तालिबान को खुश करने के लिए अफगानिस्तान की संस्कृति का अपमान, अफगानों ने कहा- शट अप इमरान
लड़कियों को पढ़ाना अफगानिस्तान की संस्कृति में नहीं, इमरान खान के बयान पर अफगानों में भारी गुस्सा।
इस्लामाबाद, दिसंबर 20: पाकिस्तान के बड़बोले और सांप्रदायिक प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान को खुश करने के लिए एक बार फिर से अफगानिस्तान का अपमान किया है, जिसके बाद अफगानों में भारी गुस्सा है और वो इमरान खान के बयान का भारी विरोध करते हुए उन्हें माफी मांगने के लिए कह रहे हैं। इस्लामाबाद में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में, जिसमें तालिबान के विदेश मंत्री को भी पाकिस्तान ने आमंत्रित किया था, वहां इमरान खान ने लड़कियों की पढ़ाई नहीं करवाने को अफगानों की संस्कृति बताई थी, जिसके बाद गुस्साए अफगान इमरान खान को आईना दिखा रहे हैं।
अफगानों का किया अपमान
अफगानिस्तान के नाम पर चंदा मागने के लिए पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में सभी 57 मुस्लिम देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सिर्फ 20 विदेश मंत्री ही शामिल हुए। वहीं, पाांच इस्लामिक देशों के विदेश मंत्री इस्लामाबाद नहीं जाकर नई दिल्ली सेन्ट्रल एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने आ गये, लेकिन सांप्रदायिक प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान को लेकर अपना प्रोपेगेंडा फैलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी और इस्लामिक देशों के सामने मजहब का हवाला देकर अफगानिस्तान की मदद की अपील की। इमरान खान ने कहा कि, ''अफगानिस्तान की मदद करना हमारा धार्मिक कर्तव्य है''। वहीं, तालिबान को खुश करने के लिए इमरान खान ने कहा कि, ''लड़कियों को शिक्षा नहीं देना अफगानों की संस्कृति है और किसी के संस्कृति में हस्तक्षेप नहीं करनी चाहिए''।
सार्वजनिक मंच से तालिबान का बचाव
इमरान खान ने इस्लामिक देशों के साथ बैठक में तालिबान का जमकर बचाव किया और तालिबान के लड़कियों के स्कूल जाने से रोकने, महिलाओं की शिक्षा को बंद करने, महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदी लगाने को अफगानिस्तान की संस्कृति कहा है। इसके साथ ही, तालिबान के मानवाधिकार के उल्लंघन का भी बचाव इमरान खान ने किया औरक कहा कि, ''हर समाज की सोच अलग अलग है और पाकिस्तान के पश्तून, जो तालिबान के बेहद करीब हैं, वहां के शहरों और गांवों मैं संस्कृति अलग अलग है और उसी तरह से अफगानिस्तान में है''। इमरान खान के इस बयान का अफगानिस्तान में काफी विरोध किया जा रहा है और अफगानिस्तान के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ साथ अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी इमरान खान को अफगानिस्तान के मुद्दे पर अपना मुंह बंद रखने को कहा है।
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इमरान के बयान पर अफगानों में भारी गुस्सा
इमरान खान के बयान पर अफगानिस्तान के लोगों में भारी गुस्सा है और वो इमरान खान से अफगानिस्तान के मुद्दे पर अपना मुंह बंद रखने को कह रहे हैं। रेडियो-टेलीविजन अफगानिस्तान के डायरेक्टर जनरल इस्माइल मियाखली ने इमरान खान के बयान पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि, ''#OIC में इमरान खान की यह टिप्पणी, कि लड़कियों की शिक्षा न देना अफगान संस्कृति का हिस्सा है, सबसे हास्यास्पद और अज्ञानतापूर्ण बयान है। हफ्तों पहले उन्होंने हक्कानी नेटवर्क को पश्तून जनजाति कहा था। क्या कोई कृपया इमरान खान को थोड़ा पढ़ा-लिखा सकता है?
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फिल्म अभिनेत्री ने दिखाया आईना
वहीं, अफगानिस्तान की फिल्म अभिनेत्री, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर फेरेश्ता काज़ेमी ने इमरान की जमकर आलोचना की है और उन्होंने अपनी मां का हवाला देते हुए कहा कि, ''इमरान खान, आपको जानकारी के लिए बता दूं कि, मेरे नाना जनरल अब्दुल बरेकजई, जो पश्तून थे, उन्होंने हाईस्कूल के बाद मेरी मां को शादी नहीं करवाई, बल्कि उन्होंने सुनिश्चित किया, कि मेरी मां यूनिवर्सिटी में दाखिला ले और मेरी मां फिजिक्स और रसायनशास्त्र में ग्रेजुएट हो''। उन्होंने आगे लिखा है कि, ''इमरान खान, आप पश्तूनों और अफगानिस्तान के बारे में कुछ नहीं जानते हैं''।
हामिद करजई ने लगाई फटकार
वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से दुष्प्रचार से दूर रहने और अफगानों की ओर से बोलना बंद करने को कहा है। हामिद करजई ने एक के बाद एक कई ट्वीट में इमरान खान को जमकर फटकार लगाई है और कहा कि, "अफगानिस्तान से पाकिस्तान की धमकी एक साफ प्रोपेगेंडा है, जबकि हकीकत ये है कि आईएसआईएस का खतरा पाकिस्तान से अफगानिस्तान की तरफ है''। यानि, हामिद करजई ने साफ तौर पर कहा कि, इमरान खान झूठ बोलते हैं कि, अफगानिस्तान से पाकिस्तान में आतंकवाद का खतरा है, जबकि हकीकत ये है कि, पाकिस्तान में आईएसआईएस-खुरासन को ट्रेनिंग दी गई है, जो अफगानिस्तान में हमले कर रहे हैं। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई इमरान खान के उस संबोधन से भारी नाराज हैं, जो इमरान खान ने इस्लामिक देशों के साथ बैठक में दिया है।