श्रीलंका की राह चला बांग्लादेश, खत्म होने को है विदेशी मुद्रा भंडार, सरकार ने विदेशी यात्रा पर लगाई रोक
भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश की हालत भी ठीक नहीं है। बांग्लादेश के पास विदेशी मुद्रा भंडार कम हो चुका है। बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की खबर के बाद सरकार ने वाशिंग मशीन, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल, एय
ढाका, 16 मईः श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे बड़े राजनीतिक और आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुकी है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि देश बेहद गंभीर आर्थिक समस्या का सामना कर रहा है। देश के पास गैस के पैसे देने तक के पैसे नहीं है। इसके साथ ही देश में बस एक दिन का पेट्रोल बचा है। इस बीच खबर है कि भारत के एक और पड़ोसी देश बांग्लादेश की हालत भी ठीक नहीं है। बांग्लादेश के पास विदेशी मुद्रा भंडार कम हो चुका है। बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की खबर के बाद सरकार ने वाशिंग मशीन, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल, एयर कंडीशन और रेफ्रिजेरेटर के आयात पर रोक लगा दी है।
विदेशी यात्रा पर लगी रोक
बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार 42 बिलियन डॉलर से कम हो गया है। इससे सिर्फ पांच महीनों तक ही आयात किया जा सकता है। हालात इस कदर खराब होते जा रहे हैं कि सरकार ने इससे निपटने के लिए सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के विदेशी यात्राओं पर रोक लगा दी है। बांग्लादेश सरकार द्वारा ऐसे प्रोजेक्ट्स पर भी रोक लगा दी गई है, जिनके लिए अधिक मात्रा में विदेशों से चीजों को आयात करने की जरूरत है।
वित्त मंत्री बोले- कड़े फैसले लेने होंगे
सार्वजनिक खरीद पर आज हुई बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए वित्त मंत्री एएचएम मुस्तफा ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम करने के लिए सरकार ने विदेशी यात्राओं को रोकने और आयात की आवश्यक्ता वाली कम महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन को स्थगित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक हालात को देखते हुए कड़े फैसले लेने की जरूरत है। एएचएम मुस्तफा कमाल ने कहा कि हमें नहीं मालूम है कि युद्ध कब समाप्त होगा। वैश्विक हालात को देखते हुए हमें फैसले लेने पड़े हैं।
जनवरी से ही हालात होने लगे खराब
बांग्लादेश में कुछ विशेषज्ञों ने विदेशी मुद्रा भंडार में कमी को रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह बताया है। कहा जा रहा है कि इसकी वजह से जरूरी चीजों की कीमतों में इजाफा हुआ है। बताया गया है कि बांग्लादेश में जनवरी के बाद से ही हालात खराब होने लगे थे। विदेशों से बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा भेजे जाने वाले पैसे में भी कमी आई है। ये कमी पिछले साल जुलाई से शुरू हुई। वहीं, आयात बढ़ता चला गया। हालांकि, अर्थशास्रियों ने कहा है कि अगर सरकार ने तेजी से कदम उठाए होते, तो हालात इस कदर नहीं हुए होते।
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