बिजली से एलर्जी के कारण इस शख्स की जिंदगी बनी नर्क, मोबाइल फोन और वाईफाई से हो जाती है ऐसी हालत
लंदन। हमने अपने जीवन में कई तरह की एलर्जी के बारे में सुना होगा, जैसे किसी को लहसुन से एलर्जी होती है तो किसी को धूल मिट्टी से। लेकिन ब्रिटेन से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक शख्स को खाने पीने की चीज नहीं बल्कि उस चीज से एलर्जी है, जिसके बिना शायद ही कोई रह पाने की सोचता हो। हम बात कर रहे हैं बिजली की। इस शख्स को बिजली से एलर्जी है। जिसके चलते यह अपने ही घर में कैद होने को मजबूर है। इस शख्स का नाम ब्रूनो बेरिक है, जिसकी उम्र 48 साल है।
किस बीमारी से जूझ रहे हैं ब्रूनो?
ब्रूनो एक समय पर बाकी लोगों की तरह की सामान्य इंसान थे। लेकिन कुछ समय पहले उन्हें अचानक थकान, शरीर में जलन की समस्या होने लगी। महज 4 साल के भीतर ही उनका वजन 31 किलो तक कम हो गया। तीन बच्चों के पिता ब्रूनो का कहना है कि उन्हें इस बात का पता लगने में कई साल लग गए कि वह एक दुर्लभ और विवादित स्थिति यानी इलेक्ट्रोसेंसिटिविटी से जूझ रहे हैं। इसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, हाइपरसेंसिटिविटी, इलेक्ट्रोफोबिया और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड इनटॉलेरेंस सिंड्रोम भी कहते हैं।
घर में करवाया है खास पेंट
पूर्व बिल्डर और ग्रेहाउंड ट्रेनर ब्रूनो अपनी पत्नी लीजा चैंबर्स (34) और तीन बेटियों के साथ रहते हैं। उन्होंने अपने बंगले में एक ऐसा खास पेंट कराया है, जो 5जी और रेडियो वेव्स को ब्लॉक कर देता है। इसके साथ ही परिवार घर में भी कम से कम बिजली का इस्तेमाल करता है। ये लोग शाम के समय कम से कम रोशनी करके रखते हैं, हीटिंग बंद कर देते हैं और टेलीविजन भी नहीं देखते। ब्रूनो कहते हैं, 'लोग कहते हैं कि हम बेवकूफ हैं लेकिन मैं सामान्य हूं।'
लोगों की बातें करती हैं परेशान
ब्रूनो और उनका परिवार लोगों की बातों से काफी परेशान हैं। लोगों का मानना है कि बिजली से भला किसे दिक्कत हो सकती है। ब्रूनो आगे कहते हैं, 'मैं भी बाकी लोगों की तरह ही था, जैसा आप जानते हैं? मैं ग्रेहाउंड (कुत्तों की एक नस्ल) ट्रेनर था। जीवनचर्या के लिए ग्रेहाउंड्स को प्रशिक्षित करता था, मैं पूरे दिन काम करता था, मेरे तीन छोटे बच्चे हैं। टीवी पर और अखबारों में ये सभी लोग कहते हैं कि 'ये केवल 5जी बेवकूफ हैं' और अगर आप मुझे किसी के सामने मोबाइल फोन के साथ खड़ा करदें या फिर कुछ बिजली से संबंधित ऑन कर दें, तब देखिए कि मेरे साथ क्या होता है।'
डॉक्टरों ने कहा 'रहस्यमयी शख्स'
वह कहते हैं कि कोई ये नहीं बोल सकता कि बिजली प्रभावित नहीं कर सकती है क्योंकि मेरे पास सबूत है। ब्रूनो ने कहा, 'मैं 4 साल तक काफी बीमार रहा- कोई नहीं जान पा रहा था कि ये क्या है। मैं डॉक्टरों के पास गया, उन्हें भी कुछ पता नहीं चला- वो मुझे 'रहस्यमयी शख्स' कह रहे थे।' आपको बता दें कई रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जाता है कि ब्रिटेन के चार फीसदी लोग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स (ईएमएफ) की संवेदनशीलता से पीड़ित हैं। लेकिन ये स्थिति वास्तव में है भी या नहीं यह अभी तक चर्चा का विषय है।
कारण जानने के लिए काफी पैसा खर्च हुआ
कुछ विशेषज्ञ तो ये दावा भी करते हैं कि ये स्थिति केवल काल्पनिक है लेकिन ब्रूनो और उनकी पत्नी कहती हैं कि उनकी स्थिति बिल्कुल असली है। बीमार होने के बाद ब्रूनो बेरिक ने अमेरिका और जर्मनी सहित कई देशों की यात्रा करने में दो लाख से अधिक पाउंड खर्च कर दिए, वो भी बस इस बात का पता लगाने के लिए कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। उनके घर में इंटरनेट, वाईफाई, स्मार्ट टीवी और बाकी सब था, साथ ही ब्रूनो का वजन भी 90 किलो था, वह एक ताकतवर बिल्डर थे। लेकिन धीरे-धीरे उनका वजन कम होता गया। इसके साथ ही उन्हें छह महीने तक बिस्तर पर भी रहना पड़ा, वह हड्डियों का ढांचा बन गए थे।
अमेरिका में मिला सवालों का जवाब
ब्रूनो ने बताया कि जब भी घर में कुछ बिजली का उपकरण चलता तो उनके चेहरे पर जलन होने लगती, सिर में झुंझलाहट होने लगती है। हालांकि अमेरिका में बीमारी के दौरान उन्हें धीरे-धीरे अपने सवालों के जवाब मिलने लगे। ये बात साल 2016 की है। अब हालात ये हैं कि अगर ब्रूनो के आसपास भी मोबाइल का इस्तेमाल होता है, तो वह इसकी रेडिएशन से खड़े नहीं हो पाते। वह अपने ही जैसे एक शख्स से मुलाकात भी कर चुके हैं, जिसका नाम जिऑफ सिम्मंड्स है। वह जिऑफ से एक सेमिनार में मिले थे। तब जिऑफ ने उन्हें वाईफाई इंटरनेट, मोबाइल फोन और बाकी सब चीजों से दूर रहने को कहा था। साथ ही एक ईएमएफ रीडर भी दिया था। बाद में ब्रूनो अपने पिता के घर रहने चले गए जहां बिजली के सामान का इस्तेमाल ना के बराबर होता है। अब वह अपने नए घर में आ गए हैं, जहां उन्होंने अपनी सुविधा के अनुसार पेंट करवाया है। हालांकि ब्रूनो घर से बाहर नहीं निकल सकते क्योंकि लोग सड़क पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं।
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