महारानी की मौत के बाद दक्षिण अफ्रीका ने वापस मांगा अपना 500 कैरेट का हीरा, क्या कोहिनूर की होगी घरवापसी?
महारानी के बेशकीमती ताज के हीरे फिर से सुर्खियों में हैं। महारानी के ताज में कोहिनूर के अलावा अन्य हीरे, मोती, नीलमणि और पन्ने जड़े हुए हैं। द. अफ्रीका ने इसी ताज में लगे ‘ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका' की वापसी की मांग की है।
केपटाउन, 19 सितंबरः ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार सोमवार को हो रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने दुनिया भर से देशों के राष्ट्रप्रमुख पहुंचे हैं। इस बीच महारानी के बेशकीमती ताज के हीरे फिर से सुर्खियों में हैं। महारानी के ताज में कोहिनूर के अलावा अन्य हीरे, मोती, नीलमणि और पन्ने जड़े हुए हैं। इस ताज में जड़े भारत के कोहिनूर हीरे को वापस लाने को लेकर लंबे समय से आवाज उठती ही रही है। अब द. अफ्रीका ने इसी ताज में लगे 'ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका' की वापसी की मांग की है।
शाही छड़ी में लगा है हीरा
'ग्रेट स्टार ऑफ अफ्रीका' को कलिनन या अफ्रीका का ग्रेट स्टार कहा जाता है। दावा है कि इस हीरे को एक बडे रत्न से काटा गया है, जिसकी खोज साल 1905 में दक्षिण अफ्रीका में खनन में की गई थी। दक्षिण अफ्रीका के औपनिवेशिक अधिकारियों ने इस कीमती हीरे को ब्रिटिश रॉयल फैमिली को सौंप दिया था। और अब ये कीमती हीरा महारानी एलिजाबेथ की शाही छड़ी में लगा हुआ है। वहीं, एबीसी न्यूज के मुताबिक 17वीं शताब्दी में शाही ताज में 530.2 कैरेट का कीमती रत्न लगाया गया था। अब यह हीरा लंदन के जेवेल हाउस में रखा हुआ है।
द. अफ्रीका में शुरू हुई मुहिम
दक्षिण अफ्रीका में इस हीरे को वापस देश लाए जाने की मुहिम शुरू हो गई है। कई दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों ने ब्रिटेन द्वारा कीमती गहनों को अपने कब्जे में लिए जाने को नाजायज बताया है। द. अफ्रीका में महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद उपनिवेशवाद को लेकर एक बहस छिड़ी चुकी है। दक्षिण अफ्रीकी मीडिया इस हीरे के स्वामित्व को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। इसके साथ ही साथ मुआवजे की मांग भी की जा रही है।
सभी नुकसाई की भरपाई करे ब्रिटेन
द. अफ्रीका के एक्टिविस्ट थानडुक्सोलो ने मीडिया से कहा कि इस हीरो को तुरंत इसके मूल देश को सौंप दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारे लोगों की मेहनत का फायदा ब्रिटेन ने हमेशा ही उठाया है। अब वक्त आ गया है जब कि हमारा हीरा वापस किया जाए। हमारे खनिज भी ब्रिटेन के ही काम आते रहे हैं। दक्षिण अफ्रीकी संसद के एक सदस्य वुयोलवेथु जुंगुला ने अफ्रीकी मूल के नागरिकों से अपील की है कि वे ब्रिटेन द्वारा किए गए सभी नुकसान के लिए भरपाई की मांग करें।
6,000 से अधिक लोगों ने किया याचिका पर हस्ताक्षर
इसके साथ ही ब्रिटेन द्वारा चुराए गए सभी कीमती चीजों जैसे सोने और हीरों की वापसी की मांग की जा रही है। हीरे की वापसी के लिए change.org पर एक ऑनलाइन याचिका डाली गई है जिसपर 6 हजार से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। दक्षिण अफ्रीकी संसद के एक सदस्य जुंगुला ने ट्वीट किया कि अब वक्त आ गया है कि ब्रिटेन ने जो भी नुकसान किए हैं उनकी भरपाई करके और हीरे, सोना और कीमती रत्न जो चोरी किए गए हैं उन्हें वापस कर दे।
भारत में भी होती रही है लंबे वक्त से मांग
बता दें कि भारतीय में भी ब्रिटेन से कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग काफी लंबे वक्त से होती रही है। महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद ये मांग तेज हो गयी है। कोहिनूर महारानी के क्राउन पर लगा एक कीमती हीरा है। कोहिनूर 14वीं सदी की शुरुआत में दक्षिण भारत में मिला था। औपनिवेशिक कालखंड में यह ब्रिटेन के हाथ लग गया था और अब ऐतिहासिक स्वामित्व विवाद का विषय बना हुआ है, जिस पर भारत समेत कम से कम चार देश दावा करते हैं। भारत में भी कई बार कोहिनूर को वापस लाने की मांग होती रही है।
क्या कोहिनूर की होगी घरवापसी?
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सर सीवी रमन ने हीरों के संरचनात्मक रूप पर एक व्याख्यान के दौरान कोहिनूर का जिक्र करते हुए एक बार कहा था कि देश की स्वतंत्रता तब तक पूर्ण नहीं हो सकती जब तक यह हीरा वापस नहीं मिल जाता। पिछले 7 सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 200 से अधिक प्राचीन भारतीय धरोहरों को वापस भारत लाया जा चुका है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी और सिंगापुर जैसे कई देशों ने भारत के साथ अच्छे कूटनीतिक संबंधों के नाते भारतीय संपत्ति को लौटाया है। ऐसे में उम्मीद तो बंधी है कि कोहिनूर को भी उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और महाराजा रणजीत सिंह की आखिरी इच्छा के अनुसार भारत लाया जा सकता है।
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