फुल वैक्सीनेट व्यक्ति कितना सेफ? US स्टडी में 74 फीसदी लोगों के अंदर मिला कोरोना का लेवल बहुत ज्यादा
नई दिल्ली, जुलाई 31। दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप फिर से जोर पकड़ रहा है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में जो हालात देखने को मिले थे वो अब दुनिया के कई देशों में देखे जा रहे हैं। खासकर अमेरिका में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अब बहुत खतरनाक रूप धारण कर चुका है। एक वक्त में अमेरिका ने मास्क फ्री की घोषणा कर दी थी, लेकिन उसके बाद से जो कोरोना के केस वहां बढ़े हैं, उसे देखते हुए बीते मंगलवार को फिर से अमेरिका में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। इस बीच एक अमेरिकी स्टडी में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।
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नई स्टडी ने मास्क की अनिवार्यता को फिर से किया लागू!
दरअसल, अमेरिका में जब मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था तो उस वक्त वहां की सरकार की तरफ से ये दलील दी गई थी कि अमेरिका की एक बड़ी आबादी को टीका लगाया जा चुका है, इसलिए मास्क की अनिवार्यता को खत्म किया जा रहा है, लेकिन जो स्टडी सामने आई है, उसने फिर से मास्क को अनिवार्य करने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, एक अमेरिकी स्टडी के डेटा को जारी करते हुए CDC ने बताया है कि एक व्यक्ति जो पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुका है, अगर उसे कोरोना होता है तो वो बिना वैक्सीनेट वाले व्यक्ति के बराबर या उससे अधिक संक्रमण फैला सकता है।
वैक्सीनेट व्यक्ति में संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा !
CDC के डाटा के अनुसार, मैसाचुसेट्स में कोरोना महामारी के दौरान तीन-चौथाई लोग ऐसे फिर से संक्रमित हुए हैं, जो पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके हैं और इनमें से 4 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। अमेरिकी एजेंसी मॉर्बिडिटी एंड मॉर्टेलिटी की वीकली रिपोर्ट में ये पता चला है कि पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुका व्यक्ति फिर से कोरोना की चपेट में आया और उसकी नाक में वायरस की मौजूदगी उतनी ही मिली, जितनी कि अन्य व्यक्तियों की नाक में देखी गई।
469 मरीजों पर हुई स्टडी
CDC ने इस स्टडी को मास्क की सिफारिश के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी माना है। इस स्टडी के आंकड़ों को लेकर CDC के डायरेक्टर डॉ रोशेल वालेंस्की ने एक बयान में कहा है, "अमेरिका में मास्किंग सिस्टम को फिर से इसलिए लागू किया गया है, ताकि वैक्सीनेट व्यक्ति भी किसी दूसरे को वायरस ट्रांसमिट ना कर सके।" आपको बता दें कि ये स्टडी 469 संक्रमित मरीजों पर की गई थी। ये सभी लोग समर इवेंट्स और कई तरह के भीड़भाड़ वाले इवेंट्स को अटैंड कर चुके थे। इनमें से 74 प्रतिशत पूरी तरह से वैक्सीनेट थे, लेकिन इनमें संक्रमण की मौजूदगी अन्य मरीजों के मुकाबले ही नजर आई।