कतर के इस कदम से चीन को लग जाएगी आग! फीफा विश्व कप में नहीं बदेलगा ताइवान का नाम
फीफा विश्वकप के मेजबान कतर ने ताइपे द्वारा विरोध दर्ज कराने के बाद ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में सूचीबद्ध करने वाले एक ऑनलाइन आवेदन पत्र में सुधार किया है।
ताइपे, 17 जून: फीफा विश्वकप के मेजबान कतर ने ताइपे द्वारा विरोध दर्ज कराने के बाद ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में सूचीबद्ध करने वाले एक ऑनलाइन आवेदन पत्र में सुधार किया है। कतर सरकार द्वारा विश्व कप टिकटधारकों के लिए ऑनलाइन हेया कार्ड जारी करने के बाद ताइवान की सरकार ने फीफा के प्रति चिंता व्यक्त की थी, जिसमें ताइवान का उल्लेख 'ताइवान, प्रोविंस ऑफ चाइना' के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
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‘ताइवान, प्रोविंस ऑफ चाइना’ नाम बदला
कतर सरकार ने इसमें सुधार करते हुए 'ताइवान, प्रोविंस ऑफ चाइना' की जगह उसे सिर्फ 'ताइवान' कर दिया है। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कतर में विश्व कप के आयोजकों द्वारा एक पहचान पत्र के लिए आवेदन करने वाले ताइवान के लोगों के लिए चीन के संदर्भ को हटाने के बाद धन्यवाद व्यक्त किया। ताइवान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जोआन ओउ ने संवाददाताओं से कहा कि हमारे लिए यह सकारात्मक बात है। हम आयोजकों द्वारा त्वरित कार्रवाई करने के लिए उन्हें धन्यवाद अर्पित करते हैं।
ताइवान सरकार ने जताई थी आपत्ति
इससे पहले बुधवार को ताइवान के अधिकारियों ने कार्यक्रम के आयोजकों से ताइवान की संप्रभु स्थिति को "कमजोर" करने के इस कदम के बाद फॉर्म को सही करने का आह्वान किया था। बता दें कि डिजिटल हया कार्ड कतर सरकार द्वारा जारी एक डिजिटल कार्ड है। यह प्रशंसकों को देश, स्टेडियम में प्रवेश करने की अनुमति देगा और मेट्रो, बस और टैक्सियों सहित सार्वजनिक परिवहन सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।
सात दशकों से है विवाद
ताइवान और चीन सात दशकों से अधिक समय से राजनीतिक रूप से आमने-सामने हैं। चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता रहा है। बीजिंग के अधिकारियों द्वारा विदेशी संगठनों से ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में लेने या इसमें भागीदारी से इनकार करने के लिए कहता रहा है। इससे पहले कई अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में ताइवान के लिए चीनी ताइपे नाम का प्रयोग किया जाता रहा है।
चीनी ताइपे नाम का उपयोग
चीनी ताइपे को चीनी गणराज्य के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम लगभग सभी अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं जैसे ओलंपिक खेलों और एशियाई खेलों में ताइवान के लिए प्रयुक्त होता है। इसका कारण चीन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को दिया गया निर्देश है कि चीनी गणराज्य या ताइवान को चीनी जनवादी गणराज्य का ही अंग माना जाए क्योंकि चीनी जनवादी गणराज्य में ताइवान की स्वतन्त्रता को स्वीकार नहीं किया जाता।
चीन को लगा झटका
पहले की घटनाओं में, आयोजकों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से किसी भी व्यापार प्रतिशोध से बचने के लिए अक्सर आज्ञा का पालन किया है। लेकिन इस बार स्थिति बदल चुकी है। कतर ने ताइपे सरकार की आपत्ति के बाद ताइवान का मूल नाम ही रखा है। अब देखना होगा कि चीन, कतर के इस कदम पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। इस साल का वर्ल्ड कप अरब दुनिया में होने वाला पहला विश्व कप होगा। यह दक्षिण कोरिया और जापान में 2002 के टूर्नामेंट के बाद एशिया में दूसरा होगा।