस्ट करना अत्यंत मुश्किल हो जाता है।
Covid in China: चीन में कोरोना वायरस हाहाकार मचा रहा है और अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए जगह नहीं मिल रही है। कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन ने ड्रैगन के होश उड़ा दिए हैं और ऐसी रिपोर्ट है, कि चीन के अंतिम संस्कार सेंटर्स के बाहर लाशों के अंबार लग रहे हैं। हालांकि, किसी देश की ऐसी स्थिति पर शोक जताना चाहिए, लेकिन ये वही चीन है, जो पिछले साल अप्रैल-मई में जब भारत में कोरोना से हालात बेकाबू हो गये थे और हर दिन सैकड़ों लोगों की मौत हो रही थी, ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम मचा था, तो चीन ने हमारा मजाक उड़ाया था और अपनी पीठ ठोकी थी, लेकिन चीन की स्थिति भारत से भी खराब हो चुकी है।
चीन में भयानक हैं हालात
शी जिनपिंग प्रशासन ने भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद जैसे ही ज़ीरो-कोविड पॉलिसी में ढील दी, ठीक वैसे ही एशियाई राष्ट्र चीन में कोविड-19 की खतरनाक वापसी हो गई। चीन में अस्पताल मरीजों से भर गए हैं। लोगों के लिए कोई फौरी तौर पर कोई राहत नहीं है, क्योंकि चीन में चल रही लहर के अगले साल तक बने रहने की उम्मीद है। महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री डॉ. एरिक फेगल-डिंग का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने की संभावना है। उन्होंने आशंका जताई है, कि "लाखों लोगों की मौतें होने की संभावना है।" एरिक के मुताबिक, पूर्वोत्तर चीन के अस्पतालों में शवों के ढेर देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि, अब चीन उस नीति पर काम कर रहा है कि, "जो कोरोना पॉजिटिव हो रहा है, उसे होने दो, जो बच जा रहा है, उसे बचने दो और जो मर जा रहा है, उसे मर जाने दो। जल्दी इन्फेक्शन, जल्दी मौत, जल्दी महामारी का पीक और जल्दी से उत्पादन शुरू।" महामारी वैज्ञानिक ने इसे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के वर्तमान लक्ष्य का सारांश करार दिया।
कुछ घंटों में दोगुना हो रहे मरीज
एनपीआर डॉट ओआरजी की एक रिपोर्ट में महामारी विज्ञानी बेन काउलिंग के हवाले से कहा गया है कि, "अब चीन में कोरोना केस के डबल होने में कुछ ही घंटे लगते हैं।" उन्होंने कहा कि, अगले हफ्ते तक चीन की स्थिति अत्यंत ही खराब हो जाएगी। एरिक ने कहा कि, "R की गणना करना मुश्किल हो जाता है, जब F एक दिन के अंतराल में हो दोगुना होने लगे। क्योंकि, फिर पीसीआर टेस्ट करना मुश्किल हो जाता है।" आपको बता दें कि, R वह संख्या है जिसके द्वारा कोरोनावायरस या किसी रोग के फैलने की क्षमता की रेटिंग की जाती है। एरिक ने आशंका जताते हुए कहा कि, 'चीन में जो स्थिति है, उससे साफ जाहिर होता है, कि धरती एक बार फिर से खतरे में है।' Npr.org ने चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के वैज्ञानिकों के हवाले से अनुमान लगाया है, कि वर्तमान में चल रहे उछाल के दौरान देश में R की संख्या 16 है।
भारत का उड़ाया था मजाक
याद कीजिए, पिछले साल अप्रैल-मई के महीने में भारत की क्या स्थिति थी और किस तरह से भारत में लोग मर रहे हैं, ऑक्सीजन के लिए अस्पताल-दर-अस्पताल भटक रहे थे और भारत की मदद के लिए पूरी दुनिया ने अपना हाथ बढ़ाया था, उस वक्त चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने एक तस्वीर पोस्ट कर भारत का मजाक उड़ाया था। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने जो फोटो पोस्ट किया था, जिसमें एक तरफ चीन का रॉकेट उड़ता हुआ दिख रहा था, जबकि फोटो के दूसरे हिस्से में भारत में कोरोना से होने वाली मौतों की वजह से जलती चिताओं को दिखाया गया था। चीन ने भारत में होने वाली मौतों का बेशर्म मजाक उड़ाया था और लिखा था कि, "चीन में लगाई जा रही आग बनाम भारत में लगाई जा रही आग"। चीन ने उन दिनों अपने एक अंतरिक्षयान को लॉन्च किया था और कम्युनिस्ट पार्टी ने उसकी फोटो के साथ भारत में जलती लाशों की फोटो के साथ मजाक उड़ाया था।
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भारत के जख्मों पर नमक
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस फोटो की पूरी दुनिया में निंदा की गई और कई सारे यूजर्स ने इसके लिए चीन को फटकार भी लगाई थी। जिसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी ने फोटो को डिलीट कर दिया था। वहीं, बाद में ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा था, कि 'इस वक्त मानवता का ध्वज ऊंचा होना चाहिए और भारत के लिए हमदर्दी दिखानी चाहिए और चीनी समाज को नैतिकता के ऊंचे मानदंड स्थापित करनी चाहिए।' कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र का ये बयान भी भारत के जख्मों पर नमक की ही तरह था। लेकिन, अब चीन उसी स्थिति से गुजर रहा है, जिस स्थिति से भारत गुजर रहा था। चीन के अस्पतालों के बाहर मरीजों की लाइनें लगी हैं। अस्पतालों के आईसीयू वार्ड्स भर चुके हैं और श्मशान लाशों से अटे पड़े हैं। भारत में तो सरकार से सवाल भी पूछे जाते हैं, लेकिन चीनियों के पास सवाल पूछने का भी अधिकार नहीं है। चीन का रॉकेट अपने मिशन में जरूर कामयाब हो गया है, लेकिन नैतिकता की बुनियाद पर चीन पिछले साल भी फेल हुआ था और इस बार भी फेल हो रहा है।
चीन में कोरोना विस्फोट
चीन में भारी संख्या में लोग मर रहे हैं, लेकिन शी जिनपिंग प्रशासन उन मौतों को छिपा रहा है। सेंन्ट्रल न्यू एजेंसी ने राजधानी बीजिंग में अस्पतालों, फ्यूनरल पार्लरों और संबंधित अंतिम संस्कार सेंटर्स में सर्वे किया है, जिससे पता चला है, कि भारी संख्या में लोगों की मौत को छिपाया जा रहा है। वहीं, महामारी विशेषज्ञ एरिक ने कहा कि, "मौतों में तेज वृद्धि के कारण अंतिम संस्कार सेवाओं में हाल ही में विस्फोट हुआ है।" इस हफ्ते की शुरुआत में, चीन के झुहाई शहर के लोग इबुप्रोफेन खरीदने के लाइनों में लगे दिखाई दे रहे थे, वहीं काफी संख्या में लोगों को दवा फैक्ट्री ही पहुंच रहे थे। इसके साथ ही एंटीबायोटिक्स और बुखार की दवाओं की भी भारी किल्लत हो गई है।
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