सीरिया: महिला ने बयां किया दर्द, एक टॉयलेट यूज करते हैं 60 लोग, कहीं भी कर देते हैं मिसाइल अटैक
दमिश्क। सीरिया के पूर्वी घौटा में असद की सेना ने पिछले एक सप्ताह से नरसंहार मचाया हुआ है। पूर्वी घौटा में हो रही है बमबारी में अब तक 550 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। सीरिया के पूर्वी घौटा में रहने वाली एक अमेरिकी महिला ने वहां के बद्तर होते हालातों को लेकर दर्द बयां किया है। विद्रोहियों (सीरीयन फ्री आर्मी) पर कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना ने सैकड़ों निर्दोष और मासूम लोगों को नींद की मौत सुला दिया है।
अमेरिकी महिला डिएना लिन ने कहा कि असद की सेना की किसी को भी नहीं छोड़ रही है। लिन ने कहा, 'वे मेडिकल फैसिलिटी को निशाना बना रहे हैं, वे शरणार्थियों को मार रहे है, उन्हें जो दिख रहा हैं, उन्हें वो निशाना बना रहे हैं। एक के बाद एक मिसाइल गिराई जा रही है। अगर मैं घर में हूं तो मेरे बच्चों के साथ में रहना पड़ रहा है। हमें फर्श पर रहना पड़ रहा है।
अपने दुख को बयां करती हुए 44 साल की लिन के साथ कई परिवारों को बेसमेंट के अंदर बने शरणार्थी गृहों में रहना पड़ा रहा है। जहां 60 लोगों को एक टॉयलेट यूज करना पड़ रहा है। लिन ने कहा कि यहां इलेक्ट्रिसिटी को छोडि़ए खाना, पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है।
लिन ने कहा, 'फिलहाल यहां भोजन नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए हमें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। यहां तक कि बच्चे सही से खाना भी नहीं खा पा रहे हैं।' बिगड़ते हालातों के लिए असद को जिम्मेदार ठहराती हुए लिन कहती है कि अगर वो (असद) चाहे तो खाना मिलता है, अगर वो ना चाहे तो खाना नहीं मिलता है। उसने कहा कि असद ने खाना और मेडिकल सुविधाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है।
लिन कहा, असद के शासन ने हमें दो विकल्प दे दिए हैं। या तो हम बमबारी को झेलें या फिर तथाकथित शरणार्थी गृहों में चले जाए, जो बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। लिन पूर्वी घौटा में अपने पति के साथ रहती है और वो एक इंग्लिश टीचर है। हवाई हमलों से आहत लिन ने कहा कि हालात हर दिन भयानक होते जा रहे हैं।